गणपतराव पाटील

गणपतराव पाटील

बढ़ता हुआ तापमान, बारिश की अनियमितता, आवागमन की समस्यायें, पथरीली ज़मीन, रेत के समान क्षारीय मिट्टी इस प्रकार की अनेक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आधुनिक एवं प्रयोगशील पद्धति से खेती करने के लिए यदि प्रयास किया जाये तो विदेशों में होनेवाली के खेती के समान हमारे यहाँ की खेती भी विकसित हो सकती […]

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९४. रेगिस्तान में ख़ेती

९४. रेगिस्तान में ख़ेती

जिस प्रकार इस्रायल के डेव्हलपमेंट टाऊन्स का ज़िक्र किया, तो एरिएह शेरॉन का नाम सामने आता है, उसी प्रकार नेगेव्ह के रेगिस्तान के विकास का ज़िक्र होने पर एक ऐसा ही नाम आँखों के सामने आ जाता है – ‘मेनाकेम पर्लमटर’! सन १९२८ में तत्कालीन झेकोस्लोव्हाकिया में जन्मे पर्लमटर का नाम ‘नेगेव्ह विकास के शिल्पकार’ […]

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कर्तारपूर संबंधी भारत ने रखे अधिकांश प्रस्ताव पाकिस्तान को मंजूर

कर्तारपूर संबंधी भारत ने रखे अधिकांश प्रस्ताव पाकिस्तान को मंजूर

लाहोर – कर्तारपूर कॉरिडोर संबंधी भारत ने रखी अधिकांश मांगे पाकिस्तान ने मंजूर की है| भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों की इस मुद्दे पर रविवार के दिन बैठक हुई| इस बैठक में भारत ने रखे अधिकांश प्रस्ताव पर पाकिस्तान के शिष्टमंडल ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दर्ज की है| इससे पहले हुई बैठक में पाकिस्तान ने भारत […]

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श्रीसाईसच्चरित : अध्याय-३ : भाग- ७३

श्रीसाईसच्चरित : अध्याय-३ : भाग- ७३

ईश्‍वर का गुणसंकीर्तन करना यह श्रद्धावानों के लिए होनेवाले अत्यन्त महत्त्वपूर्ण मुद्दे का अध्ययन हम कर रहे हैं। इसके लिए हमने नीचे दिए गए उपमुद्दों का अध्ययन अब तक किया। १) किसी भी विरोध की परवाह किए बगैर ईश्‍वर का गुणसंकीर्तन करते रहना। २) सभी द्वंद्वों में गुणसंकीर्तन शुरू रखना। ३) साईनाथ का कृपाहस्त सिर […]

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अशोक बंग

अशोक बंग

पिछले कुछ वर्षों से ग्रामीण विभाग की कृषि संबंधित समस्यायें अधिक गंभीर हो चली जा रही हैं। कृषि की नवीन स्वावलंबी राह चुनना यह इसके प्रति एक अच्छा उपाय साबित हो सकता है और ऐसी खेती नैसर्गिक दृष्टिकोण से दीर्घकाल तक के लिए उपयोगी साबित होगी। पारंपरिक एवं आधुनिक बलस्थानों का उपयोग यह किसानों एवं […]

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वसंत टाकळकर

वसंत टाकळकर

‘घर में नहीं है पानी, गगरिया खाली है रे गोपाला’ (घरात नाही पानी, घागर उताणी रं गोपाला) इस मराठी लोकगीत का अर्थ कोई चाहे कैसे भी लगाये, परन्तु आज के विज्ञानयुग में विशेष तौर पर पृथ्वी पर होने वाला ‘पानी’ यह एक चुनौतीपूर्ण विषय दिखाई देता है। जलसंवर्धन, वनीकरण आदि कार्यों का बोलबाला रहता है। […]

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बद्रीनारायण बारवले

बद्रीनारायण बारवले

उचित परिवर्तन किसी भी क्षेत्र में गति एवं स्वाभाविक तौर पर स्थिरता अर्थात स्थिति प्राप्त करवाते रहता है। लकीर के फकीर बनकर कृषि-व्यवसाय के संबंध में यदि चलते रहे तो कृषि संबंधी उसका अनुमान गलत साबित होता है और कृषक वर्ग बेहाल हो जाता है। इसके लिए कृषि की ओर व्यावसायिक दृष्टिकोण अपनाने की हिम्मत […]

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कांगड़ा भाग-५

कांगड़ा भाग-५

चारों ओर नज़र फेरने पर दिखायी देती हैं, ऊँचीं ऊँचीं पहाड़ियाँ और बर्फ़ से आच्छादित उनकी चोटियाँ, ख़ास कर सुबह तो इन चोटियों पर जमी हुई बर्फ़ साफ़ साफ़ दिखायी देती है। जिस तरह इन पहाड़ियों की चोटियों पर बर्फ़ रहती है, उसी तरह उनके बदन पर छायी हुई है, पेड़ पौधों की हरियाली। हिमालय […]

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कोझिकोड भाग-३

कोझिकोड भाग-३

‘व्यापारीयों की लगातार हो रही आवाजाही, माल ले आने-जानेवालें देश-विदेशों के कई जहाज़’ ऐसा ही कुछ स्वरूप था, पुराने कोझिकोड का यानि कोळिकोड या कालिकत का। समय के साथ साथ कोझिकोड का चेहरा भी बदलने लगा और आज का कालिकत आधुनिक युग के स्पर्श से भी अछूता नहीं रहा। आज यह बंदरगाह एक शहर के […]

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भारतीय सेना में ‘धनुष’ का समावेश

भारतीय सेना में ‘धनुष’ का समावेश

नई दिल्ली/मुंबई – करीबन ३८ किलोमीटर दूरी तक सटीक हमला करने में सक्ष छह ‘धनुष’ तोंप भारतीय सेना के बेडे में शामिल की गई है| इसके पहले दक्षिण कोरिया से ‘के-९ वर्ज’ और अमरिका से खरीदी ‘एम-७७७’ तोंप भारतीय सेना को प्राप्त हुई थी| इस वजह से भारतीय सेना की मारक क्षमता में काफी बढोतरी […]

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