सोशल मीडिया, वीडियो गेम्स के ज़रिये आतंकवादियों की ‘आयएस’ में भरती शुरू – संयुक्त राष्ट्र संघ के आतंकवाद विरोधी विभाग की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र – ‘आयएस’ के आतंकवादियों से विश्व की सुरक्षा के लिए अभ भी खतरा बना हुआ है और यह खतरा बढ़ा है। सोशल मीडिया, वीडियो गेम्स एवं ऑनलाईन माध्यमों के ज़रिए ‘आयएस’ द्वेष का प्रसार एवं आतंकवादियों को भरती कर रही है, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संघ के आतंकवाद विरोधी विभाग के प्रमुख व्लादिमीर वोरोंकोव ने दी। अफ्रीका के साहेल एवं मध्य और दक्षिणी इलाकों में इस आतंकी संगठन का विस्तार काफी चिंताजनक है, ऐसी चेतावनी वोरोंदोव ने दी।

पिछले कुछ दिनों से आतंकी संगठन ‘आयएस’ लगातार खबरों में छाया हुआ है। विश्वभर में आयएस का प्रभाव लंबे समय तक और व्यापक मात्रा में रहेगा, ऐसा बयान अमरीका के आंतरिक रक्षा विभाग ने दो हफ्ते पहले अपनी रपट में किया था। अफ़गानिस्तान में स्थित सौदी अरब, यूएई, चीन एवं अन्य देशों के दूतावासों पर हमले करने की धमकी आयएस ने दी। इसके बाद सौदी, यूएई और पाकिस्तान ने वहां के अपने दूतावास बंद किए थे।

इसके कुछ ही घंटे बाद तुर्की और सीरिया को दहलाने वाले प्रलयंकारी भूकंप का लाभ उठाकर आयएस के २० से अधिक आतंकवादी वहां के जेल से भाग निकले, ऐसी खबर प्राप्त हुई है। आयएस के यह आतंकवादी सुरक्षा सैनिकों के हाथ में अमरिकी डॉलर रखकर वहां से भाग गए, ऐसी जानकारी सामने आयी थी। इस कारागार में कैद आयएस के आतंकवादियों को अमरिकी डॉलर्स कैसे मिले, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। लेकिन, तुर्की में आए हए भूकंप की खबर के कारण इन आतंकवादियों का भागना अनदेखा हुआ है।

इसी बीच अब संयुक्त राष्ट्र संघ के आतंकवाद विरोधी विभाग ने इस आतंकी संगठन को लेकर नई चेतावनी जारी की। साल २०१४ में इराक और सीरिया में कोहराम मचाने वाला आतंकी संगठन ‘आयएस’ अभी खत्म नहीं हुआ है या इस संगठन का प्रभाव भी कम नहीं हुआ है। इराक-सीरिया के आगे आयएस का प्रभाव बढ़ रहा है, ऐसी चेतावनी राष्ट्रसंघ के आतंकवाद विरोधी विभाग के प्रमुख वोरोंकोव ने दी। संघर्ष के जारी रहते हुए इस क्षेत्र में इस आतंकी संगठन का खतरा बढ़ रहा है, ऐसा वोरोंकोव ने राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद को पेश की हुई रपट में कहा है।

आयएस संगठन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रही है और इंटरनेट, सोशल मीडिया, वीडियो गेम्स एवं ऑनलाईन गेमिंग प्लैटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके द्वेष का फैलाव एवं आतंकवादियों को भरती भी कर रहा है। साथ ही गश्त ड्रोन्स, आत्मघाती ड्रोन्स इस्तेमाल करके हमले भी कर रहा है। इसके अलावा सोशल मीडिया और गेमिंग प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल करके यह संगठन निधि भी इकठ्ठा करने में जुटा होने की जानकारी वोरोंकोव ने साझा की।

इसी बीच, अफ्रीका के साहेल क्षेत्र समेत मध्य एवं दक्षिणी हिस्से में इस संगठन ने अपना विस्तार किया है, यह भी वोरोंकोव ने स्पष्ट किया। कुछ दिन पहले राष्ट्र संघ की ‘यूएनडीपी’ ने चेतावनी देते हुए कहा था कि, बेरोजगारी और आर्थिक समस्या का मुकाबला कर रहे सब-सहारा अफ्रीकी देश अब आतंकवाद के नए केंद्र बन रहे हैं।

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