अमरिका के एफएटीएफ के प्रस्ताव की वजह से पाकिस्तान डरा

वॉशिंगटन: मुंबई पर आतंकी हमले का सूत्रधार हफिज सईद बेगुनाह होने का प्रमाण पत्र पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने दिया था, पर अब उसी हफिज सईद और उसकी जमात-उल-दावा इस संघटना पर पाकिस्तान ने कार्रवाई शुरू की है । आतंकवादी संघटना के विरोध में पाकिस्तानी आकस्मिकरुप से शुरू की कार्रवाई की पहेली अब सुलझती जा रही है। अमरिका ने पाकिस्तान को ‘फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स’ के (एफएटीएफ) काले सूची में डालने की तैयारी की है। इस की वजह से डरे हुए पाकिस्तान में आतंकवादियों पर कार्रवाई का कदम उठाया है।

एफएटीएफ यह स्वतंत्र संघटना होकर, पैसों के अवैध हस्तांतरण एवं आतंकवादियों को दिए जाने वाले पैसों के आदान प्रदान पर यह संस्था बारीकी से नजर रखती है। आतंकवादियों को स्पष्ट तौर पर पैसा प्रदान करने वाले पाकिस्तान को एफएटीएफ ने पिछले बैठक में कड़ा इशारा दिया था। इस पर पाकिस्तान ने नजरअंदाज किया है, पर आने वाले हफ्ते में फ्रान्स की राजधानी पॅरिस में एफएटीएफ की बैठक संपन्न होगी और इस बैठक में आतंकवादियों को पैसा प्रदान करनेवाले पाकिस्तान को वॉच लिस्ट में रखने का प्रस्ताव अमरिका ने तैयार किया है।

अमरिका के साथ ब्रिटन भी यह प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाला है और फ्रान्स एवं जर्मनी भी इस प्रस्ताव को समर्थन देने वाले हैं। इस की वजह से पाकिस्तान हड़बड़ा गया है। क्योंकि अगर पाकिस्तान इस वॉच लिस्ट में आया, तो किसी भी देश को पाकिस्तान में निवेश करना कठिन होगा। इतना ही नहीं तो पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्था से कर्जा मिलना कठिन होगा। इस के विपरीत फिलहाल पाकिस्तान में निवेश करने वाले विदेशी निवेशकार भी वापस लौट जाएंगे। फिलहाल नुकसान में होने वाले पाकिस्तान की वित्त व्यवस्था की सारी मदार जागतिक बैंक एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के कर्जे पर है। तथा अन्य देशों के निवेश की तरफ पाकिस्तान आशा से देख रहा है।

ऐसी परिस्थिति में अमरिका द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव एफएटीएफ की बैठक मंजूर हुआ, तो पाकिस्तान की खैर नहीं ऐसा स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है। भारत द्वारा भी इस के लिए योजनाबद्ध प्रयत्न करने की बात सामने आयी थी। पाकिस्तान आतंकवादियों को सहायता कर रहा है और आतंकवादी संघटना किस रूप से पैसे प्रदान हो रहे हैं। इस के सबूत भारत प्रस्तुत करने वाला है। इस की वजह से पाकिस्तान को गतिरोध होने की आशंका अधिक मजबूत होती दिखाई दे रही है।

इस की वजह से पाकिस्तान ने हफिज सईद के जमात-उल-दावा एवं अन्य संगठनों पर कार्रवाई करने के लिए अपने कानून में सुधार किए हैं। पर इस की चर्चा ना हो इस पर पाकिस्तान ने ध्यान दिया है। पाकिस्तान ने जमात से संबंधित होनेवाले दो संस्थाओं पर बंदी डालने की खबरें सामने आ रही।

खुद पर होनेवाली कार्रवाई की आशंका से हफिज  सईद डरने की खबरें भी सामने आ रही थी। पाकिस्तान के यंत्रणा गिरफ्तारी कर के दिखाएं ऐसी चुनौती  हफिज सईद ने दी थी। तथा जम्मू कश्मीर के सुंजवान के हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद इस आतंकवादी संघटना ने पाकिस्तान के लाहौर में अपने समर्थकों को रास्ते पर उतारा था।

अपने विरोध में संभाव्य कार्रवाई रोकने के लिए जैश-ए-मोहम्मद ने यह शक्ति प्रदर्शन किया था, ऐसा विश्लेषकों का कहना है।

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