इथियोपिया का संघर्ष गृहयुद्ध में तब्दील होगा – संयुक्त राष्ट्र संगठन का इशारा

गृहयुद्ध में तब्दीलआदिस अबाबा – इथियोपिया में बीते कुछ महीनों से लगातार हो रहा संघर्ष गृहयुद्ध में तब्दील होगा, यह इशारा संयुक्त राष्ट्र संघ के वरिष्ठ अधिकारी रोज़मेरी डिकार्लो ने दिया है। अफ्रीकन महासंघ के राजदूत ने भी इसकी पुष्टी की है और यह इशारा दिया है कि, इथियोपिया के संघर्ष का ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ क्षेत्र पर लंबा असर पड़ सकता है। इथियोपिया के दक्षिणी ओर स्थित केनिया ने अपनी सीमा पर लष्करी तैनाती बढ़ाने का वृत्त भी सामने आया है।

इथियोपिया के तिगरे प्रांत से बीते वर्ष शुरू हुआ संघर्ष अब सीधे राजधानी आदिस अबाबा की सीमा तक पहुँचा है। तिगरे में संघर्ष कर रहे विद्रोही ‘टीपीएलएफ’ गुट ने देश के आठ अन्य सशस्त्र संगठनों के साथ नया गठबंधन स्थापित करने में सफलता हासिल की है। इस नए गठबंधन ने राजधानी आदिस अबाबा के प्रधानमंत्री अबि अहमद की सरकार का तख्ता पलटने का इशारा दिया है। इस इशारे के बाद इथियोपिया का संघर्ष चरम स्तर पर जा पहुँचा है और सरकार ने सीधे छह महीनों के आपातकाल का ऐलान किया। प्रधानमंत्री अहमद ने अपने समर्थकों के साथ इथियोपिया की जनता को हथियार उठाने का आवाहन करने का वृत्त भी प्रसिद्ध हुआ है।

गृहयुद्ध में तब्दीलविद्रोही गठबंधन और सरकार दोनों गुटों ने पीछे हटने से इन्कार करने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेचैनी निर्माण हुई है। इस वजह से संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ कई देश एवं गुटों ने राजनीतिक गतिविधियाँ गतिमान की हैं। अमरीका के दूत भी फिर से इथियोपिया में दाखिल होने की बात कही जा रही है। लेकिन, राजनीतिक गतिविधियों को सफलता प्राप्त होने की संभावना कम है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है। संयुक्त राष्ट्र संघ एवं अफ्रीकन महासंघ के अधिकारियों के बयान इसकी पुष्टी करते हैं।

‘बीते वर्ष से तिगरे में शुरू हुआ संघर्ष अब भयानक स्तर पर जा पहुँचा है। लगातार जारी संघर्ष की वजह से इथियोपिया के एवं देश की जनता और हॉर्न ऑफ अफ्रीका क्षेत्र का भविष्य अनिश्‍चितता के भंवर में फंसा है। तिगरे के गुटों ने राजधानी आदिस अबाबा की दिशा में बढ़ना शुरू किया है। तो, इथियोपिया सरकार ने आपातकाल का ऐलान करके हम हमारे अस्तित्व की जंग लड़ रहे हैं, यह ऐलान भी किया है। लगातार जारी संघर्ष की वजह से इथियोपिया में गृहयुद्ध छिड़ने की संभावना बढ़ी है’, यह इशारा संयुक्त राष्ट्र संघ की अंडर सेक्रेटरी जनरल रोज़मेरी डिकार्लो ने दिया।

गृहयुद्ध में तब्दीलवर्ष २०१८ में प्रधानमंत्री का पदभार संभालने वाले अबि अहमद ने बीते वर्ष नवंबर में तिगरे प्रांत के खिलाफ सैन्य मुहिम शुरू की थी। इस मुहिम के लिए उन्होंने पड़ोसी देश इरिट्रिया से भी सहयोग प्राप्त किया था। शुरू के कुछ महीनों में सरकारी फौज़ ने तिगरे की राजधानी के साथ अहम क्षेत्र पर नियंत्रण हासिल करने की कामयाबी हासिल की थी। लेकिन, जून के बाद स्थिति बदलने लगी और तिगरे के सशस्त्र गुटों ने जोरदार प्रतिहमले किए। तिगरे के गुटों ने प्रांत पर पूरा कब्ज़ा कर लिया है और पड़ोस के प्रांत का अहम हिस्सा भी कब्ज़े में किया है। देश के अन्य गुटों के साथ हाथ मिलाने से प्रधानमंत्री अहमद के खिलाफ संघर्ष कर रहे गुटों की ताकत अधिक बढ़ने की बात कही जा रही है।

इथियोपिया के संघर्ष की गूँज अफ्रीका के अन्य देशों में सुनाई देने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। केनिया ने अपनी सीमा पर रक्षा तैनाती बढ़ाई है। ‘साऊथ सुड़ान’ के शांति समझौते लिए खतरा निर्माण हुआ है और इस देश में फिर से हिंसा शुरू होगी, यह चिंता जताई जा रही है। सुड़ान, सोमालिया एवं इरिट्रिया में जारी गतिविधियों पर भी इथियोपियन संघर्ष का असर दिखाई देगा, यह इशारा अफ्रीका के विश्‍लेषक दे रहे हैं।

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