‘पीएलआय’ के तहत सैमसंग, फॉक्सकॉन समेत १६ कंपनियों के प्रस्ताव मंजूर

नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने मंगलवार के दिन ‘प्रॉडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव’ (पीएलआय) योजना के तहत मोबाईल हैण्डसेट का उत्पादन करनेवाली १६ विदेशी और देशी कंपनियों के प्रस्ताव मंजूर किए हैं। ‘पीएलआय’ योजना के तहत अगले पांच वर्षों में भारत में ११.५ लाख करोड़ रुपयों के स्मार्टफोन तैयार करने का लक्ष्य है। इस निवेश की वजह से देश में १२ लाख लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध होंगे, यह दावा केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साझा की है।

samsung-PLIअप्रैल महीने में केंद्र सरकार ने ४१ हज़र करोड़ रुपयों की ‘पीएलआय’ योजना का ऐलान किया था। इसके अनुसार आत्मनिर्भर भारत उपक्रम के तहत विदेशी और देशी कंपनियों को भारत में स्मार्टफोन का निर्माण करने के लिए कारखाने स्थापित करने के लिए कुछ सहुलियतें प्रदान की जाएंगी। इस योजना का लाभ उठाकर भारत में अपने कारखाने स्थापित करने के लिए और उनका विस्तार करने के लिए २२ कंपनियों ने निवेदन दाखिल करने के समाचार बीते महीने में प्राप्त हुए थे। इनमें से १६ कंपनियों के प्रस्ताव मंजूर करके उन्हें ‘पीएलआय’ योजना के तहत भारत में उत्पादन के लिए मंजूरी दी गई है।

इनमें ‘ऐपल’ के फोन तैयार करनेवाली ‘फॉक्सकॉन’, हनौई, पेगाट्रॉन और विस्ट्रोन कंपनियों का समावेश है। इनके अलावा सैमसंग, मायक्रोमैक्स, लावा, यूटीएस नियो लिंक्स, ऑप्टिमस जैसी कंपनियों के प्रस्ताव भी मंजूर किए गए हैं। स्मार्टफोन्स के क्षेत्र में ‘ऐपल’ और ‘सैमसंग’ का विश्व स्तर पर होनेवाली बिक्री में कुल ६० प्रतिशत हिस्सा है। इससे इन दो बड़ी कंपनियों का भारत में हुआ निवेश बड़ी अहमियत रखता है।

‘पीएलआय’ के तहत स्थानीय उत्पादन बढ़ाना और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन में भारत को विश्वव्यापी बनाने का उद्देश्‍य सरकार ने रखा है। ‘पीएलए’ को प्राप्त हो रहा रिस्पान्स देखकर यह योजना सफल होगी। इससे भारत की ‘इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग इको सिस्टिम’ मज़बूत होगी, यह विश्‍वास रविशंकर प्रसाद ने व्यक्त किया।

samsung-PLIकोरोना के संकट के बाद चीन के विरोध में काफी रोष बढ़ रहा है और कई कंपनियां अपने कारखाने चीन से बाहर स्थानांतरित कर रही हैं। इस अवसर का लाभ उठाने के लिए भारत ने निवेश के नियम सौम्य करने के साथ कुछ सहुलियतें भी प्रदान की हैं। स्मार्टफोन के निर्माण में भी आत्मनिर्भर होने का निर्धार भारत ने किया है। वर्ष २०१४ में भारत में दो ‘इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग युनिट’ मौजूद थे। अब यही संख्या बढ़कर २६० होने की जानकारी रविशंकर प्रसाद ने कुछ दिन पहले साझा की थी।

स्मार्टफोन के उत्पादन में भारत ने पांचवे स्थान से अब दूसरे स्थान पर छलांग लगाई है। अब चीन को पीछे छोड़कर भारत को इस मोर्चे पर पहला स्थान प्राप्त करना है। इसी दिशा में भारत की कोशिश हो रही है। इन कोशिशों के कारण अगले दिनों में स्मार्टफोन के क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर रहनेवाले चीन ने भारतीय बाज़ार में स्थापित किया हुआ वर्चस्व खत्म होगा, साथ ही जागतिक बाज़ार में भी भारत अधिक स्मार्टफोन्स की निर्यात करके चीन को बड़ा आर्थिक झटका देगा, यह दावे किए जा रहे हैं।

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