‘करतारपुर कॉरिडोर’ को लेकर बनाई पाकिस्तान की योजना विफल

नई दिल्ली: भारत के नेतृत्व को शांति एवं सहयोग का उपदेश करनेवाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को राज्य शिष्टाचार और सदवर्तन का सबक देने की आवश्यकता होने की बात सामने आ रही है| पाकिस्तान में आयोजित करतारपुर कॉरिडोर के समारोह में शामिल हुए भारत के केंद्रीय मंत्री का अपमान करने की तैयारी पाकिस्तान के प्रशासन ने की थी| पर भारत से इस पर आक्षेप जताने के बाद इस समारोह में बदलाव करने की बात उजागर हुई है|

एक वृत्त माध्यम ने इस कार्यक्रम के बारे में कागजात प्रसिद्ध किए हैं| करतारपुर कॉरिडोर के समारोह में भारत की अधिकृत प्रतिनिधि के तौर पर शामिल हुए केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर और हरदीप सिंह पुरी को महत्व ना देते हुए, उनका अपमान करने की तैयारी पाकिस्तान ने की थी| इस कागजात में यह बात उजागर हुई है| उसके बदले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इनके मित्र के तौर पर इस कार्यक्रम में शामिल हुए पंजाब के मंत्री नवजोतसिंग सिद्धू को अधिक महत्व देने के बारे में जानकारी इस कागजात में स्पष्ट दिखाई दे रही है| इस पर भारत ने आक्षेप लेने के बाद हरसिमरत कौर को बोलने का अवसर दिया गया है, ऐसी जानकारी उजागर हुई है|

करतारपुर कॉरिडोर, पाकिस्तान, योजना, विफल, इमरान खान, भारत, कार्यक्रमइस कार्यक्रम में बोलते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत के राजनैतिक नेतृत्व की दृष्टि व्यापक करने की सलाह दी है| तथा साहसी निर्णय लेने की हिम्मत दिखाने का आवाहन किया था, पर वास्तव में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ही इस समारोह में अपने संकुचित बर्ताव का प्रदर्शन किया है| भारत के अधिकृत प्रतिनिधि को दोहरा दर्जा देने का बर्ताव दिखाकर इमरान खान भारत से चर्चा एवं सहयोग की अपेक्षा कर रहे है| इस विसंगति पर भारतीय माध्यमों ने उंगलियां रखी है| तथा स्वतंत्र खालिस्तान की मांग करनेवाले विद्रोहियों को अधिक महत्व देकर भारत से अपने चर्चा के प्रस्ताव को प्रतिक्रिया मिले, ऐसी पाकिस्तान की अपेक्षा कितनी योग्य है? ऐसा प्रश्न इस निमित्त से पूछा जा रहा है|

दौरान पाकिस्तान के माध्यमों में करतारपुर कॉरिडोर को सहूलियत देकर पाकिस्तान ने भारत से क्या प्राप्त किया है? इसकी चर्चा शुरू हुई है| कुछ विश्‍लेषकों ने इस कॉरिडोर को विरोध किया है और पाकिस्तान के औदार्य का भारत गैर फायदा लेगा, यह दावा किया है| तथा पाकिस्तान में कई राजनैतिक एवं सामरिक विश्‍लेषक यह निर्णय मतलब प्रधानमंत्री इम्रान खान इनकी भारत पर लौटाया राजनीतिक दांव होने का दावा कर रहे है|

आज तक पाकिस्तान आतंकवाद फैलाने वाला देश होने का प्रचार करने वाले भारत को सफलता मिली थी| पर करतारपुर कॉरिडोर मुक्त करके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अपना देश भारत से चर्चा करने के लिए एवं शांति प्रस्थापित करने के लिए तैयार होने का संदेश सारी दुनिया को दिया है|

इस पर भारत ने अबतक प्रतिक्रिया नहीं दी है| फिर भी इसकी वजह से भारत चर्चा के लिए उत्सुक नहीं है| यह जानकारी सारी दुनिया तक पहुंची है, ऐसा तर्क इन पाकिस्तानी विश्‍लेषकों ने प्रस्तुत किया है| उस समय आनेवाले समय में इस निर्णय का बहुत बड़ा लाभ पाकिस्तान को मिल सकता है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है|

करतारपुर कॉरिडोर शुरू करने का निर्णय प्रधानमंत्री इमरान खान ने नहीं लिया है, बल्कि यह पाकिस्तान के लष्कर ने लिया निर्णय है| इसकी तरफ पाकिस्तान के विरोधी पक्ष ने ध्यान केंद्रित किया है| प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ विधि समारोह में शामिल हुए भारतीय अतिथि से बोलते हुए पाकिस्तान के लष्कर प्रमुख ने यह कॉरिडोर शुरू करने का प्रस्ताव दिया था| इसकी याद पाकिस्तान के विश्‍लेषक दिला रहे हैं तथा विरोधी पक्ष नेता राणा सनाउल्लाह खान ने पाकिस्तान के संसद में बोलते हुए, इससे पहले भी नवाज शरीफ इनके सरकार ने इस कॉरिडोर को शुरू करने पर भारत से चर्चा की थी, ऐसी जानकारी दी| इस जानकारी के साथ ही करतारपुर कॉरिडॉर शुरू करने का श्रेय हथियाने की कोशिष इमरान खान कर रहे है, यह आलोचना हो रही है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.