देश को मोबाइल उत्पादन में ‘नंबर वन’ बनाने का लक्ष्य – केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद

नई दिल्ली – ५९ चिनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया गया और भारतीयों ने २०० नए ऐप बनाए। देश की प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए, केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि चीन को पिछाड़कर मोबाईल उत्पादन में प्रथम क्रमांक पर पहुँचने का उद्देश्य घोषित किया है| पिछले छह वर्षों में, भारत इस क्षेत्र में पाँचवें से दूसरे स्थान पर पहुँच गया है, ऐसा प्रसाद ने कहा।

मोबाइल उत्पादन

केंद्रीय मंत्री प्रसाद ‘डेटा प्रायव्हसी, डेटा सिक्युरिटी’ इस विषय पर संपन्न हुए एक वेबिनार में बोल रहे थे। लद्दाख में चिनी विश्वासघात के बाद सुरक्षा कारणों से भारत ने ५९ चिनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। यह आरोप लगाया गया था कि इन ऐप्स तक पहुँचने वाला भारतीय डेटा सुरक्षित नहीं था। इसका उल्लेख करते हुए, केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने, ‘डेटा देश की संपत्ति है। भारतीयों का डेटा समाज और देश का है’ ऐसा कहते हुए, ‘इस मामले में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा’ ऐसा भरोसा दिलाया| ‘स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा क्षेत्रों के डेटा को सुरक्षित रखना जरूरी है’ ऐसा प्रसाद ने आगे कहा।

उन्होंने यह जानकारी भी दी कि केंद्र सरकार डेटा सुरक्षा के लिए एक कानून लाएगी। यह कानून पिछले साल दिसंबर में पारित किया गया था। अब संसदीय समिति इसका अध्ययन कर रही है, ऐसे सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा। सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों के डेटा को प्राथमिकता देते हुए ५९ चिनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। उसके बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से ऐप बनाने की अपील की थी। उसे उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिला होकर, अब तक २०० नए ऐप तैयार हुए हैं, ऐसी घोषणा प्रसाद ने इस समय की|

मोबाइल उत्पादन

सन २०१४ में, देश में केवल दो ही इलेक्ट्रॉनिक मॅन्युफॅक्चरिंग सेक्टर थे। आज यह संख्या २६० हो गई है, ऐसा रविशंकर प्रसाद ने कहा। मोबाइल निर्माण में देश पाँचवें से दूसरे स्थान पर आ गया है। हालाँकि, प्रथम स्थान पर होनेवाले चीन को पीछे छोड़कर वह स्थान हासिल करना है, ऐसे रविशंकर प्रसाद ने कहा| भारत उसी दिशा में काम कर रहा है, ऐसा सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री ने स्पष्ट किया।

फिलहाल दुनियाभर में मोबाईल उत्पादन क्षेत्र में चीन का दबदबा है| भारत हालाँकि मोबाइल उत्पादन में दूसरे स्थान पर है, लेकिन चीन में दुनिया की अधिकांश कंपनियों की उत्पादन फ़ैक्टरियाँ हैं। कोरोना संकट के बाद, कई बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अब चीन से बाहर निकलने की तैयारी कर रही हैं और कुछ कंपनियों ने भारत में निवेश करने की तैयारी की है। गुगल और फेसबुक जैसी कंपनियों द्वारा भारत में बड़े निवेश की घोषणा के बाद, चीन को इसकी आँच लगना शुरू हुआ है, ऐसे दावे किये जा रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर, मोबाइल निर्माण के क्षेत्र में चीन से आगे निकलने का, केंद्रीय मंत्री प्रसाद द्वारा घोषित किया गया लक्ष्य महत्त्वपूर्ण है।

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