रशिया की आक्रामकता का जवाब देने के लिए अमरीका द्वारा ‘युरोपियन थिएटर फायर्स कमांड’ सक्रिय

ukraine-russia-us-european-theater-2बर्लिन/वॉशिंग्टन/किव्ह – शीतयुद्ध के दौर में परमाणु-अस्त्र-सिद्ध बैलिस्टिक क्षेपणास्त्रों के अड्डे के रूप में जानी जानेवाली युरोपियन कमांड को अमरीका ने फिर से कार्यान्वित किया है। सोमवार को अमरिकी लष्कर के मेजर जनरल स्टिफन जे. मरानिअन ने इस कमांड के सूत्रों का स्वीकार करते हुए उसे कार्यरत घोषित किया। इस कमांड का मुख्यालय, जर्मनी स्थित अमरिकी लष्कर का अड्डा होनेवाले विस्बॅडन के पास ‘मेन्झ-कॅसल’ में होगा, ऐसी जानकारी अमरिकी सूत्रों ने दी। शीतयुद्ध खत्म होने के बाद बंद कर दी गई यह कमांड, रशिया की बढ़ती आक्रामकता का जवाब देने के लिए फिर से सक्रिय की हुई दिख रही है।

पिछले कुछ महीनों में रशिया की युक्रेन तथा बेलारूस में बढ़ती लष्करी गतिविधियाँ अमरीका समेत युरोपीय देशों की चिंता बढ़ानेवालीं साबित हुईं हैं। बेलारूस में नया लष्करी अड्डा बनाने की गतिविधियाँ, लगातार होनेवाले अभ्यास और ‘एस-400’ क्षेपणास्त्र यंत्रणा तैनात करने के संकेत, यह सब कुछ पूर्वीय युरोप की सुरक्षा के लिए ख़तरा साबित होने की चेतावनी नाटो ने दी है। उसी समय, युक्रेन की सीमा के पास ८० से ९० हज़ार जवानों की तैनाती करके रशिया ने नए संघर्ष की तैयारी शुरू की होने के दावे युक्रेन तथा अमरीका द्वारा किए जा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर, अमरीका समेत नाटो सदस्य देशों ने भी लष्करी गतिविधियाँ शुरू कीं होकर, नयी कमांड सक्रिय करना यह उसी का भाग दिखाई दे रहा है।

ukraine-russia-us-european-theater-1अमरीका के रक्षा विभाग ने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान युरोप में ‘56 फिल्ड आर्टिलरी कमांड’ का गठन किया था। जर्मनी में होनेवाली इस कमांड में शीत युद्ध के दौर में, परमाणु क्षमता होनेवाली ‘पर्शिंग मिसाईल सिस्टिम’ तैनात की गई थी। शीतयुद्ध के दौर में युद्धसदृश्य स्थिति उद्भवित होने पर इस कमांड की ज़िम्मेदारी कुछ समय के लिए नाटो के पास भी सौंपी गई थी। परमाणु-अस्त्र-सिद्ध क्षेपणास्त्रों की तैनाती के कारण, रशिया के विरोध में सक्रिय और सुसज्जित होनेवाली कमांड्स में अग्रसर कमांड के रूप में यह जानी जाती थी।

अमरीका और रशिया के बीच हुई ‘आयएनएफ ट्रिटी’ के बाद सन १९९१ में यह कमांड बंद कर दी गई थी। लेकिन ‘आयएनएफ’ से दोनों देशों ने किया किनारा और रशिया का बढ़ता खतरा, इस पृष्ठभूमि पर अमरीका ने यह शीतयुद्धकालीन कमांड फिर से सक्रिय की है। जर्मनी के मेन्झ-कॅसल में मुख्यालय होनेवाली इस कमांड में, आनेवाले समय में ‘हायपरसोनिक मिसाईल्स’ तथा लॉन्ग रेंज क्षेपणास्त्र तैनात किए जाएंगे, ऐसे संकेत अमरीका के लष्करी सूत्रों द्वारा दिए गए हैं। इनमें ‘डार्क ईगल’, ‘टायफॉन’ और ‘प्रिसिजन स्ट्राईक मिसाईल’ का समावेश होने की चर्चा है।

इसी बीच, अमरीका द्वारा रशिया के नजदीक जारी लष्करी गतिविधियों पर रशिया ने नाराज़गी ज़ाहिर की। अमरीका और नाटो की नौसेना की ब्लैक सी सागरी क्षेत्र में आवाजाही बढ़ी होकर, ये गतिविधियाँ यानी रशिया की क्षमता तथा सिद्धता को आज़माने की कोशिश है, ऐसा रशियन रक्षा मंत्री सर्जेई शोईगु ने कहा। अमरीका और नाटो की गतिविधियों पर रशिया की बारीक नज़र होकर, रशिया उसे उचित समय पर प्रत्युत्तर देगा, ऐसी चेतावनी भी रक्षा मंत्री शोईगू ने दी है।

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