चीन की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा – आयात में कमी और निर्यात उम्मदी के अनुसार ना बढ़ने से पुे विश्व में चिंता

बीजिंग – चीन की आयात में गिरावट होने से और निर्यात उम्मीद के अनुसार ना बढ़ने से पुरे दुनिया में चिंता जताई जा रही है। चीन की अर्थव्यवस्था वैश्विक अर्थनीति से काफी घनी जुड़ी होने से चीन में जो भी कुछ होगा, इसका परिणाम अंतरराष्ट्रीय हो सकता हैं, ऐसी चेतावनी आर्थिक विशेषज्ञों ने पहले भी दी थी। साथ ही चीन की अर्थव्यवस्था मौजूदा दौर में काफी बड़े खतरे का सामना कर रही हैं, ऐसी चेतावनी आर्थिक विशेषज्ञों ने दी थी। इस वजह से आयात में हुई लगभग आठ प्रतिशत की गिरावट और निर्यत की गति बढ़ाने में चीन को प्राप्त हुई असफलता नए संकट की सूचना दे रहे हैं, ऐसा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कह कह रहे हैं।

दो दिन पहले अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था ने चीन की आयात और निर्यात की जानकारी सार्वजनिक हुई थी। विश्व में दूसरे क्रमांक की अर्थव्यवस्था बने चीन की आयात और निर्यात अप्रैल महीने में उम्मीद के अनुसार ना होने का बयान किया गया है। मार्च की तुलना में पिछले महीने आयात १.४ प्रतिशत गिरावट के साथ ७.९ प्रतिशत तक सीमित रही। वहीं, निर्यात में उम्मीद के अनुसार बढ़ोतरी ना होने का बयान किया गया था। मार्च महीने में चीन की निर्यात १४.८ प्रतिशत थी और अप्रैल महीने में यही ८.५ प्रतिशत तक पहुंच सकी थी।

पिछले तीन सालों से कोरोना की पृष्ठभूमि पर अपना बाज़ार सीमित करने का दावा चीन ने किया था। इससे अन्य देशों की तरह देश के आयात-निर्यात पर भी असर होने का बयान चीन ने किया था। लेकिन, पिछले महीने कोरोना दौर के प्रतिबंध हटाने के बाद चीन की आयात-निर्यात फिर से विक्रमी स्तर पर पहुंचेगी। पिछले साल के आंकड़े आसानी से पीछे छुट जाएंगे, ऐसा दावा चीनी विश्लेषकों ने किया था। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ हैं, इसपर ‘इकॉनॉमिस्ट इंटलिजन्स युनिट’ नामक गुट के आर्थिक विशेषज्ञ शू तियांशेन ने कहा हैं।

वैश्विक अर्थव्यवस्था चीन के बाज़ार पर उतना भरोसा करने के लिए तैयार नहीं हैं, यही बात चीन की आयात में हुई गिरावट सुचित कर रही हैं, ऐसा अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्थाओं का कहना है। चीन का सेमीकंडक्टर्स बाज़ार भी इससे प्रभावित हुआ हैं और इसके १५.३ प्रतिशत गिरावट देखी गई है। चीन के लिए यह सबसे बड़ा झटका होने का दावा किया जा रहा हैं।

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