‘चीन विकसित कर रहे चीन-पकिस्तान ‘कॉरिडॉर’ में रशिया भी शामिल होगा’ – पाकिस्तानी मिडिया का दावा

कराची/बीजिंग: चीन पाकिस्तान में विकसित कर रहे ‘ग्वादर’ बंदरगाह का इस्तेमाल करने की माँग करने के संदर्भ में, रशिया द्वारा दिये गए प्रस्ताव का पाकिस्तान ने स्वीकार किया है| यही नहीं, बल्कि चीन पाकिस्तान में बना रहे ‘इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ परियोजना में शामिल होने की तैयारी भी रशिया ने दर्शायी है, ऐसा दावा पाकिस्तान की मिडिया कर रही है| ग्वादर बंदरगाह की सुरक्षा के लिए चीन का युद्धपौत इस बंदर में तैनात रहेगा, ऐसी जानकारी पाकिस्तानी नौसेना के सूत्रों ने एक दिन पहले ही दी थी| चीनसहित रशिया की इस परियोजना में दिलचस्पी, भारत के लिए काफी चिंतानजक बात साबित हो सकती है|

‘कॉरिडॉर’रशिया ने ‘ग्वादर’ बंदरगाह के इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान को प्रस्ताव दिया था| इराण और तुर्कमेनिस्तान इन देशों के बंदरगाह के साथ पाकिस्तान के ‘ग्वादर’ बंदरगाह का इस्तेमाल करने की तैयारी रशिया ने दर्शायी है| इस बंदरगाह का इस्तेमाल करने की तैयारी, यह रशिया की कारोबार में बढोतरी करने की नीति का हिस्सा है| उसी समय, अमरीका के साथ रिश्तो में आ रही दूरी की पृष्ठभूमि पर, पाकिस्तान ने रशिया के इस प्रस्ताव का स्वीकार किया है| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने रशिया के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है| साथ ही, पाकिस्तान और चीन के बीच की कॉरिडॉर परियोजना में रशिया का भी स्वागत किया जायेगा, ऐसा पाकिस्तान ने कहा है|

इससे कॉरिडॉर परियोजना की व्यवहार्यता और भी बढ़ी है और इसका बड़ा व्यापारी और सामरिक लाभ पाकिस्तान को मिलेगा| यह परियोजना, यह पाकिस्तान का भविष्य है ऐसा माना जा रहा है| इस परियोजना के लिए चीन पाकिस्तान में तक़रीबन ४६ अरब डॉलर का निवेश करनेवाला है| पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह का विकास यह इस परियोजना का अहम चरण है और इस बंदरगाह की सुरक्षा के लिए चीन का युद्धपोत यहाँ पर तैनात रहेगा, ऐसी जानकारी पाकिस्तानी मिडिया ने दी| पाकिस्तानी नौसेना के सूत्रों के हवाले से दी गयी इस खबर की अहमियत बढ़ी है| इस परियोजना की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी पाकिस्तान और चीन की नौसेना संयुक्त रूप से निभानेवाली है, यह दावा भारत की चिंताओं को बढ़ानेवाला है|

ग्वादर बंदरगाह की सुरक्षा से ज़्यादा, भारत की सागरी सीमा के नज़दीकी क्षेत्र में चिनी नौसेना की गतिविधियाँ भारत के सुरक्षाविषयक हितसंबधों को चुनौती देनेवाली हैं| इस परियोजना का इस्तेमाल करते हुए चीन भारत के इस क्षेत्र के नैसर्गिक प्रभाव को चुनौती देगा, ऐसी गहरी आशंका जताई जा रही है|

‘चायना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ परियोजना पर भारत ने इससे पहले भी ऐतराज़ जताया था| इस परियोजना का मार्ग भारत का हिस्सा रहनेवाले ‘पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर’ (पीओके) से होते हुए गुजर रहा है, ऐसा ऐतराज़ भारत ने चीन के पास बार बार जताया है| लेकिन चीन ने उसपर ध्यान नहीं दिया है| लेकिन भारत का पारंपरिक मित्र देश रहनेवाले रशिया ने ही इस परियोजना में शामिल होने की तैयारी दर्शाने की वजह से, भारत के सामने राजनीतिक स्तर पर की चुनौती कड़ी हो रही है| पिछले महिने, रशिया ने पाकिस्तान के साथ पहली बार युद्धअभ्यास का आयोजन करते हुए अमरीका के साथ नज़दिकियाँ बढ़ानेवाले भारत को कड़ी चेतावनी दी थी| इसके बाद रशिया ने, ‘चायना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ परियोजना के बारे में किया यह फ़ैसला भारत के लिए नयी ख़तरे की घंटी है|

अमरीका और भारत के बीच बढ़नेवाले व्यापारी, राजनीतिक और रक्षाविषयक सहयोग का असर, रशिया के साथ की अपनी पारंपरिक दोस्ती पर न हों, इसका खयाल रखने की चुनौती भारत के सामने है| लेकिन भारत और अमरीका के बीच संबंध यदि गहरे हो रहे हैं, तो रशिया के सामने भी पाकिस्तान के साथ सहयोग बढाने का विकल्प उपलब्ध है, इसका एहसास, रशिया ने पाकिस्तान को दिए प्रस्ताव की वजह से और भी ज़्यादा बढ़ रहा है|

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