कोई भी समझौता ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोक नहीं सकता – इस्रायल के पूर्व प्रधानमंत्री की अमेरिकन सिनेटर्स को चेतावनी

जेरुसलेम – ईरान के साथ जारी परमाणु चर्चाएँ अंतिम चरण में पहुँची होकर, आनेवाले कुछ दिनों में यह समझौता संभव होने के संकेत बायडेन प्रशासन दे रहा है। लेकिन यह संभाव्य समझौता ईरान के परमाणु कार्यक्रम को हरगिज़ रोक नहीं सकेगा, ऐसी चेतावनी इस्रायल के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने दी। सन 2015 में हुए परमाणु समझौते ने ईरान को परमाणु बम निर्माण का मार्ग खुला करके दिया। अब बायडेन प्रशासन करने जा रहा समझौता पहले से भी बदतर होने की बात नेतान्याहू ने जताई ।

परमाणु कार्यक्रमबायडेन प्रशासन ने ईरान के साथ शुरू कीथ परमाणु चर्चाएँ निर्णायक चरण में पहुँची हैं। ईरान को आर्थिक निधि प्रदान करके और प्रतिबंधों से छूट देकर बायडेन प्रशासन यह परमाणु समझौता करनेवाला है, ऐसी खबरें आ रही हैं। अल्प समय के लिए किया जानेवाला यह समझौता ईरान का परमाणु कार्यक्रम रोक नहीं सकेगा, ऐसा दावा भी कुछ माध्यम कर रहे हैं। ऐसे समय में, यह परमाणु समझौता मान्य ना होनेवाले तथा उसके विरोध में होनेवाले अमेरिकन सिनेटर्स एक के बाद एक इस्रायल में दाखिल हो रहे हैं।

पिछले हफ्ते अमरीका के वरिष्ठ सिनेटर और रिपब्लिकन नेता लिंडसे ग्रॅहम ने इस्रायल का दौरा करके प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट, रक्षा मंत्री बेनी गांत्ज, मोसाद के प्रमुख डेव्हिड बार्नी और पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू से मुलाकात की थी। ग्रॅहम ने खुलेआम इस समझौते को होनेवाला अपना विरोध सार्वजनिक किया था। उसके बाद कुछ ही घंटों में अमेरिकन सिनेट की सभापति नॅन्सी पेलोसी भी इस्रायल में दाखिल हुईं थीं। पेलोसी ने ईरान के साथ होनेवाले संभाव्य समझौते का समर्थन किया था। वहीं, अब अमेरिकन लोकप्रतिनिधी गृह के सत्ताधारी डेमोक्रॅट तथा विपक्षी रिपब्लिकन नेता भी इस्रायल पहुँचे हैं।

परमाणु कार्यक्रमइन अमेरिकन लोकप्रतिनिधियों को संबोधित करते समय पूर्व प्रधानमंत्री नेतान्याहू ने, ईरान के संदर्भ में आक्रामक भूमिका अपनाने का आवाहन किया। परमाणु बम निर्माण की तैयारी में होनेवालीं हुकूमतों को रोकने के लिए किसी भी प्रकार का समझौता उपयोगी साबित नहीं हो सकता। कड़े आर्थिक प्रतिबंध अथवा लष्करी कार्रवाई द्वारा ही ऐसी हुकूमतों को रोका जा सकता है, यह भूतकाल में हमने अनुभव किया है, इसका एहसास पूर्व प्रधानमंत्री नेतान्याहू ने करा दिया। इन दो विकल्पों के अलावा अन्य कोई भी विकल्प सफल साबित नहीं हो सकता, यह बताकर नेतान्याहू ने, ईरान के साथ अंतिम चरण में पहुँची परमाणु चर्चाओं को लक्ष्य किया। वहीं, परमाणु बम निर्माण की कोशिश में होनेवालीं हुकूमतों को रोकने के लिए इस्रायल ने कार्रवाई की थी, संबंधित देशों के न्यूक्लियर प्लांट्स पर हवाई हमले किए थे, इसकी याद इस्रायल के पूर्व प्रधानमंत्री ने करा दी। सन 1981 में इराक तथा सन 2007 में सीरिया के न्यूक्लियर प्लांट्स पर इस्रायल ने किए हवाई हमलों पर पूर्व प्रधानमंत्री नेतान्याहू ने गौर फ़रमाया। चुनिंदा शब्दों में, ईरान का परमाणु कार्यक्रम रोकने के लिए लष्करी कार्रवाई की आवश्यकता होने की चेतावनी नेतान्याहू ने इसके ज़रिए दी।

आनेवाले कुछ दिनों में ईरान के साथ परमाणु समझौता संभव होने की खबरें जारी होने के बाद इस्रायल के प्रधानमंत्री बेनेट ने कहा था कि इस्रायल इस समझौते के साथ उत्तरदाई नहीं है। इस समझौते के कारण खाड़ी क्षेत्र में हिंसा भड़केगी और क्षेत्र अस्थिर होगा, ऐसी चेतावनी बेनेट ने एक कार्यक्रम में बात करते समय दी थी। उस पर बायडेन प्रशासन से प्रतिक्रिया आई है। परमाणु समझौते से बाहर निकलकर हुई गलती की पुनरावृत्ति नहीं हो सकती, ऐसा बायडेन प्रशासन ने स्पष्ट किया। चर्चा के जरिए ही यह समझौता संभव है इस पर अपना विश्वास है, ऐसा व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने इस्रायली माध्यमों के साथ बात करते समय बताया। इस कारण, किसी भी हालत में हम परमाणु समझौता करेंगे ही, ऐसा बायडेन प्रशासन डटकर कह रहा है।

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