समान विचारधारा वाले देशों का संगठन बनाकर अमरीका करे चीन का मुकाबला – भावी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन

वॉशिंग्टन/बीजिंग – व्यापार और तकनीक के क्षेत्र में चीन की जारी हरकतें, मानव अधिकारों का उल्लंघन और अन्य गतिविधियों का मुकाबला करना हो तो समान विचारधारा वाले देशों के साथ गठबंधन करना अधिक प्रभावी साबित होगा, ऐसा दावा अमरीका के भावी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने किया है। इस दौरान बायडेन ने चीन को रोकने के लिए अमरीका को अपनी रक्षा क्षमता बढ़ानी होगी, इस ओर भी ध्यान आकर्षित किया। ज्यो बायडेन राष्ट्राध्यक्ष बनने के बाद अमरीका की चीन विरोधी नीति में बदलाव होगा, ऐसा दावा कुछ विश्‍लेषक कर रहे थे। लेकिन, बायडेन चीन को लेकर उदार नीति नहीं अपनाएंगे, यह संकेत उनके इस बयान से प्राप्त हो रहे हैं।

us-chinaअमरीका के मौजूदा राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के विरोध में काफी आक्रामक भूमिका अपनाई है। ट्रम्प ने अर्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी क्षेत्रों समेत तैवान और तिब्बत जैसे संवेदनशील मुद्दों पर लगातार चीन को लक्ष्य किया है। राष्ट्राध्यक्ष पद का कार्यकाल खत्म होने के लिए कुछ ही दिन शेष होने के बावजूद ट्रम्प और उनके प्रशासन ने चीन के विरोध में निर्णय लेने का सिलसिला बरकरार रखा है। इस वजह से चीन फिलहाल काफी बौखलाया हुआ है और बायडेन की सरकार आने पर अमरीका की नीति में बदलाव होगा, ऐसी उम्मीद चीन में व्यक्त की जा रही है।

लेकिन, बीते कुछ सप्ताहों में बायडेन के करीबी एवं सलाहकार चीन के खिलाफ अमरीका ने अपनाई नीति जारी रहेगी, ऐसे संकेत दे रहे हैं। बायडेन का नया बयान इस बात की पुष्टी करता है। ‘व्यापार, प्रौद्योगिकी, मानव अधिकार समेत कई क्षेत्रों में चीन की हुकूमत की गतिविधियां जारी हैं। इसके लिए चीन को ज़िम्मेदार ठहराकर प्रत्युत्तर देना है तो समान विचारधारा वाले एवं भागीदार देशों से गठबंधन करना अहम साबित होगा। ऐसा हुआ तो चीन के खिलाफ अपना पक्ष अधिक मज़बूत और प्रभावी साबित होगा’, यह दावा बायडेन ने किया है। इस दौरान बायडेन ने ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र की सुरक्षा का भी ज़िक्र किया।

us-chinaअमरीका और चीन के संबंधों का विचार करते समय व्यापार, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण के साथ ही ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र की सुरक्षा एवं संपन्नता का मुद्दा भी अहम होने की बात बायडेन ने कही है। इन मुद्दों पर अमरीका के सहयोगी देश यदी अपना साथ देते हैं तो हम अधिक ताकत से चीन को प्रत्युत्तर दे सकते हैं, इस बात का अहसास उन्होंने कराया है। इसी बीच बायडेन ने अमरीका की रक्षा क्षमता बढ़ाने की आवश्‍यकता होने का दावा भी किया। अमरीका को भविष्य के खतरों से मुकाबला करना है तो रक्षा क्षेत्र के सुधारों की ज़रूरत रहेगी, यह बात भी उन्होंने स्पष्ट की।

अमरीका के पूर्व वरिष्ठ लष्करी अधिकारी एवं बायडेन के सलाहकार जनरल स्टैन्ले मैक्‌क्रिस्टल ने भी कुछ दिन पहले ही यह इशारा दिया था कि, ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में जारी चीन की लष्करी आक्रामकता को रोकने में काफी देरी की गई है। चीन को प्रत्युत्तर देने के लिए अमरीका ने अपना रक्षा सामर्थ्य बढ़ाने के साथ ही उस क्षेत्र के सहयोगी एवं भागीदार देशों को भी सहायता प्रदान करके गठबंधन को मज़बूत करना होगा, यह सलाह भी जनरल मैक्‌क्रिस्टल ने दी थी।

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