कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान का समर्थन करनेवालीं बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत का झटका

पाकिस्तान का समर्थन

नवी दिल्ली – पाकिस्तान द्वारा कथित ‘कश्मीर सॉलिडॅरिटी डे’ का आयोजन किया जाता है। इस दिन पाकिस्तान में छुट्टी दी जाती है और इस उपलक्ष्य में पाकिस्तान के नेता, लष्करी अधिकारी और माध्यम हर संभव मात्रा में भारत के विरोध में जहर उगलते हैं। लेकिन इस साल कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियां इसमें पाकिस्तान का साथ दे रही है कामा यह बात सामने आई। दक्षिण कोरिया की हुंदाई, किया मोटर्स और अमेरिका की केएफसी, पिझ्झा हट तथा डॉमिनोज् इन कंपनियों ने कथित कश्मीर जीन का संदेश देकर पाकिस्तान का उत्साह बढ़ाया और भारत को उकसाया। भारत के विदेश मंत्रालय ने इसका गंभीर संज्ञान लिया।

हम कश्मीरी जनता के साथ हैं, ऐसे स्वरूप का संदेश इन कंपनियों के विज्ञापनों में था। पाकिस्तान द्वारा कश्मीर के संदर्भ में भारत के विरोध में किए जा रहे अपप्रचार में हाथ बटाने का काम इन कंपनियों के विज्ञापनों से हुआ था। इस पर भारतीयों से क्रोधित प्रतिक्रिया आई। इन कंपनियों को सबक सिखाने का आवाहन सोशल मीडिया में किया जा रहा था। उसे ज़बरदस्त प्रतिसाद भी मिलने लगा था। लेकिन इससे पैरों तले की जमीन खिसकने लगीं इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने, समय पर ही अपनी गलती सुधारने की होशियारी दिखाई है।

हुंदाई कंपनी के इस विज्ञापन के लिए भारत के विदेश मंत्रालय ने दक्षिण कोरिया के भारत में नियुक्त राजदूत को बुलाकर समन जारी किया था। भारत ने इस मामले का गंभीर संज्ञान लिया होने की बात इससे स्पष्ट हुई। उसके बाद दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चुंग याँग ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर को फोन करके इस मामले में अफ़सोस ज़ाहिर किया। भारत की क्षेत्रीय अखंडता के साथ समझौता नहीं किया जा सकता इसका हमें एहसास है, ऐसा दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री ने इस समय स्पष्ट किया।

हुंदाई और किया मोटर्स इन कंपनियों ने भी, भारत यह अपना दूसरा घर है यह बताकर, पाकिस्तान से जारी किए गए इन विज्ञापनों के लिए माफी माँगी है। केएफसी, पिझ्झा हट और डॉमिनोज् इन कंपनियों ने भी हुंदाई का अनुकरण करके भारत से माफी माँगी। भारत में भारी मात्रा में व्यवसाय करनेवालीं कंपनियाँ देश की सार्वभौमिकता तथा अखंडता पर टिप्पणी नहीं कर सकतीं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ऐसा संदेश भारत ने इसके ज़रिए दिया हुआ दिखाई देता है। ख़ासकर सोशल मीडिया में इस मामले में भारतीयों ने दिखाई जागरूकता, भारत में सक्रिय रहनेवालीं बहुराष्ट्रीय कंपनियों को सबक सिखानेवाली साबित हो सकती है।

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