अमरिका ने यूरोपीय देशों के हथियारों की आपूर्ति बढाई

स्वीडन को ‘पॅट्रिऑट’  मिसाइल भेदी यंत्रणा की आपूर्ति करेगा 

वॉशिंग्टन/बर्न: रशिया की बढती आक्रामकता का कारण बताकर अमरिका ने यूरोपीय देशों को हथियारों की आपूर्ति बढाई है, यह बात सामने आई है। हाल ही में अमरिका ने यूरोप के स्वीडन को ‘पॅट्रिऑट’ इस मिसाइल भेदी यंत्रणा की आपूर्ति को मंजूरी देने की घोषणा की थी। उसके पहले रोमानिया और पोलंड को भी ‘पॅट्रिऑट’ मिसाइल यंत्रणा देने के बारे में अनुबंध किए गए हैं। फ़िनलॅंड को भी प्रगत मिसाइलों की आपूर्ति करने के लिए मान्यता दिए जाने की जानकारी अमरिकी सूत्रों ने दी है।

कुछ दिनों पहले ही, रशिया ने कॅलिनिनग्रॅड इस सुरक्षा अड्डे पर ‘इस्कंदर’ इस परमाणुवाहक मिसाइल की स्थायी तैनाती शुरू करने की बात सामने आई है। ध्वनि से छह गुना गति वाले इस इस्कंदर मिसाइल की दूरी करीब ४०० से ५०० किलोमीटर है, ऐसा कहा जाता है। इस वजह से आधा यूरोप इस मिसाइल की रेंज में है, ऐसा इशारा बाल्टिक देशों के नेताओं ने दिया है। इस पृष्ठभूमि पर अमरिका ने यूरोप में प्रगत मिसाइल यंत्रणा और अन्य रक्षा सामग्री की आपूर्ति को तेज करना शुरू किया है।

फ़िनलॅंड और स्वीडन की हथियार बिक्री को विदेश विभाग ने दी हुई मान्यता उसीका ही हिस्सा माना जा रहा है। फ़िनलॅंड को ‘हार्पून’ और ‘सी स्पैरो मिसाइल’ दिए जाने वाले हैं। यह अनुबंध करीब ७३ करोड़ डॉलर्स का है, ऐसा कहा जा रहा है। फ़िनलॅंड ने अपनी नौसेना के लिए अमरिका की तरफ से मिसाइल खरीदने की यह पहली बारी है।

फ़िनलॅंड के साथ साथ स्वीडन को ‘पॅट्रिऑट’ मिसाइल यंत्रणा देने के लिए भी अमरिका के विदेश विभाग ने मंजूरी दी है। उसके अनुसार स्वीडन को चार ‘पॅट्रिऑट एयर एंड मिसाइल डिफेन्स सिस्टम्स’ की आपूर्ति की जाने वाली है। यह अनुबंध करीब ३.२ अरब डॉलर्स का है और उसमें ३०० मिसाइलों के साथ साथ रडार्स, कण्ट्रोल स्टेशन्स का समावेश है। यह यंत्रणा छोटे और मध्यम दूरी के ‘बॅलिस्टिक मिसाइल्स’ साथ ही ‘ड्रोन्स’ को आसानी से भेद सकती है, ऐसा कहा जाता है।

फ़िनलॅंड और स्वीडन यह दोनों देश नाटो के सदस्य न होते हुए भी अमरिका ने उनको बड़े पैमाने पर हथियारों की आपूर्ति करने का फैसला किया है। रशिया की बढती मिसाइल तैनाती, जंगी जहाज और पनडुब्बियां की आक्रामक गतिविधियाँ, लड़ाकू विमानों की ओर से यूरोप की हवाई सीमा में चल रही निगरानी, इस वजह से यह फैसला किए जाने का दावा अमरिकी सूत्र और विश्लेषक कर रहे हैं। फ़िनलॅंड और स्वीडन को की जाने वाली हथियारों की बिक्री से पहले पोलॅंड और रोमानिया इन नाटो सदस्य देशों के साथ ‘पॅट्रिऑट’ मिसाइल यंत्रणा के बारे में अरबों डॉलर्स के अनुबंध किए गए हैं।

नॉर्वे ने अमरिका से ‘एफ-३५’ यह ‘फिफ्थ जनरेशन फायटर्स’ खरीदने का अनुबंध इसके पहले ही किया है और पिछले वर्ष पहला ‘एफ-३५’ नॉर्वे में दाखिल हुआ है। उसके बाद अमरिकी मरिन्स की टुकड़ी तैनात करने की योजना को भी नॉर्वे ने मंजूरी दी है। नॉर्वे के साथ साथ डेनमार्क ने भी ‘एफ-३५’ लड़ाकू विमान विमानों के बारे में अनुबंध किया है और आने वाले कुछ महीनों में वह दाखिल होंगे, ऐसे संकेत दिए गए हैं।

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