निर्वासितों से जानकारी हासिल करने के लिए बल का भी प्रयोग करें

युरोपीय महासंघ ने इटली से की माँग

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देश में आनेवाले निर्वासितों की ऊँगलियों के आदि निशान एवं अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए, ज़रूरत पड़ने पर बल का प्रयोग करने की भी तैयारी रखें, ऐसी आग्रही माँग युरोपीय महासंघ ने इटली से की है। इटली में बड़े पैमाने पर दाख़िल हो रहे निर्वासितों की, सुरक्षा की दृष्टि से उचित जानकारी हासिल करने में सरकार एवं संबंधित यंत्रणाएँ टालमटोल कर रही हैं, यह स्पष्ट हो गया था। इसके विरोध में क़ानूनी कार्रवाई करने का निर्णय लेनेवाले महासंघ ने अब एक कदम और आगे बढाते हुए इटली से निर्वासितों पर बलप्रयोग करने की माँग की है।

पिछले हफ़्ते युरोप में दाख़िल होनेवाले निर्वासितों का ठीक से पंजीकरण न किया जाने पर और उनके अधिकारों का उल्लंघन करने पर सदस्य देशों के विरोध में क़ानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी युरोपियन कमिशन ने दी थी। इन सदस्य देशों में ग्रीस, इटली, क्रोएशिया, माल्टा एवं हंगेरी का समावेश है। इटली में तक़रीबन डेढ़ लाख से भी अधिक निर्वासित दाख़िल हुए हैं, लेकिन उनमें से महज़ चन्द कुछ हज़ार निर्वासितों की जानकारी दर्ज़ हुई है, यह बात स्पष्ट हुई थी।

इस पार्श्वभूमि पर युरोपियन कमिशन ने स्वतंत्र निवेदन ज़ाहिर कर, इटली को कड़ी चेतावनी दी। ‘निर्वासितों से ऊँगलियों के निशान आदि प्राप्त करने के लिए, यदि उनके द्वारा उसका विरोध किया गया, तो कार्रवाई के लिए तथा अन्य आवश्यक जानकारी हासिल करने के लिए बल का प्रयोग करना आवश्यक साबित हो सकता है। अत: इटली को चाहिए कि वह इसके लिए आवश्यक ठोस क़ानूनी तरतूद करें। देश में आनेवाले १०० प्रतिशत निर्वासितों के पहचानचिन्ह दर्ज़ करने का काम बिना किसी विलंब के शुरू होना चाहिए’, ऐसे कड़े शब्दों में कमिशन ने इटली को सूचित किया।

इटली के वरिष्ठ मंत्रियों ने, देश की क़ानूनी तरतूदों में बल का इस्तेमाल करने की सुविधा है, यह कहते हुए इटालियन यंत्रणाओं का समर्थन किया है। लेकिन इटली के कुछ संगठन एवं संसद सदस्यों ने, कमिशन द्वारा बल का इस्तेमाल करने की माँग की जाना यह संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानवाधिकारों के विरोध में है, ऐसी आलोचना की थी।

गत महीने में फ़्रान्स में हुए आतंकवादी हमले मे, उनमें से दो आतंकवादियों ने निर्वासित बनकर युरोप में प्रवेश किया था, यह बात सामने आयी थी। साथ ही, निर्वासित के रूप में दाखिल होने पर उनकी सुयोग्य जानकारी दर्ज़ नहीं की गयी थी तथा जाँच भी नहीं की गयी थी, यह तहकिक़ात के दौरान स्पष्ट हुआ था। आतंकवादी हमलों को मद्देनज़र रखते हुए, सभी निर्वासितों की अद्ययावत जानकारी दर्ज़ करने की तथा बायोमेट्रिक जानकारी का समावेश करने की माँग फ़्रान्स के द्वारा की गयी थी। इस पार्श्वभूमि पर, निर्वासितों की सुयोग्य रूप में जानकारी दर्ज़ करने में की गयी टालमटोल, यह युरोप की सुरक्षा के लिए ख़तरे की घंटी मानी जाती है।

इस पार्श्वभूमि पर युरोपियन महासंघ ने सीमा सुरक्षा के लिए स्वतंत्र रॅपिड रिअ‍ॅक्शन फ़ोर्स तैयार करने के संकेत दिए हैं, जिसमें तक़रीबन डेढ़ हज़ार सैनिकों का समावेश किया जायेगा। जिन देशों को, सीमा पर के निर्वासितों को सँभालना मुमक़िन नहीं है, ऐसे देशों में यह दल तैनात किया जानेवाला है।

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