देश की प्रगति के साथ ही चुनौतियां भी बढ़ेगी – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली – ‘जिस मात्रा में भारत की आर्थिक शक्ति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव बढ़ा रही हैं, उसी मात्रा में भारत विरोधी कार्रवाईयों में भी बढ़ोतरी हो रही हैं। आनेवाले समय में देश पर अधिक संख्या में प्रहार किए जाएंगे। देश में बंधुभाव और सामजिक सलोखा को लक्ष्य करने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर से भारतीय यंत्रणाओं पर भी दबाव बढ़ाया जाएगा। इन चुनौतियों का हमें सामना करना होगा, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारा दिया हैं। इसके लिए सीबीआई तैयार रहें, ऐसा संदेश प्रधानमंत्री ने दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी‘सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन’ (सीबीआई) को ६० वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री बोल रहे थे। देश की भरोसेमंद जांच एजेन्सी कहकर प्रधानमंत्री ने ‘सीबीआई’ की सराहना की। आम जनता का भरोसा जीतना आसान बात नहीं होती, इसपर प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। साथ ही देश ने विभिन्न क्षेत्रों में किए खास तौर पर इंटरनेट बैंकिंग और यूएई की प्रगति का दाखिला प्रधानमंत्री ने इस दौरान दिया। इस पृष्ठभूमि पर साइबर अपराधों के विरोध में सख्त प्रावधान करने का आवाहन प्रधानमंत्री ने किया।

मौजूदा दौर में प्रौद्योगिकी ने की हुई जोरदार प्रगति का लाभ साइबर गुनहगार उठा रहे हैं। अन्य क्षेत्र के गुनाहों के लिए भी प्रौद्योगिकी की प्रगति का विघातक इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन, जिस तकनीक की प्रगति से यह समस्याएं उभरी हैं, इसका समाधान भी प्रौद्योगिकी से ही हासिल हो सकता है, यह कहकर ‘सीबीआई’ आनेवाले समय में इसपर अधिक से अधिक जोर दे, ऐसा प्रधानमंत्री आगे कहा। इसके लिए ‘टैक्नोसेवी’ युवापीढ़ी की सहायता प्राप्त की जा सकती है। सीबीआई में भी ऐसी क्षमता के कई युवा हो सकते हैं। साइबर गुनहगारों की समस्या का हल निकालने के लिए हम इन ‘टैक्नोसेवी’ युवाओं का अच्छी तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं, ऐसा सुझाव प्रधानमंत्री ने दिया।

इसके साथ ही भ्रष्टाचार के विरोध में किसी भी दबाव में आए बिना कार्रवाई करने का संदेश प्रधानमंत्री ने सीबीआई को दिया। इसके लिए आवश्यक राजनीतिक इच्छशक्ति सरकार रखती है और सरकार पुरी तरह से ‘सीबीआई’ के पीछे रहेगी, ऐसी गवाही प्रधानमंत्री ने इस दौरान दी। इसके साथ ही बदलते समय के अनुसार कदम बढ़ाने की सलाह भी प्रधानमंत्री ने ‘सीबीआई’ को दी है। अगले साल हम कौन से राह पर आगे बढ़ेंगे और साल २०१७ तक हम या करेंगे, इसका प्लैन ‘सीबीआई’ पेश करें और उस दिशा में बढ़ना शुरू करें, ऐसी उम्मीद प्रधानमंत्री ने व्यक्त की। 

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