परमाणु युद्ध की संभावना बढी – संयुक्त राष्ट्रसंघ के वरिष्ठ अधिकारी ने जताई चिंता

Third World Warसंयुक्त राष्ट्र: ‘दुनिया भर में सहयोग के बजाय तीव्र स्पर्धा शुरू हुई है| क्षेत्रिय समस्या अधिक से अधिक तीव्र हो रही है| इस से शस्त्र स्पर्धा भी शुरू हुई है| इसी लिए पहले के पीढीयों ने अनुभूति नही की थी, इतनी भयंकर तादाद में परमाणु युद्ध होने की संभावना बढी है’, यह चिंता संयुक्त राष्ट्रसंघ के विशेष प्रतिनिधि ‘इझुमी नाकामित्सु’ इन्होंने व्यक्त की है|

‘डिसआर्मामेंट अफेअर्स’ इस राष्ट्रसंघ से जुडे विभाग के विशेष प्रतिनिधि ‘नाकामित्सु’ इन्होंने वर्तमान की अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर बोलते समय ‘नॉन प्रोलिफरेशन ट्रिटी’ (एनपीटी) का प्रभाव कम होने का दावा किया| फिलहाल अंतरराष्ट्रीय स्तरपर सहयोग के बजाय स्पर्धा की अहमियत बढी है और कई देश समझदारी के साथ विवाद सुलझाने के बजाय शस्त्रों की खरीद को अहमियत दे रहे है, यह नाकामित्सु ने कहा है| इससे शस्त्र स्पर्धा भड रही है और हर एक देश परमाणु हथियारों की तैनाती की ओर बढ रहा है, इस बात पर राष्ट्रसंघ के विशेष प्रतिनिधि ने ध्यान आकर्षित किया है|

परमाणु युद्ध, संभावना बढी, संयुक्त राष्ट्रसंघ, वरिष्ठ अधिकारी, जताई, चिंता‘परमाणु हथियारों के निर्माण पर मर्यादा तय के लिए शीत युद्ध के समय पर तय की हुई रचना एवं समझौता अब खतम हो रहे है| इस समझौते की जगह अब दुसरा समझौता करने का विकल्प भी संयुक्त राष्ट्रसंघ के पास नही रहा है| इस वजह से परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होने की संभावना बढी है| यह परमाणु हमला किसी उद्देश्य से या हादसे की वजह से या गलतफहमी ऐसे किसी भी कारण से हो सकता है’, यह चिंता नाकामित्सु इन्होंने रेखांकित की है|

‘किसी भी क्षेत्रीय संघर्ष से पहला परमाणु हमला हुआ तो उसके परीणामों से जागतिक स्तर पर परमाणु युद्ध शुरू होगा और इसमें सभी देश झुलसेंगे’, यह डर नाकामित्सु इन्होंने व्यक्त किया है|

नाकामित्सु इन्होंने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल और परमाणु युद्ध की संभावना व्यक्त की है फिर भी इस समय किसी भी देश का नाम लेने से वह दूर रही| लेकिन, संयुक्त राष्ट्रसंघ से जुडी अंतरराष्ट्रीय परमाणु आयोग के प्रमुख ‘युकिया अमोनो’ इन्होंने ‘एनपीटी’ समझौते का भंग यह एक चिंता का विषय होने का इशारा दिया है| उसी समय ईरान और उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर कडी नजर रखना यह परमाणु उर्जा आयोग के लिए प्राथमिकता होने की जानकारी अमानो इन्होंने दी|

दौरान, चार वर्ष पहले पश्‍चिमी देशों के साथ किए हुए परमाणु समझौते का पालन करने का दावा ईरान कर रहा है| लेकिन, इस परमाणु समझौते के बल पर बडी आर्थिक सहायता प्राप्त करके ईरान अपना विवादित परमाणु कार्यक्रम आगे बढा रहा है, यह आरोप अमरिका, इस्रायल और सौदी अरब कर रहे है| साथ ही सौदी अरब ने भी परमाणु सामर्थ्य प्राप्त करने के लिए गतिविधियां शुरू की हुई दिख रही है| उत्तर कोरिया के साथ अमरिका की बातचीत असफल हुई है और इस वजह से भी कोरियन क्षेत्र में परमाणु युद्ध का खतरा बरकरार होने की बात दिख रही है| इस पृष्ठभूमि पर परमाणु युद्ध के विषय पर नाकामित्सु इन्होंने दिया इशारा यानी डरावनी संभावना नही रही है, बल्कि यह अब दुनिया के सामने खडी भयानक चुनौती होने की बात स्पष्ट हो रही है|

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