‘ईस्ट तुर्कस्तान इस्लामिक मुवमेंट’ चीन की सुरक्षा के लिए खतरनाक – कनाड़ा के अभ्यासगुट का इशारा

बीजिंग/काबुल – चीन के झिंजियांग प्रांत में मौजूद उइगरवंशियों की ‘द ईस्ट तुर्कस्तान इस्लामिक मुवमेंट’ (ईटीआयएएम) संगठन चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकती है, ऐसा इशारा कनाड़ा के अभ्यासगुट ने दिया है। तालिबान इस संगठन के साथ ताल्लुकात तोड़ दे, इस मंशा से चीन और पाकिस्तान कोशिश कर रहे हैं। फिर भी वास्तव में तालिबान ने इस पर विशेष रिस्पान्स नहीं दिया है। कुछ दिन पहले अफ़गानिस्तान से अमरीका की वापसी के दौरान चीन लष्करी संघर्ष के लिए तैयार रहे, यह आवाहन राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने किया था। अमरीका की वापसी के कारण झिंजियां में उइगरवंशियों को बल प्राप्त होगा, यह दावा भी इस बीच चीन की हुकूमत ने किया था।

‘ईस्ट तुर्कस्तान इस्लामिक मुवमेंट’बीते महीने में तालिबान के शिष्टमंडल ने चीन का दौरा किया था। इस बीच चीन के विदेशमंत्री वैंग यी ने ‘ईटीआयएएम’ संगठन चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा होने का इशारा तालिबानी शिष्टमंडल को दिया था। ‘ईटीआयएएम’ झिंजियांग प्रांत के साथ ही पाकिस्तान में चीन के हितों को भी नुकसान पहुँचाएगा, यह दावा चीन के विदेशमंत्री ने किया था। बीते महीने दासु प्रकल्प में हुए बम विस्फोट में ‘ईटीआयएएम’ एवं ‘तेहरिक ए तालिबान’ आतंकी गुटों का हाथ होने की बात पाई गई थी। इसके बाद चीन ने ‘ईटीआयएएम’ को लेकर अपनी भूमिका अधिक आक्रामक करने की बात सामने आ रही है।

‘ईस्ट तुर्कस्तान इस्लामिक मुवमेंट’‘ईटीआयएएम’ अंतरराष्ट्रीय स्तर के आतंकी संगठन के तौर पर जाना जाता है। इस गुट का अफ़गानिस्तान के कुंदुझ, तखर और बदाख्शन प्रांतों में बड़ा प्रभाव है। ‘ईटीआयएएम’ के आतंकी सीरिया के संघर्ष में शामिल होने की बात सामने आयी थी। इस पृष्ठभूमि पर कनाड़ा के ‘द इंटरनैशनल फोरम फॉर राईटस्‌ ऐण्ड सिक्युरिटी’ नामक अभ्यासगुट ने यह संगठन चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकती है, यह दावा किया है। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने ‘ईटीआयएएम’ को आतंकी संगठनों की सूचि से हटाया था, इस ओर भी इस अभ्यासगुट ने ध्यान आकर्षित किया है।

चीन ने बीते कुछ वर्षों में उइगरवंशियों के खिलाफ अत्याचारों की तीव्रता बढ़ाने की बात भी अलग अलग रपटों से सामने आयी थी। इसका इस्तेमाल करके ‘ईटीआयएएम’ जैसी संगठन अपना प्रभाव बढ़ाएगी और हमले भी करेगी, ऐसा इस रपट में कहा गया है। साथ ही दैनिक ‘एशिया टाईम्स’ की खबर में तालिबान ‘ईटीआयएएम’ के ताल्लुकात पूरी तरह से नहीं तोड़ेगी, यह दावा किया गया है। तालिबान का वरिष्ठ नेतृत्व चीन और पाकिस्तान से वादे कर रहा है, फिर भी तालिबान के कमांडर्स इसके लिए तैयार ना होने की बात ‘एशिया टाईम्स’ ने अपनी खबर में कही है।

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