यूरोपिय देशों में यूक्रेन विरोधी नाराज़गी बढ़ी

नाराज़गीवियना/वार्सा – रशिया-यूक्रेन युद्ध का एक साल होने के बाद भी यूक्रेन को इस जंग में सफलता प्राप्त होने की संभावना धुंधली होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर यूक्रेन को भारी मात्रा में समर्थन प्रदान कर रहें यूरोपिय देशों में यूक्रेन के खिलाफ बनी नाराज़गी बढ़ने की घटना सामने आ रही हैं। गुरुवार को ऑस्ट्रिया की संसद में यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष का भाषण शुरू था, तभी कुछ सांसदों ने ‘वॉकआऊट’ किया। ऐसे में पोलैण्ड, बल्गेरिया और रोमानिया के किसानों ने यूक्रेनी अनाज़ की आयात को लेकर प्रदर्शन शुरू किए हैं। स्लोवाकिया की राष्ट्राध्यक्षा झुझाना कापुटोवा ने देश में यूक्रेन को प्राप्त हो रहा समर्थन कम होने की कबुली भी दी है। 

नाराज़गीपिछले साल फ़रवरी महीने में रशिया ने यूक्रेन पर हमला किया था। इसके बाद अमरीका और यूरोपिय देश यूक्रेन के समर्थन में उतरे थे। यूक्रेन यूरोप का ही हिस्सा होने का चित्र दिखा कर उसकी सहायता करना यूरोपिय जनता का कर्तव्य होने की भूमिका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश हुई। यूरोपिय देशों ने आर्थिक, सैन्य एवं अन्य स्तर की यूक्रेन को भारी सहायता प्रदान की है। अमरीका और यूरोप से प्राप्त हो रही सहायता के बलबुते पर यूक्रेन रशिया पर जीत हासिल करने में सफल होगा, ऐसे दावे दिखाए गए।

नाराज़गीलेकिन, वास्तव में रशिया-यूक्रेन संघर्ष लंबे समय तक शुरू रहेगा, ऐसा अनुमान विश्लेषक एवं शीर्ष नेता कर रहे हैं। साथ ही दूसरी ओर यूक्रेन को हो रही सहायता की वजह से यूरोपिय अर्थव्यवस्था कमज़ोर हुई हैं और इसका असर आम जनता को भुगतना पड़ रहा हैं। इस कारण से अब इन देशों में इसकी गूंज सुनाई देना शुरू होती एक के बाद एक हो रही घटनाओं से सामने आती देखी जा रही है।

हाल ही के दिनों में कुछ यूरोपिय देशों में यूक्रेन युद्ध का विरोध कर रहे गुटों ने प्रदर्शन भी किए थे। लेकिन, अब आम जनता के साथ सांसद भी यूक्रेन को प्रदान हो रही सहायता के विरोध में बयान करने लगे हैं। ऑस्ट्रिया की संसद में यूक्रेनी राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की का भाषण शुरू होने के बाद कम से कम १० सांसदों ने सदन के बाहर निकलकर निषेध जताया।

यूक्रेन से निर्यात हो रहा अनाज़ भी यूरोपिय देशों के लिए सिरदर्द बना हैं। यह अनाज़ यूरोपिय बाज़ारों में भारी मात्रा में पहुंच रहा हैं और इससे स्थानिय किसानों का नुकसान हुआ है। इस वजह से पोलैण्ड, बल्गेरिया और रोमानिया के किसानों ने पिछले हफ्ते प्रदर्शन शुरू किए हैं।

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