अकेली अमरीका चीन का समुद्री विस्तार रोक नहीं सकती – फिलिपाईन्स के पूर्व नौसेना अधिकारी

ताइपे – ‘ईस्ट और साऊथ चायना सी’ क्षेरों में चीन की लष्करी गतिविधियों में खतरनाक ढ़ंग से बढ़ोतरी हो रही है। इन क्षेत्रों की सुरक्षा कोई एक देश नहीं कर सकता, बिल्कुल अमरीका के लिए भी चीन के इस विस्तार को रोकना मुमकिन नहीं है। इस वजह से वर्णित क्षेत्र की अखंड़ता के लिए ताइवान, जापान और फिलिफाईन्स की एकजुट होने की आवश्‍यकता है’, ऐसा आवाहन फिलिपाईन्स के पूर्व नौसेना अधिकारी रिअर एडमिरल रोमेल जूड ओंग ने किया है।

china-sea-expansion-usईस्ट और साऊथ चायना सी क्षेत्र के ‘फर्स्ट आयलैण्ड चैन’ के हिस्से वाले ताइवान, जापान और फिलिपाईन्स की सुरक्षा को चीन की समुद्री आक्रामकता से खतरा होने का बयान ओंग ने एक अखबार से बातचीत करते समय किया। ताइवान, जापान और फिलिपाईन्स का संयुक्त लष्करी युद्धाभ्यास विकल्प नहीं है बल्कि यह एक अनिवार्यरता हो गई हैं, यह बात ओंग ने स्पष्ट की। क्योंकि, ताइवान, जापान और फिलिपाईन्स की सुरक्षा एक-दूसरे से अलग नहीं है बल्कि एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। यह तीनों देश स्वतंत्रता से चीन के समुद्री विस्तार को रोक नहीं सकते। लेकिन, वे एक-दूसरे के साथ सहयोग स्थापित करें तो यह मुमकिन होगा, ऐसा दावा भी ओंग ने किया।

उत्तरी ओर के बाशी का समुद्री क्षेत्र फिलिपाईन्स के लिए अहम है। सेंकाकू द्विपों की सुरक्षा जापान के लिए बड़ी आवश्‍यक है। इन दोनों समुद्री क्षेत्रों के बीच में ताइवान कड़ी होने के कारण इन तीनों देशों का संयुक्त युद्धाभ्यास बड़ा अहम साबित होगा, ऐसा बयान ओंग ने किया है। इससे पहले जापान और फिलिपाईन्स की सेना और नौसेना ने युद्धाभ्यास किया था। लेकिन, इन तीनों देशों का स्वतंत्र युद्धाभ्यास अब तक नहीं हुआ है।

इसी बीच, अफ़गानिस्तान से शर्मनाक वापसी के बाद अमरीका ने मित्रदेशों का विश्‍वास खो दिया है। यूरोपिय देशों में अमरीका के खिलाफ तीव्र नाराज़गी है। क्या चीन के खिलाफ अपने मित्रदेशों को सहायता करने की इच्छा अमरीका रखती है? ऐसी आशंका जताई जा रही है। चीन भी अमरीका की सेना वापसी की ओर ध्यान केंद्रीत करके ताइवान और अपने खिलाफ खड़े हुए अन्य देशों को अमरीका पर निर्भर ना रहे, ऐसे धमका रहा है। ऐसी स्थिति में ताइवान, जापान और फिलिपाईन्स की एकजुट अनिवार्य होने का बयान करके पूर्व नौसेना अधिकारी रिअर एडमिरल रोमेल जूड ओंग ने चीन के खतरे का सामना कर रहे देशों को संदेश दिया है।

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