हफ़ीज़ सईद जैसे आतंकवादी का इस्तेमाल करके पाक़िस्तान का घात होगा : पाक़िस्तान के पूर्व राजदूत की चेतावनी

बंगळुरू, दि. २७ (पीटीआय)- ‘भारतीय सेना की शक्ति से बराबरी करने के लिए पाक़िस्तान हफ़ीज़ सईद जैसे आतंकवादी का इस्तेमाल कर रहा है| यह घटना पाक़िस्तान का घात किये बिना नहीं रह सकती’, इन शब्दों में अमरीका में पाक़िस्तान के पूर्व राजदूत रह चूके हुसेन हक्कानी ने पाक़िस्तान को चेतावनी दी है| पिछले कई सप्ताहों से जम्मू-कश्मीर की हिंसा का फ़ायदा उठानेवाली पाक़िस्तान की सरकार और सेना, इनके लिए यह अपनों से तमाचा खाने के बराबर है| इससे पहले भी पाक़िस्तान के बुज़ुर्ग पत्रकार और विशेषज्ज्ञों ने पाक़िस्तान की सरकार को इस प्रकार की चेतावनी दी थी|

Haqqni - हफ़ीज़ सईदभारतीय सेना की ताकत से बराबरी करने की सनक पाक़िस्तान को लगी हुई है| इसके लिए हफ़ीज़ सईद जैसे आतंकवादी का इस्तेमाल हो रहा है, इसपर हुसेन हक्कानी ने ग़ौर फ़रमाया| लेकिन ऐसा करने के बजाय, पाक़िस्तान अधिक सुखद और सफलता के मार्ग का स्वीकार क्यों नहीं करता? ऐसा सवाल हक्कानी ने किया| ‘इंडिया व्हर्सेस पाक़िस्तान-व्हाय कान्ट वी जस्ट बी फ्रेंड्स’ यह क़िताब प्रकाशित हुई है| हाल ही में, बंगळुरू में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था| इस कार्यक्रम में हक्कानी बोल रहे थे|

विशाल भारतीय सेना से पाक़िस्तान को हर वक्त असुरक्षितता महसूस होती है| यह असुरक्षितता की भावना और भारतीय सेना की ताकत की बराबरी करने की अन्धी सनक पाक़िस्तान की अधोगति के लिए ज़िम्मेदार है, ऐसा आरोप हक्कानी ने किया| साथ ही, यह पाक़िस्तान की राष्ट्रीय नीति रह चुकी है, इसका भी उदाहरण हक्कानी ने दिया|

पाक़िस्तान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष परवेज़ मुशर्रफ़ ने पाक़िस्तानी अख़बारों के संपादकों से की हुई अनौपचारिक बातचीत के दौरान खुलेआम आतंकी संगठनों का समर्थन किया था, यह रहस्य हुसेन हक्कानी ने इस वक्त उजागर किया|

‘तुम सभी लश्कर-ए-तयब्बा’ बंद करने की माँग कर रहे हो| लेकिन यह संगठन यानी भारत के खिलाफ़ लड़नेवाली मेरी रिज़र्व सेना है’, ऐसे मुशर्रफ ने उस वक्त कहा था| राष्ट्राध्यक्ष द्वारा ही ऐसी भाषा बोली जाने के बाद, आतंकवाद ही पाक़िस्तान की राष्ट्रीय नीति बन गई तो अचरज कैसा, ऐसी टिप्पणी हक्कानी ने की| साथ ही, आतंकवादियों से पाक़िस्तान को कोई भी लाभ नहीं होगा, ऐसी चेतावनी हक्कानी ने दी है| हफ़ीज़ सईद जैसा आतंकवादी पाक़िस्तान का भला कभी भी नहीं चाहेगा, यह बात भी हक्कानी ने आगे कही| इसी दौरान, जम्मू-कश्मीर में बुर्‍हान वाणी ढेर होने के बाद हुई हिंसा का फ़ायदा उठाने के लिए पाक़िस्तान की सरकार और सेना आगे आ रही है| आतंकी संगठन भी कश्मीर संदर्भ में तीखे बयान दे रहे हैं| उसपर पाक़िस्तान के कुछ समझदार पत्रकार और विशेषज्ज्ञों ने पाक़िस्तान की सरकार को हक्कानी की तरह ही चेतावनी दी थी|

हफ़ीज़ सईद जैसे आंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी को कश्मीर के बारे में बोलने का मौका देकर पाक़िस्तान की सरकार अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रही है, ऐसी आलोचना पाक़िस्तान के कुछ न्यूज चॅनेल्स ने की थी| इससे पाक़िस्तान आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम हो रहा है, इस बात पर पाक़िस्तान के पत्रकारों ने ग़ौर फ़रमाया था| लेकिन अपनी पहचान टिकाने के लिए संघर्ष कर रहे प्रधानमंत्री नवाझ शरीफ की सरकार इस सलाह को मानने के लिए तैय्यार ही नहीं है|

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