पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित किया जाए- पेंटागन के भूतपूर्व अधिकारी का आवाहन

वॉशिंगटन: अमरिका पाकिस्तान को ‘आतंकवाद समर्थक देश’ घोषित करे, ऐसी मांग पेंटागन के भूतपूर्व अधिकारी और अमरिका के प्रभावी अभ्यास गुट के विश्लेषक मायकल रूबीन ने किया है। अफ़ग़ानिस्तान के संघर्ष मे पाकिस्तान की मदद चाहिए थी, इसलिए अमरिका की पहले की सरकार ने पाकिस्तान पर कार्रवाई टाली थी। लेकिन पाकिस्तान की तरफ से आतंकवादियों को मिल रही सहायता की तरफ इसके आगे नजरअंदाज नहीं किया जाएगा, ऐसा इशारा रूबीन ने दिया है। पाकिस्तान के साथ तुर्की, क़तर इन देशों को भी अमरिका ने आतंकवाद समर्थक देश घोषित करना चाहिए, ऐसा आवाहन भी रूबीन ने किया है।

‘आतंकवाद समर्थक देश’

पाकिस्तान का कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’, तालिबान को खुलकर मदद कर रहा है, ऐसा दाग रूबीन ने लगाया है। उसीके साथ अमरिका के ‘टाइम्स स्क्वेअर’ मे हमला करने वाला आतंकवादी, पाकिस्तान समर्थक ‘जैश-ए-मोहम्मद’ इस संगठन का था। साथ ही सन २००१ मे भारत की संसद और २००८ मे मुंबई पर किए गए आतंकवादी हमले के सूत्र ‘आयएसआय’ समर्थक ‘लश्कर-ए-तोयबा’ इस आतंकवादी संगठन के पास थे, इसकी भी रूबीन ने याद दिलाई।

इसके अलावा अल कायदा का प्रमुख ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के अबटाबाद शहर मे मिला था और इसकी पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारीयों को जानकारी नहीं थी, इस बात की तरफ भी रूबीन ने ध्यान खींचा। पाकिस्तानी सरकार ने आतंकवादियों पर की कार्रवाई पर शक करके पाकिस्तान की जेलों के दरवाजे भी खुल जाएँगे, ऐसा ताना रूबीन ने मारा है। इसलिए अमरिका पाकिस्तान को आतंकवादी समर्थक देशों की सूचि मे शामिल करे, ऐसा आवाहन रूबीन ने किया। साथ ही इसके लिए अमरिका देर लगा रही है, इस पर भी नाराजगी जताई है।

सन १९७९ से अमरिका ने ‘आतंकवादी समर्थक देशों’ की सूचि तैयार करके प्रतिबन्ध घोषित किए है। इसमे लीबिया, इराक, दक्षिण येमेन, सीरिया, क्यूबा, ईरान, सुदान और उत्तर कोरिया इन देशों का समावेश था। इन देशों ने आतंकवादी संगठनों को वित्तीय और लश्करी सहायता की आपूर्ति की है, इसलिए उनको आतंकवाद समर्थक देशों की सूचि मे डाला था। कुछ समय के बाद इन देशों ने अपनी नीति बदलने के बाद अमरिका ने इन देशों को सूचि से निकाला है। अब ईरान, सीरिया और सुदान यह तीन देश आतंकवाद समर्थक देशों की सूचि मे है।

पिछले साल ओबामा प्रशासन ने लीबिया, इराक, क्यूबा और उत्तर कोरिया को इन देशों की सूचि से निकाला था। लेकिन इसके आगे भी आतंकवाद समर्थक देशों की सूचि का अद्यतन करने की आवश्यकता निर्माण हुई है। अमरिका के साथ दुनिया भर मे आतंकवादी हमले के प्रमाण बढ़ रहे है, ऐसे मे ट्रम्प प्रशासन ने इस सूचि मे और देशों के नाम शामिल करने चाहिए, ऐसा आवाहन रूबीन ने किया है। आतंकवाद को समर्थन देने वाले देश चाहे वो अमरिका के मित्र देश क्यों न हो, उन्हें माफ़ नहीं किया जाए, इस बात को रूबीन ने स्पष्ट किया है। आतंकवादी संगठनों को खुलकर समर्थन देने वाले तुर्की, क़तर और पाकिस्तान इन अमरिका के मित्र देशों को इस सूचि मे शामिल करने का समय आया है, ऐसा इशारा रूबीन ने दिया है।

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