प्रो. सतिश धवन (१९२०-२००२)

प्रो. सतिश धवन (१९२०-२००२)

१८ जुलाई १९८० के दिन सुबह के समय श्रीहरिकोटा के अन्तरिक्ष अड्डे (स्पेस स्टेशन) से भारत का पहला उपग्रह प्रक्षेपक वाहन (SLV) छोड़ा गया और अपोजी मोटर ने रोहिणी उपग्रह को यथायोग्य गति के साथ निश्चित किए गए कक्ष में यशस्वी रूप में प्रक्षेपित किया। उपग्रह प्रक्षेपण की यंत्रणा प्राप्त कुछ गिने-चुने देशों में भारत […]

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डॉ. जयंत नारळीकर – भाग २

डॉ. जयंत नारळीकर – भाग  २

वैज्ञानिकों को दिखाई देनेवाला ‘विश्वरुप दर्शन’ चाहे कितना भी गूढ़ एवं अद्‌भुत क्यों न हो, फिर भी उसके बारे में जानने का उनका प्रयास चलता ही रहेगा, क्योंकि कोशिशों से ही खगोलशास्त्र की एवं विज्ञान की प्रगति होती रहती है। जिज्ञासा-प्रयोग-निरीक्षण-कारणमीमांसा-भविष्य इस शृंखला से विज्ञान की खोजें होती रहती हैं। डॉ. नारलीकर का प्रमुख काम […]

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भारत-अमरिका के बीच ‘स्ट्रॅटेजिक मिसाइल डिफेन्स’ पर चर्चा – ‘पेंटॅगॉन’ की जानकारी

भारत-अमरिका के बीच ‘स्ट्रॅटेजिक मिसाइल डिफेन्स’ पर चर्चा – ‘पेंटॅगॉन’ की जानकारी

वॉशिंगटन – दक्षिण एशिया के कई देश प्रगत बैलिस्टिक एवं क्रूझ मिसाइल विकसित कर रहे है| इस पृष्ठभुमि पर अमरिका ने भारत के साथ मिसाइल विरोधी यंत्रणा के संबंधी चर्चा शुरू की है| अमरिका ने रक्षा क्षेत्र में शीर्ष साझीदार देश का स्थान भारत को दिया है| इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की नीति का विचार करे तो […]

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चीन युद्ध में अमरिका को भी पराजित कर सकता है – चीन के युद्ध नीति तज्ञों का दावा

चीन युद्ध में अमरिका को भी पराजित कर सकता है – चीन के युद्ध नीति तज्ञों का दावा

लंडन – लष्करी और जासूसी के लिए अंतरिक्ष में छोडे गए सैंकडो उपग्रह ही अमरिका की ताकत मानी जाती है| इन उपग्रहों के बलबुते पर ही अमरिका दुश्मन की हर एक गतिविधि पर कडी नजर रख कर है| उनकी सहायता से ही अमरिका ने दुश्मनों की जगहों पर हमले किए है| लेकिन अमरिका की यह […]

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फ्रान्स के विदेश मंत्री भारत यात्रा पर

फ्रान्स के विदेश मंत्री भारत यात्रा पर

नई दिल्ली – फ्रान्स के विदेश मंत्री जीन वेस ली द्रियान भारत की यात्रा पर हैं और उन्होंने भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ द्विपक्षीय चर्चा की है| दोनों देशों में सामरिक, व्यापार, अंतरिक्ष और एटमी ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग अधिक व्यापक करने का संकल्प भी दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने व्यक्त […]

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डॉ. विक्रम साराभाई भाग-१

डॉ. विक्रम साराभाई भाग-१

हमारे देश का स्वतन्त्रता-प्राप्ति के बाद स्वतंत्र एवं समर्थ अंतरिक्ष संशोधन करने का सपना साकार करने का कार्य जिन वैज्ञानिकों ने साकार किया, उनमें से एक प्रमुख नाम है, डॉ. विक्रम साराभाई। उन्होंने चुनौतियों का स्वीकर कर देश के सपने को प्रत्यक्ष रूप में साकार करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाये। इन प्रयासों को […]

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भारत और ‘यूएई’ के बीच ‘करन्सी स्वॅप’ समझौता

भारत और ‘यूएई’ के बीच ‘करन्सी स्वॅप’ समझौता

अबू धाबी: भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में अत्यंत महत्वपूर्ण करार हुए है| जिसमें एक दूसरों के चलन में व्यापार करनेवाले ‘करंसी स्वैप’ करार का समावेश है| साथ ही अफ्रीकन देशों के विकास के लिए भारत-यूएई संयुक्त रूप से प्रयत्न करने वाले हैं| भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इनके यूएई दौरे में इस […]

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डॉ. वसंत गोवारीकर

डॉ. वसंत गोवारीकर

मौसम विज्ञान शास्त्र (Meterology Science) में बहुमूल्य योगदान स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्‍चात् की अवधि में अनेक क्षेत्रों में तेज़ी से बदलाव आया। खेती, खेती बाड़ी की प्रक्रिया से संबंधित ‘हरितक्रांति’, वहीं दुग्ध एवं दुग्धजन्य पदार्थों से संबंधित ‘धवलक्रांति’ हुई। साथ ही दोनों ही क्रांतियों के पूरक ऐसे संशोधन एक ओर शुरू हो चुके थे। भारत […]

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खगोलशास्त्र में अनमोल योगदान डॉ. गोविन्द स्वरूप

खगोलशास्त्र में अनमोल योगदान डॉ. गोविन्द स्वरूप

प्राचीन काल से ही हमारे देश में खगोलशास्त्र (अ‍ॅस्ट्रॉलॉजी) का अध्ययन किया जाता है। आधुनिक भारत में इस क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य करके आंतरराष्ट्रीय कीर्ति प्राप्त करनेवाले वैज्ञानिक डॉ. गोविंद स्वरूप का उल्लेख करना आवश्यक है। मूलत: खगोलशास्त्र यह कुछ पेचीदा सा विषय लगता है, फिर भी यह काफी दिलचस्प है। ग्रहगोल, तारे, नक्षत्र इनकी […]

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डॉ. होमी जहांगीर भाभा

डॉ. होमी जहांगीर भाभा

तमिलनाडू के कुंडकुलम् नामक स्थान पर एक हजार मेगावॅट क्षमता की चार परमाणु केन्द्रों के निर्माण की घोषणा कुछ वर्ष पूर्व भारतीय अणुऊर्जा महामंडल के अध्यक्ष ने की। इन चार अणु केन्द्रों सहित कुल छह अणुऊर्जा प्रकल्प में से कुल १७ अणु केन्द्रों के कारण भारत के समक्ष रहनेवाली ऊर्जा से संबंधित अनेक समस्याओं का […]

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