संसद में ‘एनिमी प्रॉपर्टी बिल’ मंज़ूर

नई दिल्ली, दि. १४: भारत का दुश्मन पक्ष और उनसे संबंधित किसी की भी भारत में होनेवाली सम्पत्ति को अपने कब्जे में करने का अधिकार सरकार को देनेवाला ‘एनिमी प्रॉपर्टी बिल’ राज्यसभा ने मंज़ूर किया| इस विधेयक के अनुसार, सन १९६८ में किये गये कानून में बदलाव किये गये हैं| जंग के बाद पाकिस्तान और चीन में गये और फिर भी भारत स्थित अपनी सम्पत्ति पर मालिक़ियत जतानेवालों के दावे इस विधेयक से ख़ारिज़ होंगे| इस नये विधेयक से, देशभर में बिखरी हुई तक़रीबन एक लाख करोड़ रुपये की सम्पत्ति पर कब्ज़ा करने का हक़ सरकार को मिला है|

‘एनिमी प्रॉपर्टी बिल’

भारत की संसद में सन २०१० में पहली बार ‘एनिमी प्रॉपर्टी बिल’ पेश किया गया था| लेकिन इस बिल में प्रस्तावित किये गये कई बदलावों के कारण इस विधेयक की मंज़ुरी हर वक्त प्रलंबित होती रही| आखिरकार पिछले साल लोकसभा ने यह विधेयक पारित किया था| इसके बाद, राज्यसभा द्वारा सूचित किये सुझावों को स्वीकृत करने के पश्चात् सदर विधेयक मंज़ूर हुआ, ऐसे घोषित किया गया! विधेयक की वैधता को बरक़रार रखने के लिए लगभग पाँच बार अध्यादेश जारी किये गये, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी|

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड स्थित जायदाद पर दावा जतानेवाले ‘राजा ऑफ महमुदाबाद’ ने दाखिल की याचिका की पृष्ठभूमि पर सरकार ने ‘एनिमी प्रॉपर्टी बिल’ पेश किया था| जंग के बाद चीन और पाकिस्तान में चले गये लोगों के, भारत में होनेवाली सम्पत्ति पर के दावों के संदर्भ में करीबन डेढ़ हज़ार मुक़दमें भारत के अनेक न्यायालयों में प्रलंबित हैं| नये विधेयक के अनुसार उन्हें जल्द ही अंजाम तक पहुँचाया जायेगा, ऐसी आशा जतायी जाती है|

भारत के गृहमंत्री ने, ‘एनिमी प्रॉपर्टी बिल’ का दुरुपयोग नहीं होगा और उसपर अमल करते समय मानवाधिकार का उल्लंघन भी नहीं होगा, ऐसा भरोसा दिलाया| उसी समय, पाकिस्तान ने भारत में आये लोगों की सम्पत्ति अपने कब्जे में ले ली है, इसी कारण नया विधेयक यह नैसर्गिक न्याय साबित होगा, ऐसी प्रतिक्रिया भी केंद्रीय गृहमंत्री ने दी|

Leave a Reply

Your email address will not be published.