महाराष्ट्र के १८० तालुका में सूखे की घोषणा

मुंबई – महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने १८० तालुका में सूखे की घोषणा की है। इस वर्ष भी कम बारिश होने की वजह से राज्य के जल स्तर में पिछले वर्ष की तुलना में बहुत कम पानी बचा है और सूखे से पीड़ित तालुकाओं की परिस्थिति भयंकर हो रही है। जल्द ही केंद्र सरकार का पथक इस सूखाग्रस्त तालुका की परिस्थिति का ब्यौरा करेंगे। उसके बाद केंद्र सरकार से मदद घोषित की जाएगी, ऐसा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषित किया है। तथा सूखे से ग्रस्त तालुकाओं में ८ सूत्रों का कार्यक्रम हाथ लेने की जानकारी मुख्यमंत्री ने दी है।

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महाराष्ट्र में सूखे पर जल प्रदाय और स्वच्छता विभाग का एक रिपोर्ट हालही में राज्य सरकार को भेजा गया था। इस रिपोर्ट के विश्लेषण के बाद राज्य में १८० तालुकाओं को सुखाग्रस्त घोषित किया गया हैं। महाराष्ट्र में ३६ जिलों में २५८ तालुका है। जिसमें आधे से अधिक तालुकाओं में सूखा घोषित हुआ है। मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के सूखे की घोषणा की है। इस संदर्भ में जल्द ही अध्यादेश निकाला जाने वाला है।

पर इससे पहले सूखे से ग्रस्त जिलों में ८ सूत्रों का उपाय योजना कार्यक्रम कार्यान्वित हो रहा है, ऐसी जानकारी मुख्यमंत्री फडणवीस ने दी है। जिसमें पीने के पानी के टैंकर की योजना के साथ सूखेग्रस्त तालुकाओं में किसान के कृषि पंप बिजली खंडित ना करने जैसे उपाय योजना का समावेश है। सूखेग्रस्त तालुकाओं में स्कूल, महाविद्यालय के विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क में सहूलियत, जमीन की कर सहूलियत, कृषि कर्ज के वसूली को स्थगिती, कृषि पंप के बिल में सहूलियत, रोजगार हमी योजना अंतर्गत किए जाने वाले काम के निकष में सहूलियत ऐसे उपाय हाथ लिए गए हैं। तालुका सूखाग्रस्त घोषित करते समय केंद्र सरकार ने बनाए हुए समय शास्त्रीय मूल्यों का विचार किया गया है, ऐसा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है।

सूखा घोषित किए गए तालुकाओं में विदर्भ और मराठवाड़ा के तालुकाओं की बड़ी संख्या है। विदर्भ में ७५ और मराठवाड़ा में ६४ तालुका में सूखा घोषित किया गया है। इन जिलों में बहुत कम बारिश हुई है और भूजल स्तर घट रहा है। विदर्भ में १७ तथा मराठवाड़ा में ४० तालुका में औसत से ३० से ५० फीसदी कम बारिश हुई है। मराठवाड़ा के ७ तालुकाओं में ५० फ़ीसदी से कम बारिश दर्ज हुई है। रिपोर्ट के अनुसार सूखाग्रस्त घोषित किए तालुकाओं में १६७ तालुका में बड़ी तादाद में पानी की कमी है। इन तालुकाओं में ११४८७ गांव है। जिसमें ११४ तालुका में २९४१ गांवों में अक्टूबर तक पानी की भीषण कमी का सामना करना पड़ रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार राज्य में ७१ फीसदी तालुका के भूजल स्तर में गिरावट हुई है। २५२ तालुका में १३९८४ गांव में भूजल स्तर अक्टूबर तक अधिक तादाद में घट रहा है। इसमें ३३४२ गांवों में पानी का स्तर ३ मीटर नीचे आया है। तथा ३३४० गांवों में भूजल स्तर २ से ३ मीटर घटने की बात सामने आ रही है। दौरान इस वर्ष संपूर्ण राज्य में औसत की तुलना में ७७ फीसदी बारिश हुई है।

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