दो हजार सालों के बाद इस्राइल में ‘रेड हेफर’ का जन्म

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जेरुसलेम – लगभग २००० वर्षों की अवधि के बाद इस्राइल में ‘रेड हेफर’ अर्थात पूरी तरह लाल रंग के बछड़े ने जन्म लिया है। बायबल में की गई भविष्यवाणी के अनुसार यह घटना घटी है, ऐसा दावा ज्यू धर्मी कर रहे हैं और यह घटना अपना तारणहार जल्द ही अवतार लेने वाला है, इसका संकेत है ऐसा इस समूह का कहना है। प्रेषित फिरसे अवतार लेने वाला है, इस बात पर विश्वास रखने वाले ख्रिस्त धर्मियों के ‘इवैन्जिलिकल’ समूह की भी यही धारणा है।

जिस बछड़े के शरीर पर दूसरे किसी भी रंग का दाग नहीं होगा और पूरे लाल रंग का बछड़ा इस्राइल में जन्मेगा। उसके बाद ज्यू धर्मियों का तारणहार अवतार लेगा। उसके बाद अंतिम न्याय के दिन का उदय होगा, ऐसी ज्यू धर्मियों की मान्यता है। ख्रिस्त धर्मियों के इवैन्जिलिकल’ समूह भी रेड हेफर का जन्म होने के बाद अंतिम न्याय के दिन का उदय होगा, इस पर विश्वास रखता है। रेड हेफर के जन्म के साथ ही जेरुसलेम में थर्ड टेंपल का निर्माण शुरू होगा और इसके बाद वह अंतिम न्याय का दिन आयेगा, ऐसा माना जाता है।

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इस वजह से इस घटना की तरफ सबका ध्यान लगा है। सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी गई है। दुनिया भर के प्रमुख अख़बारों ने इस सन्दर्भ में जानकारी प्रसिद्ध की है। वर्तमान में ज्यू धर्मियों के वरिष्ठ धार्मिक अधिकारी इस रेड हेफर का परिक्षण कर रहे हैं और धार्मिक कसौटियों पर गहरी जांच की जा रही है। इसके पहले सन १९९९ और सन २००२ में रेड हेफर का जन्म होने की चर्चा थी। लेकिन धार्मिक कसौटियों पर इसे नकारा गया था। इसके बाद सन २०१५ में रेड हेफर के जन्म के लिए कोशिश करने वाली ‘टेंपल इंस्टिट्यूट’ नाम का संगठन स्थापित किया गया था।

‘बिबिलिकल प्रोफ्सी’ अर्थात पवित्र धर्मग्रन्थ की भविष्यकथा के अनुसार यह घटना घटी है और आने वाले समय में अपना तारणहार अवतार लेने वाला है, इस खबर से दुनिया भर ज्यू धर्मियों का ध्यान इस खबर की तरफ आकर्षित हुआ है। २००० सालों के बाद घटी इस घटना की वजह से जेरुसलेम में थर्ड टेंपल का निर्माण होगा और प्रेषित का अवतार होगा। अंतिम न्याय का दिन भी इसके बाद शुरू होगा। इस दौरान भीषण रक्तपात वाला निर्णायक युद्ध होगा ऐसा दावा किया जा रहा है। इस वजह से रेड हेफर का जन्म मतलब दैवी संकेत साबित होता है। ऐसा विश्वास ज्यू धर्मीयों के साथ ही इवैन्जिलिकल समूह की तरफ से व्यक्त किया जा रहा है।

दौरान, २००० सालों के बाद घटी इस घटना को बहुत बड़ा महत्व प्राप्त हुआ है। आने वाले समय में इसका प्रभाव दुनिया के सामने आ सकता है। दैनिक प्रत्यक्ष में ‘इस्राइल एक प्रदीर्घ प्रवास – पर यशस्वी’ यह लेखमाला ज्यू धर्मियों का इतिहास और उसका महत्व वाचकों के सामने रखने के लिए प्रसिद्ध की गई थी और उसके पीछे यही पृष्ठभूमि है।

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