भारत-रशिया ईंधन सहयोग के लिए समझौता होगा

नई दिल्ली – भारत को रशिया से लंबे समय के लिए ईंधन प्रदान करने के लिए जल्द ही समझौता होगा| भारत में नियुक्त रशिया के राजनयिक अधिकारी ने यह जानकारी दी| भारतरशिया ने वर्ष २०२५ तक द्विपक्षिय व्यापार २५ अरब डॉलर्स तक उंचाने का उद्देश्य सामने रखा है| इस समझौते के कारण यह उद्देश्य आसानी से प्राप्त होगा, यह दावा किया जा रहा है| रशिया जैसे पारंपरिक मित्रदेश से ईंधन प्राप्त होना तय होने पर भारत की उर्जा सुरक्षा में बढोतरी होगी| खास तौर पर संघर्ष और अराजकता का सामना कर रहे खाडी क्षेत्र के देशों से हो रहे ईंधन सप्लाई पर बनी निर्भरता कम होने का बडा लाभ भारत को प्राप्त हो सकता है

देश के लिए आवश्यक ईंधन में से ८० प्रतिशत से भी अधिक ईंधन की भारत आयात करता है| अगले दिनों में भारत की ईंधन की मांग और बढेगी| सौदी अरब, इराक, ईरान यह देश भारत को सबसे अधिक ईंधन प्रदान करते है| पर, पिछले कुछ वर्षों से खाडी और पर्शियन खाडी में हो रही गतिविधियों के कारण भारत की चिंता बढ रही है| अमरिका ने ईरान पर कडे प्रतिबंध लगाने के बाद भारत ने ईरान से ईंधन खरीद कम की थी| इस दौरान सौदी अरब ने भारत को अतिरिक्त ईंधन सप्लाई करने का वादा किया| पर, वर्तमान में खाडी क्षेत्र में संघर्ष शुरू हुआ है और ईरान एवं सौदी अरब जैसे प्रमुख देश एक ही समय पर कई मोर्चों पर जारी संघर्ष में शामिल हुए है| किसी भी क्षण इस संघर्ष से युद्ध की शुरूआत हो सकती है, यह चिंता जागतिक स्तर पर जताई जा रही है

इस पृष्ठभूमि पर भारत की ईंधन सुरक्षा के मुद्दे पर भी चिंता जताई जा रही है| ऐसे दौर में भारत को ईंधन प्रदान करने के लिए अमरिका ने भी उत्सुकता दिखाई है| भारतीय बाजार में अमरिकी ईंधन उतारा भी गया है| तभी ईंधन से भरें रशिया ने भारत को ईंधन प्रदान करने के लिए पहले से रुचि दिखा रहा था| पिछले वर्ष सितंबर महीने में भारत के प्रधानमंत्री रशिया की यात्रा पर थे, उस दौरान दोनों देशों में ईंधन सहयोग की नींव रखी गई थी| इस के अनुसार रशिया के पूर्वी क्षेत्र में स्थित ईंधन परियोजना में निवेश करेन की तैयार भारत ने दिखाई थी|

साथ ही दोनों देशों में जल्द ही ईंधन प्रदान करने के बारे में बडा समझौता होने की उम्मीद है| इससे भारत को लंबे समय तक रशिया से ईंधन प्राप्त होगा|

भारत में नियुक्त रशियन राजनयिक अधिकारी रोमन बाबुश्किन ने यह जानकारी साझा की| अक्टुबर महीने में भारत और रशिया की सालाना परिषद होगी और इसके लिए राष्ट्राध्यक्ष पुतिन भारत पहुंचेंगे| इस दौरान दोनों देशों में ईंधन सहयोग बढाने के लिए समझौता होने के संकेत प्राप्त हुए है|

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