शरणार्थियों के जरिए बढ रही हिंसा रोकने के लिए स्वीडन में ‘स्पेशल टास्क फोर्स’ का गठन

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

स्टॉकहोम – पिछले कुछ वर्षों से स्वीडन में शरणार्थियों के झुंड घुंसे है और इससे हिंसा और अन्य अपराधिक घटनाओं में बढोतरी होने का रपट सामने आया है| इस पृष्ठभूमि पर स्वीडिश पुलिस ने बढती हिंसा रोकने के लिए ‘स्पेशल टास्क फोर्स’ का गठन किया है और देश के प्रमुख शहरों में इस फोर्स की तैनाती होगी| दो महीने पहले स्वीडन के नामांकित उद्यमी ने शरणार्थियों के अनियंत्रित झुंडों की वजह से देश में गृहयुद्ध शुरू होगा, यह चेतावनी दी थी|

वर्ष २०१५ में जर्मन चान्सेलर एंजेला मर्केल ने शरणार्थियों के लिए यूरोप के द्वार खुले करने का ऐलान किया था| मर्केल के इस ऐलान का स्वीडन की सरकार ने भी समर्थन किया था| इसके बाद पिछले चार वर्षों में स्वीडन में करीबन तीन लाख से भी अधिक शरणार्थियों ने घुसपैठ करने की बात समझी जा रही है| शरणार्थियों के यह झुंड पहुंचते ही स्वीडन में अपराधिक मामलों में लगातार बढोतरी हो रही है और सियासी दलों समेत पुलिस और सुरक्षा यंत्रणा भी इन मामलों का संज्ञान लेने के लिए मजबूर हुई है| 

‘स्वीडिश सिक्युरिटी सर्व्हिस’ (सैपो) ने हाल ही में जारी किए रपट में देश में बढ रही हिंसा के पीछे चरमपंथियों की बढती मात्रा एवं इस ओर सरकार ने की हुई अनदेखी कारण होने की बात स्पष्ट की थी| सरकार ने की हुई अनदेखी का मुद्दा विस्तार के साथ रखकर अनियंत्रित शरणार्थियों को स्वीडिश समाज एवं मुल्यों की पहचान कराने में प्राप्त हुई नाकामयाबी का जिक्र भी किया गया है| इस नाकामयाबी की वजह से शरणार्थियों में बेरोजगारी एवं गरिबी की मात्रा बढ रही है और इसका असर हिंसा की घटनाओं में दिखाई दे रहा है, यह दावा भी ‘सैपो’ ने किया है|

स्वीडन की यंत्रणा ने अपने रपट में देश के तीसरें क्रमांक के बडे माल्को शहर एवं वहां पर बढ रहे अपराधिका मामलों का जिक्र किया है| माल्मो की ३० प्रतिशत से भी अधिक जनता विदेश वंश एवं शरणार्थी होने की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है और इनका अपराधिक मामलों से सीधा संबंध है, इसका एहसास भी कराया गया है| 

माल्मो शहर में पिछले दो वर्षों में बडी संख्या में बम विस्फोट किए गए है और दिन दहाडे हो रही हत्या एवं महीलाओं के यौन उत्पीडन के अपराधिक मामलों में भी बढोतरी हो रही है| ऐसी घटना रोकने के लिए पुलिस ने ‘स्पेशल टास्क फोर्स’ का गठन किया है और ऐसी अपराधिक घटना रोकने के लिए ‘ऑपरेशन होअरफ्रॉस्ट’ नाम की मुहीम भी शुरू की थी|

माल्मो की मुहीम को प्राप्त हुई सफलता देखकर अब स्वीडन के अन्य शहरों में भी ऐसी स्वतंत्र मुहीम शुरू करने की गतिविधियां शुरू हुई है| राजधानी स्टॉकहोम, गॉटेनबर्ग, उप्प्सला जैसे प्रमुख शहरों में ‘स्पेशल टास्क फोर्स’ तैनात की जाएगी, यह जानकारी वरिष्ठ पुलिस अफसर एंडर्स थॉर्नबर्ग ने साझा की|

स्वीडन की जनसंख्या करीबन एक करोड है और पिछले चार वर्षों में इस देश में तीन लाख से भी अधिक शरणार्थी दाखिल हुए है| यह सभी शरणार्थी खाडी एवं अफ्रीकी देशों से यहां पर पहुंचे है| स्वीडन के शहरों में इन शरणार्थियों की मौजुदगी बढ रही है| फिलहाल स्वीडन की जनसंख्या में इस्लामधर्मियों की मात्रा ८ प्रतिशत से अधिक है और वर्ष २०५० तक स्वीडन की एक तृतियांश जनसंख्या इस्लामधर्मी एवं शरणार्थियों की होगी, यह चेतावनी भी दी गई है|

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