आतंकवादियों की घुसपैठ को लेकर – पाकिस्तान को भारतीय लष्कर से कड़ी चेतावनी

जम्मू कश्मीर/नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के नियंत्रण रेखा से घुसपैठ करनेवाले पाकिस्तानीयों के शव ले जाने की सूचना के साथ भारतीय लष्कर ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। भारत के विरोध में आतंकवादी कार्रवाईया नहीं रोकी तो उसके परिणाम सहन करने की तैयारी रखें, ऐसा पाकिस्तानी लष्कर को सूचित करने की जानकारी भारतीय लष्कर के अधिकारी ने दी है। तथा अपने देश से निर्यात किए जानेवाले इन आतंकवादियों की तरफ नजरअंदाज करके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने कश्मीर में भारतीय सुरक्षा दल से किए जाने वाले कथित हत्याकांड का निषेध किया है।

आतंकवादियों, घुसपैठ, लेकर, पाकिस्तान, भारतीय लष्कर, कड़ी चेतावनी, जम्मू कश्मीर, इम्रान खानरविवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सुंदरबनी सेक्टर के नियंत्रण रेखा पर बड़ी तादाद में शस्त्र भंडार ले जाने वाले पांच से छह लोगों ने की घुसपैठ की थी। इनमे पाकिस्तान के बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) के सदस्य होने का दावा किया जा रहा है। इन घुसपैठीयों की सीमा पर गश्ती कर रहे भारतीय लष्कर के जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंट्री के जवानों से मुठभेड़ हुई है। इसमें ३ जवान शहीद हुए हैं। हवालदार कौशल कुमार, लांस नायक रंजीत सिंह और राइफलमैन रजत कुमार बसन ऐसे शहीदों के नाम होकर एक जवान इस मुठभेड़ में जख्मी हुआ है। इस मुठभेड में २ घुसपैठी ढेर हुए हैं।

इन घुसपैठियों के पास शस्त्र का भंडार था एवं वह पाकिस्तान के बैट पथक के सदस्य थे, ऐसी संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इन घुसपैठीयों के शव ले जाने की सूचना पाकिस्तान के लष्कर को दी गई है। साथ ही भारतीय लष्कर से पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी भी दी जा रही है। भारत विरोधी कार्रवाईया नहीं रुकी तो उसके परिणाम सहन करने की तैयारी रहें, ऐसा भारतीय सेना ने पाकिस्तान के लष्कर को सूचित किया है। एक लष्करी अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी है पर अपना नाम उजागर नहीं किया है।

दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने जम्मू-कश्मीर में निरपराध लोगों की हत्या करने का आरोप करके उसके लिए झूठे अश्रु ढाले हैं। कश्मीर का प्रश्न सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान में चर्चा करनी ही चाहिए, ऐसी मांग इम्रान खान ने की है। सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया जताकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत को फिर एक बार चेतावनी देने की बात सामने आ रही है। उस समय भारत की चर्चा के लिए सलाह देनेवाले इम्रान खान ने अपने देश के लष्कर से जम्मू कश्मीर में निर्यात किए जाने वाले आतंकवाद को नज़रअंदाज़ किया है।

सत्ता पर आने से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भारत से चर्चा का आवाहन कर रहे हैं। दोनों देशों में चर्चा नहीं हुई, तो कश्मीर का प्रश्न नहीं सुलझेगा एवं कश्मीर का प्रश्न नहीं सुलझा तो भारत भी प्रगति नहीं कर सकता, ऐसा इम्रान खान का तर्क है। पर पाकिस्तान अपने आतंकवादी धारणा रोकने तक चर्चा संभव नहीं, ऐसी ठोस भूमिका भारत सरकार ने अपनाई है। इस भूमिका में बदलाव ना होने के और आतंकवाद का समर्थन करके पाकिस्तान के नए सरकार ने भी अपनी निराशा करने का भारत का कहना है।

पर आर्थिक रूप से डूब रहे पाकिस्तान को किसी भी परिस्थिति में भारत से चर्चा करनी है और इसके लिए अलग-अलग मार्ग से भारत पर दबाव बढ़ाने की प्रयत्न पाकिस्तान की नई सरकार कर रही है। पाकिस्तान को तत्काल अरबों डॉलर का कर्ज़ चाहिए और यह कर्ज नहीं मिला तो यह देश अंतर्राष्ट्रीय बाजार से ईंधन तथा अन्य आवश्यक सामुग्री की खरीदारी नहीं कर सकता। इसके लिए चीन, सऊदी अरेबिया और अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के पास पाकिस्तान मदद के लिए याचना कर रहा है। उस समय आतंकवादी देश ऐसी अपनी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिमा सुधारने के लिए पाकिस्तान प्रयत्न कर रहा है।

भारत के साथ चर्चा शुरू होने पर उसका पाकिस्तान की प्रतिमा सुधारने के लिए उपयोग किया जा सकता है, इसका अहसास होने पर पाकिस्तान की सरकार और लष्कर से भारत को चर्चा का प्रस्ताव दिया जा रहा है।

इस चर्चा के लिए आतंकवाद का मार्ग छोड़ देने की पाकिस्तान की तैयारी नहीं है। इसलिए पाकिस्तान से किए जाने वाली चर्चा की मांग यह केवल दिखावा होने का भारत का आरोप है। फिर भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बार बार चर्चा का प्रस्ताव देकर भारत पर राजनीतिक दबाव बढ़ाने का अपने तरीके से प्रयत्न कर रहे हैं। ऐसे प्रयत्न होते समय भारत के नेतृत्व की दृष्टि संकुचित होने की चेतावनीखोर आलोचना पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कर रहे हैं। ऐसी आलोचना होने पर भारत चर्चा का प्रस्ताव स्वीकारेगा, ऐसा मानना यह बात इम्रान खान की राजनैतिक समझ छोटी दिखाई दे रही है, ऐसी आलोचना देश के विश्लेषकों से की जा रही है।

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