राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की भारत यात्रा में व्यापारी समझौते की संभावना नही – विश्‍लेषकों का दावा

वॉशिंग्टन – फरवरी २४ से शुरू हो रही अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के ओर सभी की नजरें लगी हुई है| दोनों देशों के राजनयिक अफसर और नेता इस यात्रा का काफी बडा असर सामने आएगा, यह दावा कर रहे है| साथ ही इस यात्रा में भारत और अमरिका के बीच व्यापारी समझौता होगा, यह संभावना भी व्यक्त की जा रहीहै| पर, वर्तमान की स्थिति देखें तो दोनों देशों में व्यापारी समझौता होना मुमकिन ना होने का दावा कुछ विश्‍लेषकों ने किया है| पर, ट्रम्प की इस यात्रा में रक्षा समजौता होगा, यह इन विश्‍लेषकों का कहना है|

भारत और अमरिका के बीच मित्रता के संबंध विकसित हो रहे है| फिर भी अबतक दोनों देशों का सहयोग उम्मीद के अनुसार उंचाई प्राप्त नही कर सका है, यह बात दोनों देशों के नेतृत्व ने समय समय पर स्वीकारी थी| भारत और अमरिका ने द्विपक्षिय व्यापार ५०० अरब डॉलर्स तक बढाने का उद्देश्य सामने रखा था| अभी भी इस मोर्चे पर दोनों देशों में सहमति नही हो सकी है| अमरिकी उद्योग भारत के बाजार में उम्मीद के अनुसार अवसर प्राप्त ना होने की शिकायत कर रहा है| वही, भारत के आयटी एवं अन्य संबंधित उद्योगों को नुकसान होनेवाले निर्णय ट्रम्प प्रशासन ने किए है| ऐसी स्थिति में दोनों देशों में बने व्यापारी विवाद का हल निकालने के लिए आवश्यक प्रगति नही हुई है| ‘कनेर्जी एंडोव्हमेंट फॉर इंटरनैशनल पीस’ के विश्‍लेषक एशले टेलिस ने इस ओर ध्यान आकर्षित किया है|

इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष की इस भारत यात्रा से ज्यादा कुछ हासिल होने की संभावना नही है, यह दावा टेलिस ने किया है| पर, ट्रम्प की इस यात्रा में भारत और अमरिका के बीच कुछ रक्षा ससमझौते होंगे, यह बयान टेलिस ने किया| पर, इस बारे में भी अबतक पुरा भरोसा जता नही सकते, यह दावा टेलिस ने किया| इसी बीच भारत को अमरिका से प्रगत रक्षा तकनीक प्राप्त करने की उम्मीद है| पर, इसके बदले में रशिया जैसे पारंपरिक मित्रदेश को दुखाने के लिए और इस देश के साथ बना लष्करी सहयोग बंद करने के लिए भारत तैयार नही है| तभी, अमरिका को भारत के रक्षा बाजार में अपना हिस्सा बढाना है| इस वजह से भारत और अमरिका के बीच रक्षा से जुडे सहयोग भी सीमित रह रहा है, यह भी समय समय पर स्पष्ट हुआ है| भारत ने रशिया से ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा खरीद ने का निर्णय किया था और इस पर अमरिका ने प्रतिबंध लगाने की धमकी भारत को दी थी| इसी बीच यह व्यवहार रद्द नही किया तो भारत को बडी किमत चुकानी होगी, ऐसी धमकी स्वयं राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दी थी| 

इस तरह से मतभेद खतम करके रक्षा सहयोग व्यापक करने की चुनौती दोनों देशों के सामने है|

ऐसे विवाद और मतभेदों की पृष्ठभूमि पर भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प स्वयं को भारत का प्रशंसक और समर्थक होने की बात लगातार कहते रहे है| इस भारत यात्रा के दौरान वह काफी अहम ऐलान करके दोनों देशों के संबंधों को नई उंचाई प्रदान कर सकते है, ऐसी क्षमता वह रखते है, यह दावा भी कुछ विश्‍लेषक कर हे है|

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