चीन के सहयोग से पैसिफिक द्वीप समूह देश पीछे हटे

सुवा – ‘कॉमन डेवलपमेंट व्हिजन’ नामक प्रस्ताव लेकर चीन के विदेशमंत्री वैंग यी पैसिफिक क्षेत्र के सात द्वीप समूह देशों की यात्रा पर हैं। यह द्वीप समूह देश चीन के साथ व्यापारी और रक्षा संबंधित समझौते करें, इसके लिए चीन के विदेशमंत्री कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, इस मुद्दे पर पैसिफिक द्वीप समूह देशों की सहमति ना होने की बात कहकर फिजी के प्रधानमंत्री ने ऐसे सहयोग को स्पष्ट इन्कार किया। इस वजह से दहल उठे चीन ने कहा कि, चिंता करने की वजह नहीं है, और पैसिफिक द्वीप समूह देशों को समझाने की कोशिश शुरू की है।

पिछले हफ्ते जापान में ‘क्वाड’ की बैठक हुई। इस अवसर पर अमरीका ने ‘एशिया-प्रशांत’ क्षेत्र के १३ देशों के साथ ‘इंडो-पैसिफिक इकॉनॉमिक फ्रेमवर्क’ (आईपीईएफ) नामक विशेष आर्थिक गुट का ऐलान किया। इससे बेचैन हुए चीन ने पैसिफिक क्षेत्र के द्वीप समूह देशों के साथ रक्षा सहयोग स्थापित करके अमरीका और ऑस्ट्रेलिया को घेरने की तैयारी की है, ऐसी खबरें प्रसिद्ध हुई थीं।

चीन ने उस पर लगाए इन आरोपों को ठुकराया था। लेकिन, पैसिफिक क्षेत्र के दस द्वीप देशों के साथ ‘कॉमन डेवलपमेंट व्हिजन’ नामक कार्यक्रम शुरू करने का ऐलान चीन ने किया। इसके तहत इन पैसिफिक देशों के साथ व्यापार और रक्षा सहयोग शुरू करने के संकेत चीन ने दिए थे। साथ ही इस प्रस्ताव को पैसिफिक के सभी द्वीप देश स्वीकृति प्रदान करें, इसके लिए चीन के विदेशमंत्री वैंग यी गुरूवार से पैसिफिक देशों के दौरे पर हैं।

इससे संबंधित फिजी में आयोजित बैठक में चीन के हाथ निराशा लगी। क्योंकि, सोमवार को फिजी के प्रधानमंत्री फ्रैंक बैनिमरामा ने स्पष्ट शब्दों में चीन के इस प्रस्ताव पर पैसिफिक के द्वीप समूह देशों की सहमति ना होने की बात कही। इस क्षेत्र के किसी भी सहयोग को लेकर पैसिफिक द्वीप समूह देशों की सहमति होती है तभी उसका स्वीकार किया जाता है। लेकिन, चीन के इस प्रस्ताव पर पैसिफिक द्वीप देशों को वैसी गारंटी नहीं मिल रही है, ऐसा प्रधानमंत्री बैनिमरामा ने कहा।

फिजी के प्रधानमंत्री का यह इन्कार चीन के लिए झटका माना जा रहा है। विदेशमंत्री वैंग यी ने पैसिफिक के द्वीप समूह देशों को बेवजह चिंता ना करने की सलाह दी। साथ ही चीन के साथ सहयोग करने से पूरे विश्‍व में सौहार्दता स्थापित होगी, यह दावा विदेशमंत्री यी ने किया। लेकिन, सॉलोमन आयलैण्डस्‌ के साथ चीन के सहयोग का उदाहरण सामने होने से पैसिफिक द्वीप समूह देश चीन के ऐसे गुमराह करनेवाले बयानों में नहीं फसेंगे, यह दावा ऑस्ट्रेलिया के माध्यम कर रहे हैं। 

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