निवृत्ती वेतन के मुद्दे पर रशिया में राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के विरोध में तीव्र प्रदर्शन, हजारों प्रदर्शकों की गिरफ्तारी

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मॉस्को – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ब्लादिमीर पुतिन ने देश में निवृत्ति धारकों की आयु बढ़ाने के बारे में लिए निर्णय के विरोध में रशियन नौजवानों से तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ रही है। राजधानी मॉस्को के साथ सेंट पीटर्सबर्ग एवं अनेक शहरों में रशियन नौजवान तथा नागरिक बड़े तादाद में प्रदर्शन में शामिल हुए हैं और रशियन यंत्रणा ने भी यह प्रदर्शन तोड़ने के लिए आक्रमक कार्यवाही करने की बात सामने आ रही है। इस कार्रवाई में हजारों प्रदर्शकों को गिरफ्तार किया गया है, ऐसी जानकारी दी जा रही है।

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रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिनने हालही में देश में निवृत्ति धारकों की आयु बढ़ाने का निर्णय लिया था। उसके अनुसार पुरुषों के लिए निवृत्ती वेतन मिलने के लिए ६५ वर्ष तथा महिलाओं के लिए ६० वर्ष ऐसी नई आयु मर्यादा तैयार की गई थी। पर रशियन जनता के सभी स्तरों में इस निर्णय का जोरदार विरोध हो रहा है और पुतिन विरोधी नेता ऐलेक्सी नैव्हेल्नी ने आंदोलन पुकारा है।

रविवार को राजधानी मॉस्को के साथ सेंट पीटर्सबर्ग तथा सायबेरिया तक के अनेक शहरों में रशियन जनता प्रदर्शन के लिए रास्ते पर उतरी थी। इस प्रदर्शन में नौजवानों का बड़ी तादाद में सहभाग था। १० वर्ष के बच्चों से जेष्ठ नागरिकों तक हजारों नागरिकों का सहभाग ध्यान केंद्रित करने वाला माना जा रहा है। उस समय प्रदर्शकों ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष इनके विरोध में ‘शेम शेम, ‘डाउन विथ झार’, ‘रशिया विदाउट पुतीन’, ‘पुतीन व्हेन विल यू गो ऑन पेंशन’, जैसी घोषणाए दी गई है।

रशियन सुरक्षा यंत्रणा ने प्रदर्शन रोकने के लिए बड़े तादाद में लाठीमार तथा गिरफ्तारी करने की बात सामने आ रही है। उस समय १० वर्ष के बच्चे को तथा एक युवती को बाल खींच कर ले जाने की तस्वीरें प्रसिद्ध की गई है और इस पर तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ रही है। पर रशियन अधिकारियों ने सुरक्षा यंत्रणा के कार्यवाही का समर्थन किया है। सुरक्षा यंत्रणा के इस कार्रवाई के साथ राष्ट्राध्यक्ष पुतिन इनका निषेध करने के लिए सोमवार को फिर एक बार प्रदर्शन करने का प्रयत्न होने का दावा स्थानीय सूत्रों ने किया है।

रशिया में रविवार को राजधानी मॉस्को के साथ स्थानीय प्रांतों के प्रमुख चुनने के लिए चुनाव आयोजित किए जा रहे थे। इस चुनाव के समय जनता बड़ी तादाद में प्रदर्शन में शामिल होने से रशिया में राष्ट्राध्यक्ष पुतिन इनके विरोध में नाराजगी बढ़ने का दावा किया जा रहा है।

फिलहाल यह नाराजगी रशिया में सत्ता बदलाव इतनी तीव्र नहीं है, फिर भी आने वाले समय में परिस्थिति बदल सकती है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। फिलहाल रशियन वित्त व्यवस्था संकट में आई है और इसकी वजह से निवृत्ती वेतन के बारे में राष्ट्राध्यक्ष पुतिन को ऐसा अप्रिय निर्णय लेना पड़ रहे हैं। अमरिका के प्रतिबंधों की रशिया को परवाह ना होने की घोषणा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन से की जा रही है, फिर भी इसका रशियन वित्त व्यवस्था पर होनेवाले प्रभाव से इनकार नहीं किया जा सकता, ऐसा इस निमित्त से एक बार फिर स्पष्ट हो रहा है।

पुतिन इनकी देशांतर्गत प्रतिमा, यह उनके राजनीति का आधार स्तंभ माना जाता है। उसे झटका लगने से उसके परिणाम केवल रशिया पर नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर भी होंगे, ऐसे संकेत दिखाई दे रहे हैं।

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