शरणार्थियों के झुंड़ों की वजह से स्वीड़न के समाज में बर्बरता का प्रवेश हुआ – स्वीड़िश सांसद का तीखा आरोप

स्टॉकहोम – शरणार्थियों के झुंड़ों की वजह से स्वीड़न में संगठित अपराध और गैंगवॉर तीव्र हो रहा है और स्वीड़िश समाज में बर्बरता का प्रवेश हुआ है, ऐसा तीखा आरोप सांसद एडम मार्टिनेन ने किया। मार्टिनेन ने स्वीड़न के एक ऑनलाईन अखबार में ‘इमिग्रेशन क्रिएटेड बार्बारिज़म’ नामक लेख लिखा है और शरणार्थियों के मुद्दे पर स्वीड़न की सरकार ने अपनाई नीति की कड़ी आलोचना की है। कुछ दिन पहले ही स्वीड़िश प्रशासन ने जारी की हुई एक रपट में यह ऐलान किया गया था कि, देश के अपराधिक मामलों में शरणार्थियों की मात्रा अधिक है।

migrants-in-sweden-02कुछ वर्ष पहले स्वीड़न के पूर्व प्रधानमंत्री फ्रेडरिक रेनफेल्ट ने ऐसा सनसनीखेज़ बयान किया था कि, ‘जंगली क्रूरता’ स्वीड़िश समाज की जड़ों का हिस्सा है और शेष सारा विकास बाहर से पहुँचे गुटों की वजह से हुआ है। यह बयान और स्वीड़न की अपराधिक मामलों की रपट मिलाकर ‘स्वीड़न डेमोक्रैटस्‌’ पार्टी के सांसद एडम मार्टिनेन ने सरकार की नीति के खिलाफ आक्रामक आलोचना की है। ‘बर्बरता, यह स्वीड़न के समाज का हिस्सा कभी भी नही था। लेकिन, रेनफेल्ट और उसके बाद की हुकूमतों ने शरणार्थियों के अनियंत्रित झुंड़ और उससे भड़की हिंसा के माध्यम से बर्बरता की नींव लगाई’, इन शब्दों में मार्टिनेन ने सरकार की शरणार्थियों से संबंधित नीति की आलोचना की।

Adam-Marttinen-01‘बीते कई दशकों में स्वीड़न यूरोप का सबसे अधिक शरणार्थियों को अपनानेवाले देशों में से एक रहा है। स्वीड़न डेमोक्रैटस्‌ पार्टी के लिए यह हमेशा से ही चिंता का मुद्दा बना रहा। शरणार्थियों के प्रति अपनाई गई उदार नीति की वजह से ही स्वीड़िश समाज के अन्य क्षेत्रों पर भारी असर पड़ रहा है। शरणार्थियों की वजह से बहुसंस्कृति, निवेश एवं अन्य लाभ प्राप्त होंगे, ऐसा चित्र दिखाया गया था। लेकिन, असल में बढ़ती बेरोज़गारी, विभक्त समाज और अपराधिक गिरोह की संस्कृति को ही मज़बूती प्राप्त हुई। बीते आठ महीनों के दौरान देश में १९२ अपराधिक मामले दर्ज़ हुए हैं और गिरोहों के बीच हुई मुठभेड़ में २६ लोग मारे गए है’, इन शब्दों में मार्टिनेन ने शरर्थियों की वजह से स्वीड़न में बिगड़ती हुई स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया।

इस भयानक चित्र को बदलना हो तो, स्वीड़न की शरणार्थियों से संबंधित एवं अपराधिक मामलों से जुड़ी नीति में खासा बड़ा बदलाव लाना होगा, यह दावा सांसद ने किया। शरणार्थियों के झुंड़ स्वीकारने पर पूरी पाबंदी लगाकर गुनाहगारों को सख्त सज़ा देने की आवश्‍यकता है, यह माँग भी उन्होंने रखी। स्वीड़न की जनसंख्या तकरीबन १ करोड़ से अधिक है और इसमें से २५ प्रतिशत से अधिक नागरिक विदेशी वंश के हैं। वर्ष १९९५ से २०१७ के दौरान स्वीड़न में लगभग १८ लाख शरणार्थियों के दाखिल होने की बात कही जा रही है। वर्ष २०१५ के एक ही वर्ष में स्वीड़न ने १.६० लाख से अधिक शरणार्थियों को आश्रय देने की बात सामने आयी थी।

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