डीआर कांगो में हुए आतंकी हमले में ४० से अधिक की मौत

किन्शासा – मध्य अफ्रीका के ‘डीआर कांगो’ में किए गए आतंकी हमले में ४० से अधिक की मौत हुई है। ‘आयएस’ से जुड़े आतंकी गुट ‘अलाईड डेमोक्रैटिक फोर्सेस’ (एडीएफ) ने यह हमले करने की जानकारी सामने आयी है। पिछले महीने से ‘डीआर कांगो’ के इतुरी और नॉर्थ किवु प्रांत में लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं और सेना एवं सरकार इन हमलों को रोकने में नाकाम होने से स्थानीय लोगों में तीव्र असंतोष की बात कही जा रही है।

शनिवार सुबह नॉर्थ किवु प्रांत के बेनी रीजन इलाके में ‘एडीएफ’ के आतंकियों ने हमला किया। इस हमले में कम से कम २७ लोग मारे गए और कई घायल हुए, यह जानकारी सेना अधिकारी ने साझा की। आतंकियों ने इस हमले को अंजाम देते समय बंदूक और बड़े छुरों का प्रयोग किया। आतंकी हमले के बाद सेना ने चलाए अभियान में सात आतंकी मारे जाने की बात कही गयी है।

इस हमले से पहले नॉर्थ किवु प्रांत से जुड़े इतुरी प्रांत में आतंकियों ने निर्मम हत्याओं को अंज़ाम देने की बात स्पष्ट हुई। इतुरी प्रांत के इरुमु क्षेत्र में १७ शव बरामद हुए हैं। सेना दल और स्वयंसेवी संगठन ‘रेडक्रॉस’ के सर्च अभियान के दौरान यह शव बरामद हुए। इन सभी मृतकों का सिर धड़ से अलग किया गया था, यह जानकारी सेना अधिकारी ने प्रदान की। इस हत्याकांड़ को ‘एडीएफ’ ने ही अंज़ाम दिया होगा, ऐसी आशंका सेना ने व्यक्त की है।

‘एडीएफ’ संगठन पर ‘आयएस’ का प्रभाव है और कुछ साल पहले इस गुट ने स्वयं को ‘आयएस’ से जोड़ा था। इससे पहले ‘एडीएफ’ के प्रमुख जमील मुकूलू ने किसी समय ‘अल कायदा’ का संस्थापक ओसामा बिन लादेन से भेंट की थी। लादेन के साथ भेंट के बाद जमील ने डीआर.कांगो में ‘एडीएफ’ का गठन करके वहां की सरकार का तख्ता पलटकर इस्लामी हुकूमत स्थापित करने के लिए आतंकी हमले करना शुरू किया था। डी.आर.कांगो के उत्तरी ओर का क्षेत्र और युगांडा की सीमा पर ‘एडीएफ’ सक्रीय है। पिछले कुछ सालों में इसके हमलों में चार हज़ार से अधिक लोगों के मारे जाने का दावा किया जाता है।

‘एडीएफ’ के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए डी.आर.कांगो और युगांड़ा की सेनाओं ने पिछले साल नवंबर से संयुक्त आतंकवाद विरोधि अभियान शुरू किया था। लेकिन, कुछ ही हफ्तों बाद आतंकी हमलों का नया सत्र शुरू होने से, यह अभियान नाकाम होता दिख रहा है।

डीआर कांगो खनिजों से समृद्ध देश है। कोबाल्ट धातु का विश्‍व में सबसे बड़ा उत्पादक देश के तौर पर डीआर कांगो की पहचान है। इसके अलावा इस देश में तांबा और हीरे की खदानें भी हैं। खनिजों के खनन पर ही इस देश की अर्थव्यवस्था बड़ी मात्रा में निर्भर है। विद्रोही एवं आतंकी संगठनों ने अवैध खदान और खनिजों के निर्यात को ताकत बनाकर अपना स्थान मज़बूत किया है। यहां के आतंकी संगठनों को अन्य देशों से समर्थन प्राप्त हो रहा है, यह आरोप भी लागाए जा रहे हैं।

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