‘पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर (पीओके) के ‘गिलगिट-बाल्टिस्तान’ को पाकिस्तान अपना पाँचवा प्रान्त घोषित करेगा’ : पाकिस्तान के मंत्री

इस्लामाबाद/नवी दिल्ली, दि. १५ : ‘गिलगिट-बाल्टिस्तान’ को अपना पाँचवा प्रान्त घोषित करने की तैयारी पाकिस्तान ने की है| इसके लिए पाकिस्तान की घटना में सुधार करना पड़ेगा और इसकी तैयारी भी की जा चुकी है, ऐसी जानकारी पाकिस्तान के मंत्री रियाझ हुसेन पिरझादा ने मीडिया को दी| ‘गिलगिट-बाल्टिस्तान सहित पाकिस्तान के कब्ज़ेवाला पूरा कश्मीर प्रांत (पीओके) भारत का अभिन्न हिस्सा है’ ऐसा भारत ने कई बार स्पष्ट किया है| इसी वजह से पाकिस्तान की इस घोषणा पर भारत की ओर से तीखी प्रतिक्रिया अपेक्षित है| साथ ही, फिलहाल पाकिस्तान के खिलाफ खड़ी हुई पीओके की जनता से भी तीखी प्रतिक्रिया आ सकती है|

‘गिलगिट-बाल्टिस्तान’पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाझ शरीफ के सलाहगार सरताझ अझिज की अध्यक्षता में एक समिति ने सरकार को, ‘गिलगिट-बाल्टिस्तान’ को जल्द से जल्द पाकिस्तान का पाँचवा प्रान्त घोषित करने की सिफ़ारिश की है| पाकिस्तान की घटना में इस तरह का प्रावधान मुमकिन नहीं है| इस कारण घटना में सुधार करने की ज़रूरत है और इसकी तैयारी भी पाकिस्तान ने शुरू की है| रियाझ पिरझादा ने पाकिस्तान की मीडिया में दिये इंटरव्यू में यह जानकारी दी है|

पाकिस्तान-चीन की महत्त्वाकांक्षी परियोजना ‘इकॉनॉमिक कॉरिडोर-सीपीईसी’ ‘गिलगिट-बाल्टिस्तान’ से होकर जाती है| ‘गिलगिट-बाल्टिस्तान’ को पाँचवा प्रान्त घोषित करके उसे पाकिस्तान के साथ जोड़ा गया, तो इस प्रांत को घटनात्मक दर्जा मिलेगा और उसका लाभ ‘सीपीईसी’ परियोजना को मिलेगा, ऐसा दावा पाकिस्तानी मीडिया कर रही है| इस परियोजना का ‘गिलगिट-बाल्टिस्तान’ की जनता कड़ा विरोध कर रही है| यहाँ पर परियोजना शुरू करने का अधिकार केवल यहाँ की जनता को है| पाकिस्तान अपने आप ऐसा निर्णय नहीं ले सकता, ऐसी आलोचना यहाँ की जनता कर रही है|

इसी वजह से, पाकिस्तान ने अपने पंजाब, सिंध, बलुचिस्तान व खैबर-पख्तुनवाला इन चार प्रांतो के साथ अब ‘गिलगिट-बाल्टिस्तान’ को अपना पाँचवा प्रान्त घोषित करने की तैयारी की है| इसी वजह से कश्मीर पर पाकिस्तान का दावा और भी अधिक मजबूत होगा, ऐसा पाकिस्तान के विश्‍लेषकों का कहना है| लेकिन इससे, पाकिस्तान ने अब तक कश्मीर के सिलसिले में अपनाई भूमिका को धक्का लग सकता है| कश्मीर की जनता को स्वयं अपना निर्णय लेने का अधिकार मिलना चाहिए, ऐसी पाकिस्तान की अब तक माँग थी| लेकिन अपने कब्ज़ेवाले कश्मीर के ‘गिलगिट-बाल्टिस्तान’ की जनता को स्वयंनिर्णय का और शासन का अधिकार भी पाकिस्तान ने नहीं दिया है| उल्टे यह प्रांत अब हमारा ही भूभाग है, ऐसा घोषित करके, पाकिस्तान यहाँ की जनता की पीठ में छुरा भोंक रहा है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

इससे, चीन के साथ ‘सीपीईसी’ परियोजना को अधिक वैधता मिलेगी| लेकिन यहाँ की जनता का विरोध और तीव्र होने की वजह से इस परियोजना को और यहाँ पर रहनेवाले पाकिस्तान के कब्ज़े को भी ख़तरा पहुँच सकता है| दो साल पहले पाकिस्तान ने इस तरह की कोशिश की थी| लेकिन स्थानीय लोगों के कड़े विरोध की वजह से पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा था|

‘गिलगिट-बाल्टिस्तान’ यह जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है और कश्मीर के विभाजन का अधिकार पाकिस्तान को किसी ने भी नहीं दिया है, इन शब्दों में यहाँ के स्थानिक नेता जुनैद कुरेशी ने दो दिन पहले ही पाकिस्तान को फ़टकार लगायी थी|
पाकिस्तान की वर्चस्ववादी भूमिका की वजह से ‘गिलगिट-बाल्टिस्तान’ की जनता का भ्रमनिरसन हुआ है और अब यहाँ पर भारत के राष्ट्रध्वज को लहराया जाता है| इससे झटका लगे पाकिस्तान ने, ‘गिलगिट-बाल्टिस्तान’ की जनता पर दबाव ड़ालने के प्रयोग शुरू किए हैं| इसके बावजूद भी यहाँ की जनता की आवाज़ को दबाने की पाकिस्तान की कोशिशें नाकाम हुई हैं, ऐसा दिखाई दे रहा है|

पाकिस्तान के बलुचिस्तान प्रान्त की जनता आ़ज़ादी की माँग कर रही है| खैबर-पख्तुनवाला प्रान्त पर पाकिस्तान का नहीं, बल्कि स्थानिक गुटों का नियंत्रण है| कराची शहर समेत सिंध प्रांत पर नियंत्रण पाने के लिए पाकिस्तानी सेना को कार्रवाई करनी पड़ी थी| लेकिन इस कोशिश में भी उसे पूरी तरह सफलता हासिल नहीं हो पायी थी| ऐसे हालात में ‘गिलगिट-बाल्टिस्तान’ को पाकिस्तान का पाँचवा प्रान्त घोषित करके पाकिस्तान ने नया मोरचा शुरू किया है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

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