तैवानी जनप्रतिनिधियों की भारत यात्रा को लेकर चीन की धमकी

बीजिंग, दि . १५ : तैवान के तीन जनप्रतिनिधियों का प्रतिनिधीमंडल भारतयात्रा पर आने के बाद चीन ने उसपर निषेध जताया है|   ‘तैवान यह चीन का भूभाग होकर, भारत ‘वन चायना’ नीति को चुनौती ना दें’ ऐसा चीन के विदेशमंत्रालय ने कहा है| चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने, भारत आग से खेल रहा है, ऐसी आलोचना की| लेकिन इस संदर्भ में चीन ने लगाये इल्ज़ाम खारिज करते हुए भारत ने, तैवानी प्रतिनिधीमंडल की यात्रा में विपरित कुछ भी न होने का खुलासा किया|

जनप्रतिनिधियोंसोमवार से तैवानी संसद के तीन सदस्यों की भारत यात्रा शुरू हुई है| ‘इंडिया तैपेई असोसिएशन’ ने आयोजित किये कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यह प्रतिनिधीमंडल भारत में दाखिल हुआ है| लेकिन ‘तैवान यह स्वतंत्र देश न होकर, वह अपना ही भूभाग है’ ऐसा दावा करनेवाले चीन ने इस यात्रा का निषेध किया| ‘चीन की सरकार ही तैवान का सच्चा प्रतिनिधित्व कर सकती है| इसी कारण तैवान के तथाकथित जनप्रतिनिधियों की भारतभेंट पर हम निषेध जता रहे हैं| चीन के साथ राजनैतिक संबंध रहनेवाले सभी देश ‘वन चायना’ नीति का स्वीकार कर लें, ऐसी चीन की उम्मीद होती है| भारत ने भी चीन की इस नीति का आदर करना चाहिए, ऐसा हम आवाहन करते हैं’ ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा है|

जनप्रतिनिधियोंवहीं, चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने भी इस यात्रा को लेकर भारत को चुनौती दी है| ‘अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन की ‘वन चायना’ नीति को चुनौती देना छोड़ दिया है| ऐसी परिस्थिति में, भारत तैवान के प्रतिनिधीमंडल को आमंत्रित करके आग के साथ खेल रहा है’ ऐसी आलोचना ‘ग्लोबल टाईम्स’ में छपे लेख में की गयी है| ‘चीन पाकिस्तानसमेत ‘इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ प्रकल्प विकसित कर रहा होकर, यह प्रकल्प कश्मीर के विवादग्रस्त भूभाग से जा रहा है| इसी कारण चीन को चुनौती देने के लिए भारत ने तैवान के प्रतिनिधीमंडल को आमंत्रित किया’ यह दावा इस लेख में किया गया|

तैवान का मसला यह चीन का मर्मस्थान होने की धारणा भारत सरकार ने बना ली है| इसी कारण भारत ने यह कार्रवाई की| लेकिन इस नीति की वजह से भारत का ही काफ़़्ई नुकसान होगा, ऐसी चेतावनी इस अखबार ने दी| लेकिन इस सवाल पर बात करते समय भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने चीन के आक्षेप खारिज़ किये हैं| ‘तैवानी प्रतिनिधीमंडल की भारतभेंट के पीछे राजकीय हेतु नहीं हैं| यह इस प्रतिनिधीमंडल की निजी भेट होकर, उसके पीछे व्यापारी, धार्मिक़ और पर्यटन का हेतु है| इस प्रकार का तैवानी प्रतिनिधीमंडल चीन की भी भेंट करता होगा| इसी कारण उसपर ऐतराज़ जताने जैसी कुछ बात नहीं है’ ऐसा दावा विकास स्वरूप ने किया है|

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