भारत एवं पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की भेंट होगी – विदेश मंत्रालय की घोषणा

नई दिल्ली /इस्लामाबाद: संयुक्त राष्ट्रसंघ के आम सभा के निमित्त से भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की भेंट होने वाली है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इसकी घोषणा की है। पर यह भेंट द्विपक्षीय नहीं होगी, ऐसे संकेत विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने दिए हैं। यह भेंट हो रही है फिर भी भारत का पाकिस्तान के बारे में धारणा नहीं बदली है, ऐसा भी रवीश कुमार ने जोर देकर कहा है।

भारत, पाकिस्तान, विदेश मंत्रियों, भेंट होगी, विदेश मंत्रालय, घोषणा, नई दिल्ली, इस्लामाबादपाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने भारत के प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इस पत्र में दोनों देशों में चर्चा शुरू हो एवं कश्मीर के साथ सभी प्रश्न समझौते के मार्ग से सुलझे, ऐसी अपेक्षा प्रधानमंत्री इम्रान खान ने व्यक्त की है। इसके लिए दोनों देशों के विदेश मंत्रियों में चर्चा हो, ऐसी मांग भी प्रधानमंत्री इम्रान खान ने इस पत्र में लिखी है। जल्द ही संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा हो रही है। उसके पहले भारत को चर्चा का प्रस्ताव देने के पीछे पाकिस्तान की नई सरकार ने राजनैतिक चतुराई दिखाकर भारत को गतिरोध करने का प्रयत्न करके देखा है।

जब तक पाकिस्तान आतंकवादी कार्रवाईया नहीं रोकता, तब तक भारत चर्चा को तैयार नहीं है, ऐसी ठोस भूमिका भारत ने स्वीकारी है। इसके अनुसार प्रधानमंत्री इम्रान खान इनके चर्चा का प्रस्ताव भारत ने ठुकराया तो उसकी प्रसिद्धि दुनिया भर में करने का पाकिस्तान का षड्यंत्र है। अपने देश को भारत से चर्चा एवं सहयोग चाहिए, पर भारत तैयार नहीं है, ऐसा दिखावा निर्माण करना यह पाकिस्तान से संभावित है। इस दबाव में भारत चर्चा के लिए तैयार हुआ तो उसका सारा श्रेय पाकिस्तान की नई सरकार को मिल सकता है, यह ध्यान में लेकर भारत इस राजनैतिक दबाव को उसी भाषा में उत्तर दे रहा है।

भारत, पाकिस्तान, विदेश मंत्रियों, भेंट होगी, विदेश मंत्रालय, घोषणा, नई दिल्ली, इस्लामाबादप्रधानमंत्री इम्रान खान इनके प्रस्ताव को सीधा इंकार न करते हुए संयुक्त राष्ट्रसंघ के आम सभा की पृष्ठभूमि पर भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों से भेंट करने वाली हैं। पर यह भेंट मतलब दोनों देशों में द्विपक्षीय चर्चा नहीं होगी, ऐसा भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सूचित किया है। साथ ही इस भेंट का एजेंडा एवं समय अब तक निश्चित नहीं हुआ है, ऐसा कहकर भारत इसकी तरफ अधिक गंभीरता से नही देख रहा है, ऐसा संदेश विदेश मंत्रालय ने दिया है। इसकी वजह से इस भेंट की राजनीति करने की पाकिस्तान की योजना फिलहाल फंसती दिखाई दे रही है।

दौरान पाकिस्तान की नई सरकार सत्ता पर आई है पर पाकिस्तान की धारणाओं में बदलाव नहीं हुआ है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को सक्रिय समर्थन देना पाकिस्तान ने नहीं छोड़ा है।

तथा नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी लष्कर के झमेले कम नहीं हुए हैं। मंगलवार को बीएसएफ के हेड कांस्टेबल नरेंद्र कुमार इनकी पाकिस्तानी रेंजर्स ने गला चीरकर हत्या करने की बात सामने आई थी। उसपर देश भर से क्रोध व्यक्त किया जा रहा है। उसी समय हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वाणी का फोटोग्राफ होनेवाले पोस्टल स्टैंप जारी करके पाकिस्तान ने भारत को उकसाया है।

 

पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक धारणा कायम – अमरिका के रिपोर्ट में आरोप

वॉशिंग्टन: पाकिस्तान से भारत को चर्चा का प्रस्ताव दिया जा रहा है और यह देश अपनी आतंकवादी धारणा छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, इसका और एक दाखिला सामने आ रहा है। प्रतिवर्ष प्रसिद्ध होनेवाले ‘कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म’ इस अमरिका के विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में पाकिस्तान पर निशाना साधा गया है। जैश-ए-मोहम्मद एवं लष्कर-ए-तोयबा पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवादी संगठनों से सारी दक्षिण आशिया क्षेत्र को खतरा होने का रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है।

जैश-ए-मोहम्मद और लष्कर-ए-तोयबा तथा अल कायदा की भारतीय उपखंड में शाखा होनेवाले एक्यूआयएस आतंकवादी संघटना पर कारवाई करने के लिए पाकिस्तान को असफलता मिल रही है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने २०१७ में इन आतंकवादी संगठनों की गतिविधीयों पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी। फिर भी पाकिस्तान ने इन आतंकवादी संगठनों के विरोध में अपेक्षित कदम नहीं उठाए हैं, इसकी तरफ इस रिपोर्ट में ध्यान केंद्रित किया गया है।

आतंकवादी संगठनों के विरोध में कठोर कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान ने ‘नेशनल एक्शन प्लान’ की घोषणा की थी। पर यह योजना कमजोर होने का आरोप भी इस रिपोर्ट में किया गया है। पाकिस्तान पर यह आलोचना करते समय इस रिपोर्ट में आतंकवादी हमले रोकने के लिए भारत ने किए प्रयत्नों की प्रशंसा हो रही है। भारत ने आतंकवादियों के विरोध में कठोर उपाय योजना की हैं और आतंकवादियों को कानून के अनुसार कड़ी सजा सुनाई है। तथा भारत ने अमरिका एवं अन्य देशों के साथ आतंकवादियों के विरोध में सहयोग किया है, ऐसा कहकर इस रिपोर्ट में भारत की प्रशंसा कि हुई है।

यह रिपोर्ट प्रसिद्ध होते समय अमरिकन कॉंग्रेस के अफगानिस्तान विषयक रिपोर्ट में पाकिस्तान पर गंभीर आरोप किए गए हैं। पाकिस्तान को स्थिर अफगानिस्तान नहीं चाहिए और पाकिस्तान योजनाबद्ध रूप से अफगानिस्तान में अस्थिरता फैलाने का आरोप इस रिपोर्ट में किया गया है।

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