भारतीय वायुसेना को मिलेगा ‘आय ऑन द स्काय’

बंगळुरू, दि. १२ :  भारतीय हवाई क्षेत्र में दुश्मनों के विमान, प्रक्षेपास्त्र और रडार की घुसपैठ की, बिना समय गँवाये सूचना देनेवाली, पूरी तरह देश में विकसित की गई ‘एअरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग ऍण्ड कन्ट्रोल’ यंत्रणा (एईडब्लूऍण्डसी) वायुसेना में शामिल होनेवाली है| रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने यह सिस्टम विकसित की है और इस सिस्टम को ‘आय ऑन द स्काय’ यह नाम दिया गया है| इस सिस्टम से लैस पहला विमान १४ फरवरी को बंगळुरू में आयोजित किये गए ‘एरो इंडिया २०१७’ में भारतीय वायुसेना को सुपूर्द किया जायेगा| पूरी तरह देश में निर्मित प्राद्योगिक हासिल करनेवाला भारत विश्‍व का पाँचवा देश है|

pg01_awacsइस साल गणतन्त्र दिन के अवसर पर, राजपथ पर हुए संचलन के समय ‘आय ऑन द स्काय’ को शामिल किया गया था| इससे, जल्द ही यह सिस्टम वायुसेना के काफ़िले में शामिल होगी, ऐसे संकेत मिले थे| १४ से १८ फरवरी के बीच बंगळुरू में ११ वे अंतरराष्ट्रीय एअर शो ‘एरो इंडिया’ का आयोजन किया गया है | ‘एरो इंडिया’ में दुनियाभर से ७५० से अधिक कंपनियाँ शामिल होनेवाली हैं और लगभग १०९ देशों के प्रतिनिधी यहाँ पर उपस्थित रहेंगे| साथ ही, तकरीबन डेढ़ लाख व्यवसायिक और तीन लाख से अधिक दर्शक शो में सहभागी होंगे, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है|

इसी के साथ अमरीका, ब्रिटन, जापान, ब्राझिल,  दक्षिण अफ्रीका, स्विडन, स्विझर्लंड, तुर्की, ब्रुनेई, सायप्रस, झेक रिपब्लिक, इजिप्त, फ्रान्स, जर्मनी, इंडोनेशिया, बाहरीन, बांगलादेश, श्रीलंका, युएई, आयर्लंण्ड, मलेशिया, म्यानमार, नेपाळ, नायजेरीया, ओमान, थायलंड, उजबेकिस्तान के रक्षाविभाग के प्रतिनिधी भी ‘एरो इंडिया’ के लिए भारत आनेवाले हैं| इनमें कुछ देशों के रक्षामंत्री भी शामिल हैं, ऐसा कहा जा रहा है|

पिछले कुछ सालों से भारत में आयोजित किए जा रहे इस आंतर्राष्ट्रीय एअर शो को बड़ी कामयाबी मिल रही है ऐसा दिखाई दे रहा है| भारत की रक्षा बाज़ारपेठ को देखते हुए, कई आंतर्राष्ट्रीय कंपनियाँ ‘एरो इंडिया’ में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं| साथ ही, इस क्षेत्र की भारतीय कंपनियों को भी, अपनी प्राद्योगिक प्रदर्शित करने का और इस संदर्भ में समझौतें करने का मौका ‘एअर शो’ के ज़रिये मिल रहा है| इस साल भी ‘एरो इंडिया’ शो के वक्त बड़े पैमाने पर समझौते होने की आशंका जताई जा रही है|

आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अहमियत मिलनेवाले ‘एरो इंडिया’ में, भारतीय बनावट की ‘एईडब्लूऍण्डसी’ यानी कि ‘आय ऑन द स्काय’ इस यंत्रणा से लैस विमान भारतीय वायुसेना को देकर, रक्षातंत्रज्ञान क्षेत्र में भारत की उड़ान को दर्शाने का मौका ‘डीआरडीओ’ हासिल करेगा| साथ ही, दो महीने बाद इसी तरह दूसरा विमान भी ‘डीआरडीओ’ वायुसेना को देनेवाला है, ऐसी जानकारी है|

किसी भी मौसम में अपने हवाई क्षेत्र में होनेवाली घुसपैठ का पता चलने की क्षमता ‘आय ऑन द स्काय’ में है| यह सिस्टम तकरिबन चारसौ किलोमीटर तक २५० अंश तक आकाश की गतिविधियों को निशाना बना सकती है| जल्द ही, वायुसेना के अन्य विमानों पर भी यह सिस्टम बिठाई जायेगी| भारत के पास फिलहाल रक्षा के लिए ‘फाल्कन’ सिस्टम है| इसके अलावा इस्रायल के पास से खरीदी गई अवॅक्स सिस्टम है और वहं रशियन निर्मित विमानों पर बिठाई गई है| साथ ही, ब्राझिल के साथ इसी तरह की यंत्रणा पर संशोधन और विकास करने के लिए भारत ने समझौता किया था, हालाँकि यह समझौता कुछ वजह से रुक गया है| लेकिन अन्य देशों की ओर से यह सिस्टम खरीदते समय भारत ने, खुद की सिस्टम विकसित करने का काम शुरू किया था| डीआरडीओ फिलहाल ‘एईडब्लूऍण्डसी’ के साथ ‘एईडब्लूएसीएस’ अर्थात अवॅक्स यंत्रणा पर काम कर रही है| अवॅक्स ‘आय ऑन द स्काय’ से और भी अधिक ऍड्वान्स्ड होगी, ऐसा कहा जा रहा है|

फिलहाल चीन के पास अवॅक्स यंत्रणा से लैस २० विमान हैं| वहीं, पाकिस्तान ने इस तरह की यंत्रणा बिठाए हुए आठ विमान अन्य देशों से खरीदे हैं| इस पृष्ठभूमि पर, अपनी हवाई रक्षा के लिए भारतीय वायुसेना के काफ़िले में शामिल होनेवाली ‘आय ऑन द स्काय’ और डीआरडीओ विकसित कर रही अवॅक्स यंत्रणा की अहमियत बढ़ी है|

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