पैलेस्टिन के राष्ट्राध्यक्ष चीन दौरे पर दाखिल

बीजिंग – पैलेस्टिन के राष्ट्राध्यक्ष महमूद अब्बास के चार दिन के चीन दौरे शुरूआत मंगलवार को हुई। खाड़ी में अपना प्रभाव बढ़ा रहे इस्रायल-पैलेस्टिन की रुकी पड़ी शांतिवार्ता चीन शुरू करें, ऐसी मांग लेकर अब्बास चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। दो महीने पहले चीन ने सौदी अरब और ईरान के सहयोग के लिए मध्यस्थता करके इस क्षेत्र में अमरीका के प्रभाव को झटके दिए थे। इसके बाद हम इस्रायल-पैलेस्टिन विवाद खत्म करने के लिए उत्सुक है, यह दावा चीन ने किया था। इस पृष्ठभूमि पर पैलेस्टिन के राष्ट्राध्यक्ष अब्बास का चीन दौरा अमरीका के लिए नई चुनौती साबित होगा, ऐसा दावा किया जा रहा है। 

पिछले कुछ सालों से इस्रायल और पैलेस्टिन की शांति वार्ता रुकी हैं। इस्रायल इस चर्चा के लिए तैयार नहीं हैं और अमरीका भी इसको लेकर उदासीन होने की आलोचना हो रही हैं। इसके साथ ही पिछले कुछ सालों से इस्रायल ने गाज़ापट्टी समेत वेस्ट बैंक में भी सैन्य कार्रवाई शुरू की है, ऐसा आरोप पैलेस्टिनी नेता लगा रहे हैं। ऐसे में इस्रायल के पक्ष में खड़े अमरीका से ज्यादा चीन ही यह मध्यस्थता करने के लिए अधिक अच्छा विकल्प साबित होगा, ऐसा पैलेस्टिनी नेता कहने लगे हैं। राष्ट्राध्यक्ष अब्बास के चीन दौरे की यह पृष्ठभूमि हैं। 

इस दौरे में पैलेस्टिनी राष्ट्राध्यक्ष महमूद अब्बास चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग एवं प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात करेंगे। साथ ही व्यापारी सहयोग को लेकर भी इनकी चर्चा होगी, यह जानकारी सामने आ रही हैं। पैलेस्टिनी राष्ट्राध्यक्ष का यह पांचवा चीन दौरा हैं। लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष अब्बास का यह चीन दौरा पहले की तुलना अधिक अहम साबित होगा, ऐसा दावा किया जा रहा है। पिछले कुछ हफ्तों में चीन की मध्यस्थता के कारण सौदी अरब और ईरान का सहयोग स्थापित हुआ है।

खाड़ी देशों में चीन के बढ़ते इस हस्तक्षेप की वजह से अमरीका का इस क्षेत्र में प्रभाव खत्म होर हा हैं और इसके लिए बायडेन प्रशासन ज़िम्मेदार होने का आरोप अमरीका में लगाया जा रहा है। सौदी और अन्य अरब मित्र देशों के साथ ही इस्रायल का भी अमरीका पर भरोसा नहीं रहा है। ऐसी स्थिति में इस्रायल और पैलेस्टिन की शांति वार्ता आयोजित करने में चीन कामयबा होता हैं तो वह अमरीका के लिए काफी बड़ा झटका होगा, ऐसी चेतावनी विश्लेषक दे रहे हैं। 

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