पाकिस्तान द्वेषी राजनीति की वजह से भारत का चर्चा से इंकार – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान का आरोप

नई दिल्ली/रियाध – भारत की अंतर्गत राजनीति पाकिस्तान द्वेष पर चलती है एवं आनेवाले कई महीनों में भारत में चुनाव संपन्न होने वाले हैं। इसीलिए भारत की सरकार पाकिस्तान ने दिए चर्चा के प्रस्ताव का स्वीकार नहीं कर रही, ऐसा दावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने किया है। सन २०१९ वर्ष में भारत में लोकसभा के चुनाव होने के बाद हम फिर से भारत को चर्चा का प्रस्ताव देंगे, ऐसा भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा है। पर उनके यह दावे बेबुनियाद होने की बात २ दिनों पहले जम्मू कश्मीर के नियंत्रण रेखा पर हुए मुठभेड़ से सिद्ध हो रहा है और इस मुठभेड़ में भारत के ३ जवान शहीद हुए हैं। इस मामले में भारत ने पाकिस्तान के राजनीतिक अधिकारियों को समन्स भेजने का वृत्त है।

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सऊदी अरेबिया में आयोजित किए एक निवेश विषयक परिषद के लिए पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत पर आलोचना की है। मैंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्रीपद पर आने के बाद सबसे पहले भारत को चर्चा का प्रस्ताव दिया था। पर भारत ने यह प्रस्ताव ठुकराया है, ऐसा कहकर इम्रान खान ने नाराजगी व्यक्त की है। तथा भारत में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं और पाकिस्तान द्वेश की राजनीति के भाग के तौर पर भारत सरकार अपना चर्चा का प्रस्ताव ठुकरा रहा है, ऐसा आरोप प्रधानमंत्री इम्रान खान ने किया है। पत्रकार परिषद में बोलते हुए खान ने किये इस आलोचना पर भारत से तीव्र प्रतिक्रिया आ रही है। भारत ने इससे पहले भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मिलनेवाले चर्चा का प्रस्ताव बेबुनियाद होने की टिप्पणी लगाई थी।

जबतक पाकिस्तान आतंकवादी धारणा नहीं बदलेगा, तबतक इस देश से चर्चा संभव ना होने की कड़ी भूमिका भारत ने स्वीकारी है। इस भूमिका में बदलाव नहीं होगा और चर्चा चाहिए तो पहले पाकिस्तान आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के आश्वासन का पालन करें, ऐसा भारत से सूचित किया है। पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लगातार भारत को चर्चा का प्रस्ताव देकर एवं यह प्रस्ताव देते हुए कश्मीर का मुद्दा उपस्थित करके अलग-अलग दांवपेच के संकेत दे रहे हैं।

फिलहाल पाकिस्तान की वित्त व्यवस्था डूब रही है और डॉलर की तुलना में पाकिस्तान के रुपये का मूल्य १३५ तक गिरा है। जिसकी वजह से भड़के हुए महंगाई एवं पाकिस्तान की आर्थिक समस्या सुलझाने के लिए आवश्यक दृष्टि और कार्यक्रम एवं क्षमता इम्रान खान इनके सरकार के पास ना होने की आलोचना हो रही है। इम्रान खान की सरकार आने के बाद केवल कुछ ही दिनों में चमत्कार होगा, ऐसे ख़्वाब पाकिस्तान की जनता देख रही थी। इम्रान खान के समर्थकों ने वैसा चित्र निर्माण किया था, पर अब पाकिस्तान की जनता का भ्रम टूट रहा है।

ऐसी परिस्थिति में पाकिस्तान की जनता के सामने कश्मीर का मुद्दा उपस्थित करके इम्रान खान अपनी असफलता को छुपा रहे हैं। लगातार भारत को चर्चा का प्रस्ताव देकर इम्रान खान पाकिस्तान में भारत द्वेषी चर्चा शुरु करने के लिए प्रयत्न कर रहे हैं। पर यह करते हुए राजनीतिक दृष्टि से कमजोर इम्रान खान भारत के नेतृत्व पर आलोचना कर रहे हैं। इसकी वजह से भारत के साथ चर्चा के बारे में पाकिस्तान की सरकार गंभीर नहीं है, यह संदेश सारी दुनिया को मिल रहा है। सऊदी अरेबिया में निवेश विषयक परिषद के लिए पहुंचे प्रधानमंत्री इम्रान खान ने वहां पर भी वही गलती की है। चुनाव की वजह से भारत की सरकार पाकिस्तान से चर्चा करने का दावा करके आतंकवाद के मुद्दे को फिर से नजरअंदाज करने की बात एक बार फिर से सामने आ रही है। भारतीय माध्यम एवं विश्लेषकों ने यह मुद्दा उठाया है और इसके लिए इम्रान खान पर निशाना साधा जा रहा है।

जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ करने वाले पाकिस्तान के बॉर्डर एक्शन टीम )बैट( के २ लोगों को भारतीय लष्कर ने ढेर किया है। इस मुठभेड़ में भारत के ३ जवान शहीद हुए हैं। इस मामले में भारतीय लष्कर ने पाकिस्तानी लष्कर को कड़े शब्दों में समझाने की खबरें प्रसिद्ध हुई थी। ढेर हुए लोगों के शव ले जाने की सूचना करके भारतीय लष्कर ने पाकिस्तानी लष्कर को भारत विरोधी कार्रवाईयां रोकने के लिए कड़ी चेतावनी दी है। ऐसा ना होने पर परिणाम के लिए तैयार रहें, ऐसा भारतीय लष्कर ने पाकिस्तान के लष्कर को सूचित किया है। इस मामले में पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी को समन्स भेजने की जानकारी सामने आई है। पर इस पाकिस्तानी अधिकारी का नाम उजागर नहीं किया गया है।

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