रशिया के अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों से कोई भी देश सुरक्षित नहीं है – रशियन राष्ट्राध्यक्ष का इशारा

मॉस्को/वॉशिंग्टन: अन्य देशों की तुलना में रशियन मिसाइलें सर्वाधिक दूरी वाले हैं और दुनिया का कोई भी देश इन मिसाइलों से सुरक्षित नहीं है। दुश्मन की मिसाइल भेदी यंत्रणा भी रशियन मिसाइलों के सामने नाकाम होगी, ऐसा इशारा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने दिया है। रशियन संसद के सामने मिसाइलों की जानकारी देते समय राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने यह घोषणा की है। इसपर पश्चिमी देशों की ओर से प्रतिक्रिया आई है और रशिया ने युद्धकालीन अनुबंधों का उल्लंघन करने का आरोप अमरिका ने लगाया है।

पिछले कुछ महीनों में रशिया ने अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों का परीक्षण करने की जानकारी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने संसद को दी है। अपने आधे घंटे के भाषण पुतिन ने सबसे भीषण मिसाइल की जानकारी देकर पश्चिमी देशों को धमकाया है। ‘रशिया अथवा रशिया के हितसंबंधों के खिलाफ बहुत छोटे परमाणु हमला को भी रशिया पर हमला माना जाएगा और उस हमले को उससे भी अधिक आक्रामकता से प्रत्युत्तर देना मेरा कर्त्तव्य होगा’, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने इशारा दिया है।

उसीके साथ ही अमरिका की नई परमाणु नीति पर भी पुतिन ने टीका की है। ‘मिसाइल हमलों को प्रत्युत्तर देने के लिए परमाणु का इस्तेमाल करेंगे, ऐसा अमरिका ने अपनी नई परमाणु नीति में कहा है’, ऐसा आरोप लगाकर रशिया की नई परमाणु नीति में भी इसी तरह के आक्रामक बदलाव करने की जानकारी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दी है।

इस समय राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने पिछले कुछ महीनों में लिए मिसाइल परीक्षण की जानकारी दी। रशिया ने अतिप्रगत श्रेणी के परमाणु वाहक बैलेस्टिक मिसाइल, अभेद्य हाइपरसोनिक मिसाइल और परमाणु वाहक पनडुब्बी का निर्माण करने की जानकारी पुतिन ने दी है। इसमें ‘आरएस-२८ सॅटमॅट’ (सॅटन-२) इस मिसाइल का उल्लेख भी पुतिन ने किया है। एक ही समय पर कम से कम १५ परमाणु विस्फोटक लेकर जाने की क्षमता वाले इस मिसाइल की मारक क्षमता १६००० किलोमीटर तक है, ऐसा दावा किया जा रहा है।

कुछ महीनों पहले रशियन लष्कर ने परीक्षण किए हुए मिसाइल पश्चिमी देशों की मिसाइलभेदी यंत्रणा को भी गुमराह कर सकते हैं। राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने भी अपने इन मिसाइलों को भेदा नहीं जा सकता, ऐसा रशियन संसद में किए भाषण में दावा किया है। इन अभेद्य मिसाइलों की मारक क्षमता सर्वाधिक है और दुनिया का हर कोना अपने इस मिसाइल की रेंज में आता है ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने घोषित किया है। इसके बाद रशियन लष्कर ने निर्माण किए इन विनाशकारी हथियारों के लिए नए नाम का सुझाव दें, ऐसा पुतिन ने अपने भाषण में आवाहन किया है।

रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दिए इस इशारे पर अमरिका और मित्र देशों ने प्रतिक्रिया दी है। अंतरमहाद्वीपीय, अभेद्य, विध्वंसक मिसाइलों का निर्माण करके रशिया ने शीतयुद्धकालीन अनुबंध का उल्लंघन किया है, ऐसा आरोप अमरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन की प्रवक्ता डॅना व्हाईट ने किया है। साथ ही रशिया के इन मिसाइलों को प्रत्युत्तर देने के लिए अमरिका का लष्कर सज्ज है, होने की घोषणा भी पेंटॅगॉन की प्रवक्ता की है। अमरिका की तरह जापान ने भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष के आक्रामक भाषण पर टीका की है।

इसके बाद रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने अमरिका के इस न्यूज़ चैनल को दिए साक्षात्कार में अमरिका और मित्रदेशों की ओर से होने वाली टीका को प्रत्युत्तर दिया। ‘सन १९७२ में शीतयुद्ध के काल में अमरिका और रशिया के बीच बैलेस्टिक मिसाइल विरोधी अनुबंध हुआ था। लेकिन अमरिका ने पहले ही इस अनुबंध का उल्लंघन किया है, इसीलिए रशिया ने भी इस परमाणु वाहक अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल का निर्माण किया है’, ऐसा कहकर रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने अपनी भूमिका का समर्थन किया है।

दौरान, रशियन राष्ट्राध्यक्ष की इस घोषणा की वजह से दुनिया में शस्त्रस्पर्धा भड़केगी, ऐसी चिंता अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषक व्यक्त कर रहे हैं। आगले दो हफ़्तों के बाद रशिया में होने वाले चुनावों की पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने पश्चिमी देशों को यह इशारा दिया है, इस बात की तरफ ध्यान खींचकर विशेषज्ञ इसके पीछे रशिया की अंतर्गत राजनीति की वजह बता रहे हैं।

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