जागतिक फैक्टरी के तौर पर बनी चीन की पहचान ख़त्म हो रही है – ‘फॉक्सकॉन’ के सह-अध्यक्ष का दावा

नई दिल्ली – जागतिक उत्पादन केंद्र के तौर पर बनी चीन की पहचान अब ख़त्म हो रही है, यह बयान ‘ऐपल’ के लिए मोबाईल असेंबल कर रही ‘फॉक्सकॉन’ कंपनी के सह-अध्यक्ष यंग लियू ने किया है। अमरीका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध की वजह से तकनीकी क्षेत्र की कई नामांकित कंपनियां अपने कारखाने चीन से बाहर स्थानांतरित कर रही हैं और अन्य विकल्पों का विचार कर रही हैं। यह कंपनियां अपने कारखाने आग्नेय एशियाई देशों में स्थापित करेंगी, यह दावा भी उन्होंने किया।

foxconnफॉक्सकॉन’ कंपनी चीन के बाहर स्थित अपने उत्पादन कारखानों की क्षमता मे धीरे धीरे बढ़ोतरी कर रही है। ‘फॉक्सकॉन’ ने चीन के बाहर शुरू किए उत्पादन की मात्रा 30% तक पहुँची है। लेकिन, ‘फॉक्सकॉन’ अब भी अपना अधिकांश उत्पादन चीन में कर रही है। ऐसे में आगे के दौर में चीन जागतिक उत्पादन का केंद्र बना नहीं रहेगा, यह बात लियू ने कही है। जागतिक फैक्टरी के तौर पर बनी चीन की पहचान अब ख़त्म हो रही है, यह बात लियू ने रेखांकित की है।

कोरोना की महामारी के कारण विश्‍वभर में चीन के विरोध में बड़ी नाराज़गी है। इसी बीच अब अमरीका और चीन में जारी व्यापार युद्ध की वजह से अमरीका के साथ अन्य देशों की कंपनियां चीन से बाहर निकल रही हैं। बीते वर्ष से अमरीका और चीन में व्यापार युद्ध शुरू था। कोरोना के संकट की वजह से युद्ध और भी भड़क उठा है। अमरिकी कंपनियां चीन से बाहर निकलें, यह इशारा अमरीका ने पहले ही दिया है। इस कारण अमरिकी कंपनियों ने अपने कारखाने अन्य देशों में स्थानांतरित करना शुरू किया है।

सीर्फ अमरीका ही नहीं बल्कि जापान की कंपनियां भी चीन से बाहर निकल रही हैं। चीन से बाहर निकल रही यह कंपनियां अब भारत एवं अन्य मध्य और आग्नेय एशियाई देशों की ओर विकल्प के तौर पर देख रही हैं। भारत में अप्रैल से जुलाई महीने में विदेशी निवेश में हुई बढ़ोतरी इसी का असर हैं।

foxconn‘फॉक्सकॉन’ ने भी भारत के तमिलनाडू में अपने कारखाने का विस्तार करने की योजना बनाई है। इसके लिए यह कंपनी भारत में 7,500 करोड़ रुपयों का निवेश करेगी, यह बात कही गई है। ऐपल कंपनी के साथ सैमसंग, डिक्सन, लावा जैसी विश्‍व की 22 बड़ी कंपनियों ने 11.5 लाख करोड़ रुपयों के मोबाईल हैण्डसेट का उत्पादन भारत में करने की तैयारी दिखाई है। इसके लिए इन कंपनियों ने ‘प्रॉडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव’ (पीएलआय) नामक योजना के तहत प्रस्ताव भी पेश किए हैं।

भारत को जागतिक उत्पादन केंद्र बनाने के लिए हो रही कोशिश और चीन से बाहर निकल रहीं कंपनियों का भारत की ओर आने का झुकाव देखें तो ‘फॉक्सकॉन’ कंपनी के सह-अध्यक्ष यंग लियू ने किया दावा अगले दिनों में सच साबित होगा, यह बात दिखाई दे रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.