रशिया विरोधी प्रचारयुद्ध के लिए अमरिका के रक्षा और विदेश मंत्रालय की तैयारी; चार करोड़ डॉलर्स का प्रावधान     

वॉशिंग्टन: रशिया के साथ अन्य देशों की ओर से अमरिका के खिलाफ चल रहा प्रचार और जानकारी युद्ध को प्रत्युत्तर देने के लिए, अमरिका के रक्षा और विदेश विभाग ने सहकार्य का फैसला किया है। दोनों विभागों के बीच परस्पर सामंजस्य अनुबंध हुआ है और उसके अनुसार रक्षा विभाग विदेश विभाग को चार करोड़ डॉलर्स का निधि देने वाला है। यह निधि विदेश विभाग के ‘ग्लोबल एंगेजमेंट सेंटर’ के लिए है और उसे ‘इन्फोर्मेशन एक्सेस फण्ड’ ऐसा नाम दिया गया है।

पिछले कुछ दिनों में अमरिका की संसद के सामने देश के रक्षा और गुप्तचर अधिकारियों की महत्वपूर्ण सुनवाई हुई है। इन अधिकारियों ने अपनी सुनवाई के दौरान रशिया, सायबर हमले, चीन का अमरिका की सुरक्षा को सबसे बड़ा खतरा होने का इशारा दिया है। गुप्तचर अधिकारियों ने अपने वक्तव्य में सायबर हमलों का खतरा प्रमुख रूपसे अधोरेखित किया था और रशिया के हस्तक्षेप के बारे में जानकारी दी थी।

इस पृष्ठभूमि पर रक्षा और विदेश विभाग ने एकजुट होकर ‘इन्फोर्मेशन वॉर्स’ के लिए कदम उठाना ध्यान आकर्षित करने वाली बात है। नए सिरे से स्थापन किए गए ‘इन्फोर्मेशन एक्सेस फंड’ से झूठा प्रचार और खबरें साथ ही गलत जानकारी के खिलाफ मुहीम हाथ में ली जाने वाली है। उसके लिए नगरी समूह, स्वयंसेवी संस्था, मीडिया, सरकारी संशोधन और विकास समूह, निजी कंपनियां और शिक्षा संस्थाओं को निधि की आपूर्ति की जाएगी।

अमरिका के विदेश विभाग ने इस बारे में स्वतंत्र निवेदन भी प्रसिद्ध किया है। उसमें विभाग के ‘पब्लिक डिप्लोमसी एंड पब्लिक अफेयर्स’ विभाग के अंडरसेक्रेटरी स्टीव गोल्डस्टेन ने नए उपक्रम का समर्थन किया है। ‘अमरिका की प्रतिमा ख़राब करने का और उसके बारे में गलत जानकारी फ़ैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ हम आक्रामक कारवाइ जारी रखने वाले हैं और उसके लिए यह निधि बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। कारवाइ के लिए हम हमारे सहकारी, सिलिकॉन व्हॅली साथ ही अन्य भागीदारियों के साथ सहकार्य अधिक मजबूत करने पर जोर देने वाले हैं’, ऐसा गोल्डस्टेन ने कहा है।

नया उपक्रम मतलब बचावात्मक भूमिका न होकर अमरिका आक्रामक नीति के माध्यम से भी प्रत्युत्तर दे सकता है, ऐसा भी गोल्डस्टें ने कहा है। शुरूआती दौर में विदेश विभाग के निधि के अंतर्गत तेजी से विविध प्रकार की मुहिमों के लिए कम से कम १० लाख डॉलर्स का निधि देने की योजना है। इस निधि के माध्यम से नए ‘मेसेजिंग’ और डेटा सायंस टेक्निक्स’ को प्रोत्साहन दिया जाएगा। उसीके साथ ही ‘ग्लोबल एंगेजमेंट सेंटर’ अमरिका के रक्षा विभाग ने विकसित की हुई नई योजनाएं कार्यान्वित करने वाला है।

पिछले दशकभर में अमरिका पर होने वाले सायबर हमलों का प्रमाण सतत बढ़ रहा है और उस वजह से सुरक्षा और अर्थव्यवस्था इन दोनों क्षेत्रों को बड़ा झटका लगा है। इन सायबर हमलों में रशिया, चीन, ईरान, उत्तर कोरिया जैसे देशों का बड़ा सहभाग होने की बात सामने आयी थी। उसे प्रत्युत्तर देने के लिए अमरिका ने ‘सा्यबरवेपन्स’ विकसित करने की और ‘सायबरयुद्ध’ की तैयारी करने की जानकारी भी सामने आयी थी।

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