सावन्तवाडी भाग-३

सावन्तवाडी भाग-३

सावन्तवाडी से चंद कुछ ही किलोमीटर्स की दूरी पर हमारी मुलाक़ात होती है, साफ़ सुथरे सागरकिनारे से। नीला गहरा सागर, स़फेद रेत, मनचाही शान्तिके साथ ही यहाँ के कई किनारों पर सरो के पेड़ों के बन भी है। यह इलाक़ा किसी चित्र में दिखायी देनेवाले नज़ारे जैसा ख़ूबसूरत दिखायी देता है। इसी सावन्तवाडी से दूसरे […]

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दिल्ली भाग-५

दिल्ली भाग-५

मयूरसिंहासन। दिल्ली के अतीत के एक लंबे दौर का यह गवाह रह चुका है। सोना, हीरें, मोती, माणिक, पन्नें इनसे बने इस सिंहासन पर मार्च १६३५ में सर्वप्रथम विराजमान हुआ, दिल्ली का शासक ‘शाहजहाँ’। पिछले लेख में हम ‘तवेर्नियर’ इस फ्रान्सिसी जौहरी द्वारा किये हुए मयूरसिंहासन के वर्णन को पढ़ ही चुके हैं। उसने स्वयं […]

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मक्का में हजारों टिड्डों की घुसपैठ – सउदी यंत्रणा ने किया समस्या का निवारण

मक्का में हजारों टिड्डों की घुसपैठ – सउदी यंत्रणा ने किया समस्या का निवारण

रियाध – इस्लामधर्मियों के सर्वोच्च श्रद्धास्थान रहे मक्का के पावन धर्मस्थल पर टिड्डों और तिलचट्टे बडी संख्या में दाखिल हुई थी| सउदी की यंत्रणा ने परिस्थिति पर समय में ध्यान देकर प्रतिबंधक उपाय किए और कुछ ही समय में यहां पर बनी समस्या का निवारण करने का ऐलान किया| इन टिड्डों या तिलचट्टे की वजह […]

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दिल्ली भाग-२

दिल्ली भाग-२

नई दिल्ली! भारत की राजधानी। पुरानी दिल्ली से तो हमारा थोड़ा बहुत परिचय हो ही चुका है। अब जैसा कि पिछले लेख के अन्त में कहा था, हम ‘नई दिल्ली’ के बारे में प्रारम्भिक जानकारी प्राप्त करते हैं। ‘नई दिल्ली’ के नाम से ही पता चलता है कि इसकी रचना हाल ही में की गयी […]

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समय की करवट (भाग ६४) – ‘सुएझ नहर’ कथा : पिछले पन्ने से अगले पन्ने पर….

समय की करवट (भाग ६४) – ‘सुएझ नहर’ कथा : पिछले पन्ने से अगले पन्ने पर….

‘समय की करवट’ बदलने पर क्या स्थित्यंतर होते हैं, इसका अध्ययन करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। इसमें फिलहाल हम, १९९० के दशक के, पूर्व एवं पश्चिम जर्मनियों के एकत्रीकरण के बाद, बुज़ुर्ग अमरिकी राजनयिक हेन्री किसिंजर ने जो यह निम्नलिखित वक्तव्य किया था, उसके आधार पर दुनिया की गतिविधियों का अध्ययन कर रहे […]

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श्रीसाईसच्चरित : अध्याय-३ : भाग-४४

श्रीसाईसच्चरित : अध्याय-३ : भाग-४४

गृहस्थी और परमार्थ को एकसाथ आसानी से सफल बनाया जा सके, हर कोई अपने जीवनविकास का मार्ग सहजता से प्राप्त कर सके इसके लिए सद्गुरु साईनाथजी का सगुण ध्यान सहजता से जिस पथ से हो सकता है, वह पथ है साईनाथजी की कथाओं का मार्ग श्री साईनाथ ने अपने श्रद्धावानों के लिए श्रीसाईसच्चरित के रूप […]

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श्रीसाईसच्चरित : अध्याय-३ : भाग-४१

श्रीसाईसच्चरित : अध्याय-३ : भाग-४१

बाबा के शुद्ध यश का वर्णन। प्रेमपूर्वक उनका श्रवण। होगा इससे भक्त-कश्मल-दहन। सरल साधन परमार्थ का॥ बाबा के शुद्ध यश का वर्णन अत्यन्त प्रेमपूर्वक करना और उसी प्रेम के साथ उस गुणसंकीर्तन का श्रवण करना यही सबसे अधिक आसान साधन है। यह साधन भी है और यह साध्य भी है, इसीलिए यह सबसे अधिक आसान […]

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डॉ. वसंत गोवारीकर

डॉ. वसंत गोवारीकर

मौसम विज्ञान शास्त्र (Meterology Science) में बहुमूल्य योगदान स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्‍चात् की अवधि में अनेक क्षेत्रों में तेज़ी से बदलाव आया। खेती, खेती बाड़ी की प्रक्रिया से संबंधित ‘हरितक्रांति’, वहीं दुग्ध एवं दुग्धजन्य पदार्थों से संबंधित ‘धवलक्रांति’ हुई। साथ ही दोनों ही क्रांतियों के पूरक ऐसे संशोधन एक ओर शुरू हो चुके थे। भारत […]

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नायजेरिया में हैजे से १७५ लोगों की मृत्यू – १० हजार से अधिक लोग हैजे से बिमार होने का डर

नायजेरिया में हैजे से १७५ लोगों की मृत्यू – १० हजार से अधिक लोग हैजे से बिमार होने का डर

अबुजा: नायजेरिया के ईशान्य क्षेत्र में हैजे का बडा फैलाव हुआ है| इस दौरान १० हजार लोक हैजे के चपेट में आने से बिमार हुए है| इस के अलावा हैजे के कारण १७५ लोगों की मृत्यू हुई है और असल में इस बिमारी से जान गंवाने वालों की संख्या ज्यादा हो सकती है, ऐसा डर […]

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मथुरा भाग-५

मथुरा भाग-५

धुआँधार बारिश हो रही थी। मानों जैसे उसने न रुकने का प्रण ही कर लिया हो! एक-दो नहीं, बल्कि कुल सात दिन तक वहाँ लगातार बारिश हो रही थी। मग़र फिर भी गोकुलवासी, उनकी गौएँ तथा अन्य सभी मवेशी आदि सुरक्षित थे। क्योंकि वे श्रीकृष्ण की छत्रछाया में थे और उनके सिर पर छत्र था […]

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