चीन के साथ जारी तनाव की पृष्ठभूमि पर फिलिपाईन्स करेगा दक्षिण कोरिया से दो युद्धपोतों की खरीद

मनिला/बीजिंग – साऊथ चायना सी में चीन की वर्चस्ववादी गतिविधियों को रोकने के लिए फिलिपाईन्स ने दक्षिण कोरिया से दो युद्धपोत खरीदने का समझौता किया है। यह दोनों युद्धपोत ‘एण्टी शिप’ एवं ‘एण्टी सबमरीन’ यंत्रणाओं से लैस होंगे और अगले पांच वर्षों में यह दोनों युद्धपोत नौसेना में दाखिल होंगे, यह जानकारी फिलिपाईन्स के रक्षामंत्री डेल्फिन लौरेंज़ना ने साझा की। फिलिपाईन्स और दक्षिण कोरिया के बीच यह तीसरा रक्षा समझौता है। इससे पहले फिलिपाईन्स ने दक्षिण कोरिया से दो विध्वंसक खरीदे हैं और कोरियन नौसेना का एक ‘रिफर्बिश्‍ड’ युद्धपोत भी खरीदा है।

युद्धपोतों की खरीदचीन और फिलिपाईन्स के बीच साऊथ चायना सी के मुद्दे पर जारी विवाद काफी बढ़ता जा रहा है। पिछले महीने चीन और एसियान की बैठक के दौरान फिलिपाईन्स के राष्ट्राध्यक्ष रॉड्रिगो दुएर्ते ने चीन के कान खींचे थे। फिलिपाईन्स सरकार और सेना ने साऊथ चायना सी के मामले में लगातार तीव्रता से भूमिका अपनाकर चीन को मुँहतोड़ प्रत्युत्तर दिया था। कुछ महीने पहले फिलिपाईन्स ने चीन द्वारा हर वर्ष मछली पकड़ने पर लगाई जा रही रोक को ठुकराया था। इसके बाद फिलिपाईन्स ने साऊथ चायना सी में कृत्रिम द्विप एवं ‘मिलिटरी हब’ का निर्माण करने की गतिविधियाँ भी शुरू की थीं।

युद्धपोतों की खरीददक्षिण कोरिया के साथ नया रक्षा समझौता इसी का अगला चरण होने की बात दिख रही है। इससे पहले फिलिपाईन्स ने दक्षिण कोरिया के साथ किए हुए समझौते के अनुसार ‘बीआरपी जोस रिज़ाल’ और ‘बीआरपी एँटोनिओ लुना’ नामक युद्धपोत नौसेना में दाखिल हुए हैं। इसके बाद अगले वर्ष दक्षिण कोरिया की नौसेना ने ‘डिकमिशन’ की हुई पोहांग वर्ग की विध्वंसक अगले वर्ष फिलिपिनी नौसेना में शामिल हो रही है। इसके अलावा दो नए विध्वंसकों की खरीद के लिए किया गया समझौता फिलिपाईन्स द्वारा अपनाई गई आक्रामक नीति के संकेत दे रहा है। युद्धपोतों के बाद यूरोप से हेलीकॉप्टर्स खरीदे जाएंगे, यह जानकारी फिलिपिनी सूत्रों ने प्रदान की।

इसी बीच, अमरीका के ‘कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस’ (सीआरएस) नामक अध्ययन मंड़ल ने चीन की आक्रामक हरकतों का ज़िक्र करके एक रपट संसद में पेश की है। ‘यूएस-चायना स्ट्रैटेजिक कॉम्पिटिशन इन साऊथ चायना ऐण्ड ईस्ट चायना सीज्‌ : बैकग्राऊंड ऐण्ड इश्‍यूज्‌ फॉर कांग्रेस’ नामक इस रपट में आरोप लगाया गया है कि, ‘साऊथ चायना सी’ और ‘ईस्ट चायना सी’ क्षेत्र पर वर्चस्व पाने के लिए चीन की ‘सलामी स्लाइसिंग’ एवं ‘ग्रे ज़ोन वॉरफेअर’ का इस्तेमाल करने की कोशिश जारी है।

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