फ्रान्स के विदेश मंत्री भारत यात्रा पर

नई दिल्ली – फ्रान्स के विदेश मंत्री जीन वेस ली द्रियान भारत की यात्रा पर हैं और उन्होंने भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ द्विपक्षीय चर्चा की है| दोनों देशों में सामरिक, व्यापार, अंतरिक्ष और एटमी ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग अधिक व्यापक करने का संकल्प भी दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने व्यक्त किया है| तथा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की घोषणा उस समय विदेश मंत्री स्वराज एवं विदेश मंत्री द्रियान ने की है|

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भारत एवं फ्रान्स के द्विपक्षीय संबंध बड़े गतिमान रूप से विकसित हो रहे हैं और एक-दूसरे पर दृढ़ विश्वास इन संबंधों का आधार है| विशेष रूप से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत एवं फ्रान्स के सहयोग का लाभ केवल दो देशों को ही नहीं बल्कि सारे क्षेत्र को मिलेगा, ऐसा विश्वास विदेश मंत्री स्वराज ने व्यक्त किया है| इसके अलावा फ्रान्स के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार इस वर्ष ९.६२ अरब यूरो पर गया है और इसकी व्याप्ति बढ़ सकती है, ऐसा विश्वास दोनों नेताओं ने व्यक्त किया है| सन २०२२ तक भारत-फ्रान्स व्यापार १५ अरब यूरो पर ले जाने के लिए द्विपक्षी व्यापारी संबंध अधिक दृढ़ किया जाए, इस पर भी दोनों नेताओं की सहमती हुई है|

जैतापुर के परमाणु ऊर्जा प्रकल्प के काम का भी फ्रान्स के विदेश मंत्री ने ब्यौरा करने का वृत्त है| आनेवाले वर्ष से इस प्रकल्प का काम शुरू होगा, ऐसा विदेश मंत्री स्वराज ने कहा है| साथ ही भारत के साथ फ्रान्स के सामरिक सहयोग नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए फ्रान्स ने कई निर्णय लेने की बात विदेश मंत्री द्रियान के भेंट में स्पष्ट हो रही है| इसके अनुसार फ्रान्स भारतीय वायुसेना को दो मिराज-२००० लड़ाकू विमान बिना शुल्क प्रदान करेगा, ऐसी घोषणा की गई है|

इससे पहले भी फ्रान्स से खरीदारी किए गए मिराज लड़ाकू विमानों का रखरखाव एवं उनके आधुनिकीकरण के लिए फ्रान्स ने सहायता की है| आनेवाले समय में यह सहयोग अधिक व्यापक होंगे, ऐसा स्पष्ट संकेत फ्रान्स से दिए जा रहे हैं|

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