पाकिस्तान ने हाफ़िज सईद के आतंकी आरोप पीछे लिये

कराची: २६/११ आतंकी हमले का सूत्रधार हाफ़िज सईद के सभी आतंकवाद के आरोप पीछे लेकर पाकिस्तान ने भारत के साथ फिर से विश्वासघात किया है। फिलहाल, नज़रबंदी मे होनेवाला हाफ़िज सईद पर मुकदमा शुरू रहकर, उसके आतंकवाद के सभी आरोप पीछे लेने की जानकारी पाकिस्तान के पंजाब सरकार के एक अधिकारीने दी है। इस पर भारत से तीव्र प्रतिक्रिया अपेक्षित है।

पिछले हफ्ते पाकिस्तान के लाहौर के उच्च न्यायालय ने हाफ़िज पर होने वाले सभी आरोपों के सबूत प्रस्तुत करें, अन्यथा उसकी नज़रबंदी रद्द की जाएगी, ऐसा इशारा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार को दिया था। उसके बाद शुक्रवार को पंजाब प्रांत की सरकार ने उच्च न्यायालय मे हाफ़िज सईद के विरोध मे सबूत देने की तैयारी दिखाई थी। पर यह सबूत उच्च न्यायालय मे प्रस्तुत न करते, केवल न्यायाधीश को प्रदान करना संभव है ऐसा कहा गया। क्योंकि यह सबूत अत्यंत संवेदनशील है, ऐसा दावा पंजाब प्रांत के सरकार ने किया था। यह अत्यंत संवेदनशील मामला होकर न्यायालय ने हाफ़िज सईद की रिहाई न हो ऐसा आवाहन इस सरकार ने किया था।

आतंकी आरोपउसके बाद, रविवार को पंजाब प्रांत की सरकारने हाफ़िज तथा उसकी संघटन ‘जमात-उद-दावा’ पर लगे आतंकवाद के आरोप पीछे लेने की घोषणा की है। सईद पर मुकदमे का कामकाज ‘इन कैमरा’ अर्थात प्रसिद्ध करके न चलाने की पंजाब प्रांत की मांग उच्च न्यायालय ने मानी है। इसकी वजह से इस मुकदमे की जानकारी आगे चलकर माध्यमों को उपलब्ध नहीं होगी। यह सईद के रिहाई के लिए प्रयत्न होकर जल्द ही उसकी नजर नज़रबंदी एवं अन्य आरोप से रिहाई होगी ऐसे संकेत मिल रहे है।

अमरिका ने दहशतवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान पर निशाना करने की शुरुआत होने के बाद, पाकिस्तान ने हाफ़िज सईद को नज़रबंदी मे रखा था। पर यह नज़रबंदी ना होकर, उसे संरक्षण मिल रहा है ऐसा आरोप पाकिस्तान से ही किया जा रहा था। कुछ आतंकवादी गट हाफ़िज सईद को खत्म करने का प्रयत्न कर रहे थे। इनसे सईद को बचाने के लिए, यह नज़रबंदी का नाटक रचने का दावा किया जा रहा है। नज़रबंदी मे होते समय सईद, किसी से भी मुलाकात करने के लिए तथा माध्यमों मे प्रतिक्रिया देने के लिए मुक्त होने की बात स्पष्ट हुई थी। इसकी वजह से इन आरोपों को अधिक बल मिल रहा है।

दौरान, कुछ ही हफ्तों पहले हाफ़िज सईद ने ‘मिल्ली मुस्लिम लीग’ नामक स्वतंत्र राजकीय पक्ष स्थापन किया था। यह पक्ष पंजाब प्रांत मे संपन्न हुए चुनाव मे सम्मिलित हुआ था। इस पर पाकिस्तान के कुछ विश्लेषक एवं पत्रकारों ने चिंता व्यक्त की थी। पाकिस्तान के विदेशमंत्री ख्वाजा असिफने अमरिका मे बोलते समय हाफ़िज सईद पाकिस्तान के गले मे तकलीफ बनने की बात कही थी। तथा हाफ़िज सईद पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरनाक होने की बात ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्रीपद पर होते समय कही थी।

अमरिका के ने जिस के सर पर एक करोड़ डॉलर्स का इनाम घोषित किया था। ऐसे कुख्यात हाफ़िज सईद पाकिस्तान के चुनाव मे सम्मिलित होने से इस देश के बुद्धिमान और अभ्यासक चिंता व्यक्त कर रहे है। इस रूप से आतंकवादियों को पाकिस्तान मे चुनाव लड़ने का अवसर मिला, तो पाकिस्तान यह आतंकवादी देश होने का आरोप सिद्ध होगा, ऐसा बुद्धिमान तथा अभ्यासकों का कहना है। तथा कट्टरपंथियोंने भी जनतंत्र की प्रक्रिया मे शामिल होने के लिए हाफ़िज सईद इनके राजकीय पक्ष का चुनाव मे सहयोग महत्वपूर्ण होगा, ऐसा दावा किया था। तथा हाफ़िज सईद इन के विरोध मे आतंकवाद के आरोप सिद्ध नहीं हुए है, इसकी याद उनके समर्थक लगातार दिला है।

इस पृष्ठभूमि पर, हाफ़िज सईद पर लगे आतंकवाद के आरोप पीछे लेकर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकारने आतंकी नेता की राजकीय यात्रा अधिक आसान करने की बात स्पष्ट हुई है। इस पर भारत से तीव्र प्रतिक्रिया आ रही है। पाकिस्तान के मंत्रियोंने जिस हाफ़िज सईद को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक माना था, उसके आतंकवाद के आरोप कैसे पीछे लिए जा सकते है, ऐसा प्रश्न भारतीय माध्यमों से पूछा जा रहा है।

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