‘यूक्रैन’ मुद्दे पर भारत ने अपनाई स्वतंत्र भूमिका का रशिया ने किया स्वागत

संयुक्त राष्ट्रसंघ – संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में अमरीका ने यूक्रैन का मुद्दा उठाकर रशिया को धमकाया| रशिया ने यूक्रैन पर हमला किया तो इसके भयंकर परिणाम होंगे, यह इशारा अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने दिया| वहां पर मौजूद रशियन राजदूत ने इस बात का उसी समय मुँहतोड़ जवाब दिया| लेकिन, यूक्रैन के मसले पर निर्माण हुआ तनाव तुरंत कम करें, यह आवाहन भारत ने किया| राजनीतिक बातचीत के बिना अलग तरीके से इस समस्या का हल निकाला नहीं जा सकेगा| इसका अहसास भी भारत ने दिलाया है| रशिया ने भारत की इस भूमिका का स्वागत किया|

स्वतंत्र भूमिकारशिया ने यूक्रैन पर हमला किया तो फिर भारत को रशिया का नहीं बल्कि अमरीका का साथ देना होगा, यह उम्मीद अमरीका ने जताई थी| भारत को यदि नियमों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था की मंशा है तो भारत को वैसी ही भूमिका अपनानी पडेगी, ऐसा दबाव अमरिकी विदेशमंत्री ने डाला था| लेकिन, भारत ने अमरीका को फिर से अहसास दिलाया है कि, हमारी विदेश नीति स्वतंत्र है| संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के सदस्य भारत ने यूक्रैन के मसले पर तनाव शीघ्रता से घटाने के लिए कदम उठाने की मॉंग की|

इसके अलावा, भारत ने राजनीतिक बातचीत के बिना इस समस्या का हल निकालने के लिए अन्य विकल्प ही ना होने का बयान ड़टकर किया| अलग शब्दों में संघर्ष के माध्यम से यूक्रैन की समस्या का हल नहीं निकलेगा, इसी बात का पुख्ता अहसास भारत ने कराया है| इस समस्या से जुड़े सभी देशों की सुरक्षा संबंधी हित का विचार करके यह क्षेत्र और इसके आगे के हिस्से में भी लंबे समय तक शांति बनी रह सकेगी, इस तरीके से यहां तनाव कम करना पडेगा, ऐसा भारत ने कहा है| रशिया और यूक्रैन के बीच मिन्स्क समझौता हुआ है| इस समझौते का पालन हो, इस बात पर संयुक्त राष्ट्र संघ में नियुक्त भारत के राजदूत टी.एस.तिरूमुर्ती ने जोर दिया|

यूक्रैन में लगभग २० हज़ार भारतीय रहते हैं और इनमें वैद्यकीय शिक्षा पानेवाले छात्रों की संख्या अधिक है| उनकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है, यह बात राजदूत तिरुमुर्ती ने इस दौरान स्पष्ट की| इसी बीच अमरीका के दबाव के बावजूद भारत ने रशिया का विरोध करने से इन्कार करके यूक्रैन के मसले पर तटस्थ रहने का निर्णय किया| रशिया ने इस बात का स्वागत किया है| भारत की इस मुद्दे पर संतुलित, सैद्धांतिक और स्वतंत्र भूमिका रही है और इसका हम स्वागत करते हैं, ऐसा भारत में नियुक्त रशियन राजदूत ने कहा है|

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