‘जी ७’ बैठक के दौरान प्रमुख देशों के नेताओं से प्रधानमंत्री की चर्चा

हिरोशिमा – जापन के हिरोशिमा में ‘जी ७’ की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की जापान, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रान्स, दक्षिण कोरिया, वियतनाम के राष्ट्रप्रमुखों से चर्चा हुई। इससे भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रही अहमियत इस बैठक में फिर से रेखांकित हुई है। इस बैठक के लिए चीन को आमंत्रित नहीं किया गया था, इस मुद्दे पर भी अंतरराष्ट्रीय माध्यम बड़ी तीव्रता से ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर भारत को ‘जापान में आयोजित ‘जी ७’ बैठक में प्राप्त हो रहा रिस्पान्स पुख्ता तौर पर दुनिया के सामने आ रहा है।  

जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा से प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रीन हाइड्रोजन, उन्नत प्रौद्योगिकी, डिजिटल और नागरी बुनियादी सुविधा के क्षेत्र और सेमीकंडक्टर के उत्पादन से संबंधित सहयोग पर चर्चा की। जापान को ‘जी ७’ का अध्यक्ष पद प्राप्त हुआ है। ऐसे में इस वर्ष के ‘जी २०’ परिषद का अध्यक्ष पद भारत को प्राप्त हुआ है। इसका दाखिला देकर दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने विकास का निधी, अन्न सुरक्षा, मौसम के बदलाव और ऊर्जा क्षेत्र की स्थिति का जायजा लिया। ग्लोबल साउथ का यानी अविकसित और विकासशील देशों को सता रही समस्याओं पर प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री किशिदा ने सोच विचार किया।

फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन के साथ हुई प्रधानमंत्री मोदी की चर्चा में द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग का मुद्दा सबसे उपर था। साथ ही रक्षा सामान का संयुक्त निर्माण करने पर एवं नागरी परमाणु ऊर्जा संबंधित सहयोग करने के मुद्दे पर भारत के प्रधानमंत्री और फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष की चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी फ्रान्स के बैसिल डे समारोह में शामिल हो रहे हैं। इसपर भी इन दोनों नेताओं की बातचीत होने की बात कही जा रही है। जर्मनी के चान्सलर ओलाफ शोल्झ से भी भारतीय प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय चर्चा हुई। इसमें क्षेत्रीय गतिविधियां और वैश्विक चुनौतियों का समावेश था। भारत और यूरोपिय महासंघ के व्यापारी सहयोग के लिए जर्मनी ने की सहायता को लेकर प्रधानमंत्री ने इस दौरान चान्सलर शोल्झ का आभार जताया। 

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषी सुनाक और इंडोनेशिया के राष्ट्राध्यक्ष जोको विडोडो से भी प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय चर्चा हुई। इसके अलावा दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष यून सूक योल के साथ भारत के प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के व्यापार, रक्षा सहयोग और सेमीकडक्टर्स निर्माण के मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा की।

वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह और प्रधानमंत्री मोदी के बीच इस दौरान ऊर्जा, निवेश एवं व्यापार के मुद्दों पर चर्चा होने की बात साझा हो रही है। दोनों देशों का रणनीतिक सहयोग अधिक व्यापक करने का निर्धार इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह ने व्यक्त किया।

जापान में आयोजित इस ‘जी ७’ बैठक में भारत की मौजूदगी और चीन की अनुपस्थिति अधिक तीव्रता से दुनिया के सामने आयी है। दुनियाभर के प्रमुख देश भारत के साथ सहयोग व्यापक करने के लिए उत्सुकता दिखा रहे हैं। इसी बीच चीन की वर्चस्ववादी गतिविधियों पर भी प्रमुख देश चिंता व्यक्त कर रहे हैं। इससे भारत की विश्वासार्हता बढ़ने के साथ ही इस दौरान चीन अपनी विश्वासार्हता गवाता दिखने लगा है। वैश्विक स्तर पर भारत का उदय और चीन की गिरावट एक ही समय पर सामने आ रही हैं। यह बात चीन को अधिक से अधिक बेचैन कर रही हैं। अंतरराष्ट्रीय माध्यम भी इसका संज्ञान लेते दिख रहे हैं। 

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