पाकिस्तानी संसद के उपसभापती को व्हिसा देने से अमरीका द्वारा इन्कार; बदला लेने की पाकिस्तानी संसद सभापती की चेतावनी

इस्लामाबाद/वॉशिंग्टन, दि. १२ :  अमरीका द्वारा पाकिस्तान के संसद उपासभापती ‘मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी’ को व्हिसा नकारा जाने के बाद पाकिस्तान से आलोचना शुरू हुई है| अमरीका के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए, इसके बाद अमरीका के प्रतिनिधीमंडल का भी पाकिस्तान में स्वागत नहीं किया जाएगा, ऐसा दावा पाकिस्तानी संसद के सभापती ‘रझा रब्बानी’ ने किया| साथ ही, अमरीका इस बारे में स्पष्टीकरण दे, ऐसी माँग भी रब्बानी ने की है|

पाकिस्तानी संसदपाकिस्तानी संसद का प्रतिनिधीमंडल अमरीका के दौरे पर जानेवाला था| रविवार को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में एक बैठक के लिए पाकिस्तान के प्रतिनिधी उपस्थित रहनेवाले थे| इस प्रतिनिधीमंडल की अगुआई पाकिस्तानी संसद के उपसभापती मौलाना हैदरी करनेवाले थे| लेकिन अमरीका ने, मौलाना हैदरी तथा अन्य कुछ प्रतिनिधियों को व्हिसा देने से इन्कार किया, ऐसा आरोप पाकिस्तानी संसद के सभापती रब्बानी ने किया| वहीं, अमरीका की ओर से प्रतिनिधियों को व्हिसा देने की प्रक्रिया में विलंब हुआ, ऐसा दावा पाकिस्तान की मीडिया द्वारा किया जा रहा है|

लेकिन अमरीका की इस नीति की आलोचना करते हुए रब्बानी ने इसे प्रत्युत्तर देने की चेतावनी दी है| ‘अब इसके आगे अमरिकी सिनेट, काँग्रेस या फिर अन्य किसी भी प्रतिनिधी का पाकिस्तान में स्वागत नहीं किया जाएगा’ यसा रब्बानी ने कहा है| साथ ही, अमरीका का स्पष्टीकरण आने तक पाकिस्तान का कोई भी सदस्य अमरीका की भेंट नहीं करेगा, ऐसा रब्बानी ने स्पष्ट किया| इस्लामाबाद स्थित अमरिकी दूतावास ने इसपर स्पष्टीकरण देने से इन्कार करके पाकिस्तान को तमाचा मारा है|

‘मौलाना हैदरी’ ये पाकिस्तान की संसद के उपसभापती तथा ‘जमात उलेमा-ए-इस्लाम’ के वरिष्ठ नेता है| ‘जमात’ इस संगठन का सरगना ‘मौलाना फझलूर रेहमान’ यह प्रधानमंत्री ‘नवाझ शरीफ’ का क़रीबी माना जाता है| साथ ही, ‘जमात’ यह संगठन तालिबान समर्थक और अमरीका विरोधी माना जाता है|

इसी दौरान, अमरीका विरोधी और अमरीका की सुरक्षा के लिए खतरनाक समझे जानेवाले सात देशों के लिए अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘प्रवेश वर्जित’ आदेश जारी किया है| इन देशों की सूचि में पाकिस्तान भले ही ना हों, लेकिन आनेवाले समय में पाकिस्तान को भी शामिल किया जा सकता है, ऐसी चेतावनी ‘व्हाईट हाऊस’ के वरिष्ठ अधिकारी ने दी थी| वहीं, कुवैत ने ‘प्रवेश वर्जित’ देशों में पाकिस्तान को शामिल किया है| दूसरी ओर सौदी अरब ने पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान के ३९ हजार निवासियों को अपने देश वापस भेज दिया है|

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